आज कहीं नौकरी करने की तुलना में स्वतंत्र कर्मी बनना बल्कि अपने खुद का बिजनेस शुरू करना आसान है। इसकेलिए आपकी लगन, मेहनत, दूरदर्शिता, निर्णय-क्षमता और नए-नए आइडिया ही सफलता का मार्ग खोलेंगे, इसलिए ‘नौकरी नहीं, बिजनेस आइडिया’ आपके स्वर्णिम भविष्य का आधार है। प्रसिद्ध मोटिवेशनल गुरु एवं वक्ता श्री एन. रघुरामन के दीर्घ अनुभव से उपजे ये फंडे आपको नई ऊर्जा देंगे और आपका आत्मविश्वास जाग्रत् करेंगे— जीवन में किसी क्षेत्र में सच्ची रुचि जागती है, तो अवसर दरवाजे खटखटाते हैं। कुछ के जीवन में जल्दी तो कुछ के देर से। बिजनेस और भरोसा भी साथ-साथ चल सकते हैं। बस इसके लिए सही तालमेल बैठाने की जरूरत है। अपने दरवाजे पर बड़े अवसरों की दस्तक का इंतजार मत कीजिए, छोटी पहल करके उनकी तलाश कीजिए। वे आपके लिए बड़े दरवाजे खोल देंगी। जब आप क्वालिटी से समझौता करते हैं तो कोई भी बिजनेस क्यों न हो, वह ग्राहकों की उदासीनता का शिकार होने लगता है।
बिजनेस और भरोसा भी साथ-साथ चल सकते हैं। बस इसके लिए सही तालमेल बैठाने की जरूरत है।
1) आज कहीं नौकरी करने की तुलना में स्वतंत्र कर्मी बनना बल्कि अपने खुद का बिजनेस शुरू करना आसान है। इसकेलिए आपकी लगन, मेहनत, दूरदर्शिता, निर्णय-क्षमता और नए-नए आइडिया ही सफलता का मार्ग खोलेंगे, इसलिए ‘नौकरी नहीं, बिजनेस आइडिया’ आपके स्वर्णिम भविष्य का आधार है। प्रसिद्ध मोटिवेशनल गुरु एवं वक्ता श्री एन. रघुरामन के दीर्घ अनुभव से उपजे ये फंडे आपको नई ऊर्जा देंगे और आपका आत्मविश्वास जाग्रत् करेंगे
2) रोजगार का पारंपरिक बाजर जरूरत और सुविधा के कारण अस्तित्व में आया था। इंटरनेट के आने से पहले कंपनियाँ किसी एक स्थान से कुशल कामगारों को लाने के लिए बड़े पैमाने पर गाड़ियों का इस्तेमाल करती थीं। इस कारण एक मानक नहीं बना कि यह सबसे अच्छा विकल्प था, बल्कि इस कारण, क्योंकि यही एकमात्र विकल्प था। अब तकनीक ने सबकुछ बदल दिया है।
3) हाई स्पीड इंटरनेट के कारण सभी के लिए अपने स्थानीय भौगोलिक क्षेत्र के बाहर रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। अब कंपनी में काम पाने के लिए उसके आसपास रहना जरूरी नहीं है। इंटरनेट ने हमें न केवल अवसरों का पता लगाने की ताकत दी है, बल्कि नए कर्मचारियों के लिए जरूरी ट्रेनिंग का पता लगाने और उसे हासिल करने की क्षमता भी दी है।
4) मेरा अनुभव ऐसा रहा है कि जो कंपनियाँ गिग कर्मचारियों या गिग उद्यमियों को अपनाती हैं, उनमें काफी लचीलापन होता है और वे पारंपरिक एवं मौजूदा कंपनियों की तुलना में ज्यादा तेजी से नए-नए प्रयोग कर सकती हैं।
5) अब तक 70 मिलियन से अधिक लोग गिग उद्यमी बन चुके हैं और वे पारंपरिक कंपनियों जैसे नहीं हैं। इसका दूसरा पहलू यह है कि स्वतंत्र कर्मी बनना और अपना वेतन खुद तय करना अब आपके लिए पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। समय आ गया है कि पारंपरिक नौकरियों के बजाय नई गिग उद्यमिता की तलाश की जाए। ये ऐसे कुछ लोगों की कहानियाँ हैं, जिन्होंने एक अलग राह को अपनाया। उनकी कहानियों को पढ़ने का आनंद लें और अपना लक्ष्य हासिल करें।