- यह पुस्तक निवेश के मूलभूत सिद्धांतों को समझने में मदद करती है।
- इसमें वास्तविक उदाहरणों के साथ-साथ विभिन्न निवेश रणनीतियों का वर्णन किया गया है।
- ग्राहम और बफे जैसे निवेशकों के सिद्धांतों की महत्ता को समझाते हुए, इस पुस्तक ने निवेश की महत्वपूर्ण दिशाओं को प्रस्तुत किया है।
- पुस्तक में निवेश के क्षेत्र में सफलता की कहानियाँ और वास्तविक उदाहरणों का विस्तार से वर्णन किया गया है।
- निवेशकों को अनुशासन, स्वतंत्र सोच, और विश्लेषण की महत्वपूर्णता को समझाते हुए, यह पुस्तक उन्हें बाजार के रुझानों को समझने के लिए प्रेरित करती है।
- भारतीय बाजारों में सफल निवेशकों के उदाहरणों को देखते हुए, पुस्तक निवेश की बारीकियों को समझने में मदद करती है।
- निवेशकों को सिद्धांतों को अपनाकर और तर्कसंगत सोच के साथ निवेश करने के लिए प्रेरित करती है।
- निवेश के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए निवेशकों को विश्वास और धैर्य रखने के महत्व को समझाती है।
- पुस्तक निवेश के उत्तरदायित्व और निवेश रणनीतियों की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
- निवेश की दुनिया में नए और अनुभवी निवेशकों को गाइड करने के लिए इस पुस्तक को पढ़ना चाहिए।
वैज्ञानिक निवेश की पद्धति के जनक, बेंजामिन ग्राहम ने प्रतिप्रदित किया है।
1) यह पुस्तक निवेश के उन मूलभूत सिद्धांतों को, वास्तविक उदाहरणों के साथ प्रस्तुत करती है, जिन्हें वैज्ञानिक निवेश की पद्धति के जनक, बेंजामिन ग्राहम ने प्रतिप्रदित किया है।
2) इसमें उन साधारण, किंतु बेहद कारगर दिशा-निर्देशों का भी विश्लेषण किया गया है, जिन्हें अपनाते हुए उनके सबसे मेधावी छात्र वॉरेन बफे ने निवेश की दुनिया की चुनौतियों को पार कर दुनिया के तीन सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बनने का सफर तय किया।
3) इसका भी वर्णन किया गया है कि विस्तृत विश्लेषण, स्वतंत्र सोच और अनुशासन की मदद से कैसे लाभ हासिल किया जा सकता है, तथा कैसे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए बाजार के रुझानों को नजरअंदाज कर देना चाहिए।
4) भारतीय बाजारों के सफलतम निवेशकों का भी उदाहरण के तौर पर इसमें जिक्र है—असाधारण रूप से सफल और क्रिस कैपिटल के संस्थापक आशीष धवन, मॉर्गन स्टेनले में इमर्जिंग मार्केट्स के पूर्व प्रमुख माधव धर; चैतन्य डालमिया, जिनकी स्वयं की कंपनी का प्रदर्शन तमाम दूसरी निधियों के मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर है, और संजय बख्शी, जो मूल्य निवेश की शिक्षा देते हैं तथा भारत के लिए एक विशिष्ट कोष भी चलाते हैं।
5) इन उदाहरणों से यह स्पष्ट हो जाता है कि निवेशकों ने किस प्रकार ग्राहम और बफे के तरीकों को अपनाया और तर्कसंगत सोच के साथ असाधारण लाभ कमाया है।
2) इसमें उन साधारण, किंतु बेहद कारगर दिशा-निर्देशों का भी विश्लेषण किया गया है, जिन्हें अपनाते हुए उनके सबसे मेधावी छात्र वॉरेन बफे ने निवेश की दुनिया की चुनौतियों को पार कर दुनिया के तीन सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बनने का सफर तय किया।
3) इसका भी वर्णन किया गया है कि विस्तृत विश्लेषण, स्वतंत्र सोच और अनुशासन की मदद से कैसे लाभ हासिल किया जा सकता है, तथा कैसे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखते हुए बाजार के रुझानों को नजरअंदाज कर देना चाहिए।
4) भारतीय बाजारों के सफलतम निवेशकों का भी उदाहरण के तौर पर इसमें जिक्र है—असाधारण रूप से सफल और क्रिस कैपिटल के संस्थापक आशीष धवन, मॉर्गन स्टेनले में इमर्जिंग मार्केट्स के पूर्व प्रमुख माधव धर; चैतन्य डालमिया, जिनकी स्वयं की कंपनी का प्रदर्शन तमाम दूसरी निधियों के मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर है, और संजय बख्शी, जो मूल्य निवेश की शिक्षा देते हैं तथा भारत के लिए एक विशिष्ट कोष भी चलाते हैं।
5) इन उदाहरणों से यह स्पष्ट हो जाता है कि निवेशकों ने किस प्रकार ग्राहम और बफे के तरीकों को अपनाया और तर्कसंगत सोच के साथ असाधारण लाभ कमाया है।
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लेखक के बारे में :
आर्यमन डालमिया का जन्म 1997 में हुआ। वह वसंत वैली स्कूल, नई दिल्ली के छात्र हैं। अपने पिता श्री चैतन्य डालमिया से चर्चाओं के फलस्वरूप उनकी रुचि निवेश हुई। वह व्यापार और निवेश में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं, जिसमें वह बेंजामिन ग्राहम और वॉरेन बफे के सूत्रों का अनुसरण कर भारत के आर्थिक विकास को गति देने का इरादा रखते हैं। वह नई दिल्ली में अपने माता-पिता, दादा-दादी और दो बहनों के साथ रहते हैं। उनकी अन्य रुचियों में क्रिकेट और गिटार हैं। उनसे aryaman.dalmia@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।