क्या Science Stream Aspirants के लिए Hard है UPSC ?


दोस्तों, यूपीएससी की परीक्षा ऐसी परीक्षा है जो देश के युवाओं क सबसे ज्यादा Attract करती है। परीक्षा पास कर सीधे Grade A की सरकारी नौकरी पाने का अवसर और कहीं भी भी नहीं मिल पाता है और यही कारण है कि लोग अलग अलग Subjects से Graduation करने के बाद भी यूपीएससी के लिए Try जरूर करते हैं। अब जहां तक सिलैबस का सवाल है तो यह सच है कि इसमे Humanities का Weightage ज्यादा है, ज्यादा क्या बल्कि पूरा Syllabus ही Humanities पर based है लेकिन फिर भी यूपीएससी ने Elegibility में किसी भी सब्जेक्ट के लिए रोक नहीं लगाई है। लेकिन फिर भी अक्सर स्टूडेंट्स के मन में यह सवाल उठता है कि यदि यूपीएससी करना है तो क्या साइन्स Stream से Graduation करना ठीक रहेगा? आप भी ऐसा ही सोच रहे हैं ना, तो आइए जानते हैं कि Science से Graduation करने के बाद UPSC की तैयारी करना कितना आसान या कितना मुश्किल है।

एजुकेशन मिनिस्ट्री की ओर से हाल ही में एक सवाल के जवाब में हर साल ग्रेजुएट बनने वाले युवाओं के संबंध में कुछ आंकड़े रखे गए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार हर साल लगभग 3 करोड़ स्टूडेंट्स Graduation की डिग्री ले रहे हैं। इन 3 करोड़ में Arts, Science और Commerce, समेत सभी Streams शामिल हैं। इन Graduates में सबसे बड़ी संख्या Engineer की डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स की है। अब जरा इसे यूपीएससी से जोड़ कर देखा जाए। यदि हम पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नज़र डाले तो पता चलता है कि यूपीएससी के लिए रिकमेंड होने वाले कंडीडटेस में सबसे ज्यादा वे स्टूडेंट्स हैं जो साइन्स या इससे Related बैक्ग्राउण्ड से हैं।

बहुत सारे विज्ञान के छात्र, यानी विज्ञान या इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने की चुनौती स्वीकार करते हैं। दरअसल, टॉपर्स की प्रोफाइल पर नजर डालने से पता चलेगा कि हर साल कई इंजीनियर टॉप रैंकर्स में शामिल होते हैं। पिछले कुछ वर्षों में यह प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। हालांकि कुछ लोग सोच सकते हैं कि आईएएस परीक्षा में विषयों की प्रकृति के कारण कला या मानविकी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार बेहतर प्रदर्शन करेंगे, लेकिन कुछ का मानना है कि विज्ञान या इंजीनियरिंग का छात्र भी इस परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। बल्कि कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि Science Background वाले स्टूडेंट्स को CSAT के Paper में Advantage भी मिलता है। लेकिन यह भी सच है कि विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए मानविकी के विषय थोड़े मुश्किल हो सकते हैं।

तो क्या विज्ञान का छात्र आईएएस कर सकता है? इसका उत्तर है हाँ बिल्कुल। तकनीकी रूप से, वे कला या वाणिज्य स्नातकों के समान ही योग्य हैं। और मानविकी के विषयों से अपरिचितता को आसानी से दूर किया जा सकता है। एक साल की ईमानदारी और सही तैयारी किसी भी छात्र को किसी भी अन्य छात्र जितना प्रतिस्पर्धी बना सकती है। यूपीएससी पाठ्यक्रम में स्थिर भागों के अलावा, एक गतिशील भाग है जो मुश्किल हिस्सा है। यह भाग समसामयिक घटनाओं से अविभाज्य रूप से जुड़ा हुआ है। यूपीएससी परीक्षा यह जांचती है कि एक उम्मीदवार देश और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरने वाले समसामयिक मामलों से कितनी अच्छी तरह वाकिफ है। करंट अफेयर्स सेगमेंट में महारत हासिल करने के लिए उम्मीदवारों के लिए दैनिक समाचार पत्र को परिश्रमपूर्वक और आवश्यक तरीके से पढ़ना महत्वपूर्ण है।

एक महत्वपूर्ण निर्णय जो उम्मीदवारों को करना होता है वह है आईएएस परीक्षा में वैकल्पिक विषय का चुनाव। अब, विज्ञान के छात्रों के पास अपने स्नातक विषय को वैकल्पिक के रूप में लेने का एक स्पष्ट विकल्प है। इंजीनियरिंग छात्र वैकल्पिक विषय के रूप में अपना इंजीनियरिंग विषय (केवल सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल की पेशकश की जाती है) भी चुन सकते हैं। हालाँकि, चयन करने से पहले कई बिंदुओं पर विचार किया जाना चाहिए। उम्मीदवार के वर्तमान ज्ञान-स्तर, विषय में रुचि, सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्रों के साथ ओवरलैप और यहां तक कि उपलब्ध अध्ययन सामग्री जैसे कारक निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

तो संक्षेप में कहें तो, विज्ञान के छात्रों को यूपीएससी की चुनौती स्वीकार करनी चाहिए, अगर उन्हें लगता है कि वे देश के विकास में योगदान दे सकते हैं और परीक्षा के लिए समर्पण के साथ कड़ी मेहनत करने के इच्छुक हैं। देश को ऐसे नौकरशाहों के मिश्रण की आवश्यकता है जो विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमि से हों ताकि राष्ट्र-निर्माण की दिशा में समग्र प्रयास किया जा सके।