PK सिद्धार्थ रामकुमार UPSC CSE 2023 के रिजल्ट के बाद से इनका नाम चर्चाओं में है और हो भी क्यों न All India 4th रैंक लाना कोई छोटी बात नहीं, मगर दोस्तों हर सफलता के पीछे संघर्ष छिपा होता है. बेशक आज सिद्धार्थ रामकुमार ने ये सफलता हासिल की पर इसके लिए उन्होंने कड़ी महनत की और कई बार असफल भी हुए क्या है इनकी सफलता के पीछे की कहानी आइये जानते हैं.


केरल के रहने वाले सिद्धार्थ रामकुमार की सफलता से उनका परिवार और मलयाली लोग काफी खुश हैं. सिद्धार्थ कोचि के मूल निवासी हैं. इनके पिता TN राम कुमार चिन्मय कॉलेज, एर्नाकुलम के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल हैं. उनके भाई आदर्श केरल हाईकोर्ट के वकील हैं. और इनकी माँ रति हाउसवाइफ है. सिद्धार्थ ने पांचवीं बार सिविल सेवा परीक्षा दी थी. इससे पहले दो बार उनका चयन IPS के लिए हुआ था पर उन्हें ये जिद्द थी की उनको IAS अधिकारी ही बनना है इस लिए उन्होंने फिर से परीक्षा दी और इस बार पांचवें प्रयास में IAS के लिए उनका चयन हो गया.


परिवार को बताए बिना सिद्धार्थ ने दी सिविल सेवा परीक्षा

सिद्धार्थ के पिता TN रामकुमार और उनकी मां रति एर्नाकुलम में रहते हैं. वे बेटे की इस सफलता से काफी खुश हैं. हालांकि उन्हें पता नहीं था कि उनका बेटा इस बार भी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुआ है. जब यह खबर सामने आई कि मलयाली सिद्धार्थ ने चौथी रैंक हासिल की है, तब भी दोनों को संदेह था कि यह उनका बेटा है या नहीं. सिदार्थ के पिता ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि जब उन्होंने अपने बेटे सिद्धार्थ से फोन पर बात की तो उनसे सिविल सेवा परीक्षा के बारे में कोई संकेत तक नहीं दिया था. खबर आने के बाद माँ रति ने अपने बेटे को फोन किया और पुष्टि की कि यह सिद्धार्थ ही है, जिसने चौथी रैंक हासिल की है. तब उनको ये पता चला कि ये उन्ही का बेटा है. दरअसल हुआ ये की पिछली बार सिदार्थ का चयन IPS के पद पर हुआ था तो वो हैदराबाद स्थित SVPNPA में तरैनिंग के लिए चले गये जहाँ उन्होंने अपनी IAS की जिद्द के चलते एक बार फिर से UPSC की परीक्षा देने का फैसला किया और बिना किसी को बताये लग गये तैयारी में. जिसका नतीजा ये हुआ कि इन्होने चौथी रैंक हासिल की.


पिता ने बेटे को IAS बनने के लिए किया प्रेरित

सिद्धार्थ के पिता TN रामकुमार ने भी बताया कि सिद्धार्थ का सपना IAS बनना था. केरल कैडर में IAS प्रशिक्षण का अवसर मिलना भी खुशी की बात है और उनके इसी सपने को पूरा करने के लिए सिदार्थ रामकुमार के पिता हमेशा उन्हें प्रेरित  करते रहे. उनका कहना था कि वह एक एक क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन वो नहीं बन पाए लेकिन वो चाहते थे कि उनका लड़का अपने IAS बनने के सपने को ज़रूर पूरा करे.



बी-आर्क के बाद शुरू की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी


सिद्धार्थ ने 2019 में बी-आर्क कोर्स पूरा किया और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. अपने पहले प्रयास में वह प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाए थे. इसके बाद 2020 में वह रिजर्व लिस्ट में जगह बनाने में सफल रहे थे. उन्हें भारतीय डाक और दूरसंचार लेखा एवं वित्त सेवा में पोस्टिंग मिली थी. फिर से उन्होंने 2021 में सिविल सेवा परीक्षा दी. उस समय उन्हें 181वीं रैंक मिली और उन्होंने आईपीएस के लिए क्वालिफाई किया. लेकिन उनका सपना IAS बनना था और सिद्धार्थ ने सिविल सेवा परीक्षा में अच्छी रैंक के लिए प्रयास जारी रखा. 2022 में उन्हें 121वीं रैंक मिली, जो उनके आईएएस के सपने को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं थी. हालांकि, उन्होंने छह महीने पहले IPS ट्रेनिंग भी शुरू कर दी थी. सिद्धार्थ को बंगाल कैडर मिला था.