भारत का सबसे ताकतवर पद कौन सा है?


आप सभी लोग जो इस वक़्त सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं और खास कर यूपीएससी के लिए मेहनत कर रहे हैं तो जाहिर है कि आप आईएएस ही बनने की तमन्ना रखते होंगे। अब वैसे तो आईएएस एक सपना होता है जो देश का हर दूसरा युवा देखता है लेकिन आईएएस बनना तो सिर्फ एक शुरुआत है। जब आप एक आईएएस के रूप में Select होते हैं तो ये आपके लिए एक ऐसे जीवन की शुरुआत होती है जिसमे यदि आप चलते रहें तो आप वहाँ पहुँच सकते हैं जो आपको भारत में शायद सबसे ताकतवर पद माना जा सकता है। तो आखिर कौन सा है ये देश का सबसे ताकतवर पद? आइए जानते हैं आज के Blog में।

दिल्ली में एक जगह है साउथ ब्लॉक। इसे देश का पावर सेंटर भी कहा जाता है क्योंकि देश के सभी फैसले आम तौर पर यहीं से होते हैं और यहीं पर स्थित है देश का वो कार्यालय जहां से अन्य सभी कार्यालयों के लिए निर्देश जारी होते हैं। इस कार्यालय का नाम है – कैबिनेट सचिवालय। कैबिनेट सचिवालय अथवा Cabinet Secretariat का नाम सुनने में केंद्र सरकार के लगभग 80 अन्य विभागों को दिए गए नाम से कुछ अलग नहीं लगता है। इसका कार्यालय नई दिल्ली में रायसीना की पहाड़ियों पर स्थित साउथ ब्लाक में है. और यह प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से महज 200 गज की दूरी पर है। लेकिन यह भी इसकी किसी विशिष्ट पहचान को नहीं बताता है। लेकिन कैबिनेट सचिवालय निश्चित रूप से सरकार के सबसे शक्तिशाली अंग के तौर पर काम करता है। कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary Of India) भारत का सबसे ताकतवर नौकरशाह और प्रधानमंत्री का दायां हाथ होता है. वह प्रधानमंत्री को विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय देते हैं।

वर्तमान में राजीव गौबा कैबिनेट सचिव के पद पर काम कर रहे हैं. राजीव गौबा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे भरोसेमंद लेफ्टिनेंट हैं। उनके ऊपर सरकार की बड़ी नीतियों और सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों को डिजाइन करने और लागू करने की जिम्मेदारी है। राजीव गौबा मौजूदा सरकार के लिए कितने अहम हैं यह इस बात से समझा जा सकता है कि अगस्त 2019 में पहली बार पद संभालने के बाद से उन्हें पहले ही दो बार सेवा विस्तार (अगस्त, 2023) मिल चुके हैं। उन्हें आम चुनाव से पहले इस पद को संभालने के लिए एक और सेवा विस्तार मिलने की उम्मीद है। राजीव गौबा झारखंड कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.।

कैबिनेट सचिव भारत सरकार का सर्वोच्च कार्यकारी अधिकारी और वरिष्ठतम सिविल सेवक है. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) प्रमुख सांमत गोयल के साथ जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को लागू कराने के साथ साथ संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जिसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया। दोस्तों, ये तो सिर्फ कुछ उदाहरण हैं जो एक कैबिनेट सचिव के काम को समझाने के लिए मैंने आपको बताया है और मैं उम्मीद करती हूँ कि इन उदाहरणों से आपको यह समझ में आ गया होगा कि आखिर कैबिनेट सचिव किस हद तक सरकार के कार्यकलापों में शामिल होते हैं।

इस पद का इतिहास क्या है?

देश की आजादी से पहले वायसराय की कार्यकारी परिषद में एक सचिवालय हुआ करता था, जिसका नेतृत्व वायसराय का निजी सचिव करता था. पहले इस सचिवालय की भूमिका केवल कार्यकारी परिषद से संबंधित कार्रवाई की देखभाल करने के लिए थी, लेकिन जब परिषद के तहत अलग-अलग विभागों का काम बढ़ गया तो सचिवालय का काम और जटिल हो गया. निजी सचिव को सचिवालय का सचिव कहा जाने लगा. यह पद समय के साथ और अधिक शक्तिशाली हो गया और सचिवालय की मुख्य भूमिका विभागों के कार्यों का समन्वय करना बन गई. 1946 में सचिवालय कैबिनेट सचिवालय बन गया और सचिव कैबिनेट सचिव बन गया


भूमिका -

देश में बड़े संकट की स्थितियों का प्रबंधन करना और ऐसी स्थिति में विभिन्न मंत्रालयों की गतिविधियों का समन्वय करना भी कैबिनेट सचिवालय के कार्यों में से एक है. इसके अलावा कैबिनेट सचिवालय यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और मंत्रियों को उनकी गतिविधियों के मासिक ब्रीफिंग की जरिये सभी विभागों की प्रमुख गतिविधियों के बारे में सूचित किया जाता रहे. कैबिनेट सचिवालय में तीन विंग शामिल हैं, नागरिक, सैन्य और खुफिया. उसकी सिविल विंग ही मुख्य है, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल को सहायता, सलाह प्रदान करता है. रॉ के प्रमुख भी कैबिनेट सचिव को रिपोर्ट करते हैं।

वेतन और सुविधाएं -

कैबिनेट सचिव का वेतन केंद्रीय मंत्री से लगभग दोगुना होता है. कैबिनेट सचिव का मूल वेतन 2,50000 रुपये है. इसके अलावा मंहगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, यात्रा भत्ता और हाउस रेंट अलाउंस मिलाकर उन्हें पांच लाख, 60,000 रुपये वेतन के तौर पर मिलते हैं. जबकि केंद्रीय मंत्री की बात करें तो उन्हें हर महीने एक लाख रुपये मूल वेतन, इसके साथ 70,000 रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 60,000 रुपये कार्यालय भत्ता और 2000 रुपये सत्कार भत्ता मिलता है. ये कुल मिलाकर 2 लाख, 32,000 रुपये होते हैं. कैबिनेट सचिव का आधिकारिक आवास पृथ्वीराज रोड पर टाइप-8 बंगला है. कैबिनेट सचिव राजनयिक पासपोर्ट के लिए पात्र होते हैं