क्या UPSC करने से Life Set हो जाती है ?
हर साल देश में लगभग दस लाख लोग यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपियर करते हैं। अब दस लाख लोग इसकी तैयारी में सालों बिताते हैं और ऐसे में तैयारी का ये समय वे यही सोचते रहते हैं कि आखिर यूपीएससी के बाद का जीवन कैसा होगा। तैयारी के दौरान जो भी मुश्किलें आती हैं उन्हें यही सोच कर सह लेते हैं कि कोई बात नहीं यार, कुछ दिनों की बात है, कुछ दिनों का कष्ट है, अभी सह लेते हैं, एक बार यूपीएससी हो गया तो फिर तो लाइफ सेट है। लेकिन क्या सच में ऐसा है? क्या सच में एक बार यूपीएससी क्लियर हो गया तो आपकी लाइफ सेट हो जाती है और सबसे बड़ी बात, कि आखिर ये लाइफ सेट हो जाने का क्या मतलब है? आइए जानते हैं आज के Blog में।
दोस्तों, सबसे पहले तो आपको ये समझना होगा कि यूपीएससी सिर्फ एक जॉब Opportunity नहीं है बल्कि यह एक Service है। सर्विस यानि सेवा। इसका मतलब हुआ कि आप सरकार की तरफ से जनता की सेवा करने के लिए नियुक्त किए जाते हैं जिसके बदले में सरकार आपको सैलरी, Authority और दूसरे Perks देती है ताकि आप जीवन की छोटी छोटी बातों को लेकर ज्यादा परेशान ना हों और अपना ज्यादा से ज्यादा समय आम जन की सेवा को दे सकें।
यदि आप यह सोच रहे हैं कि यूपीएससी क्लियर कर लिया, एक अच्छी सर्विस में आ गए और इसके बाद अब बस एक आम आदमी की तरह नाइन To फाइव जॉब करनी है, शाम को घर आ जाना है, परिवार के साथ समय व्यतीत करना है और महीने के अंत में सैलरी ले लेनी है तो आप यूपीएससी नहीं किसी और चीज की कल्पना कर रहे हैं। आइए इसके बारे थोड़ा और विस्तार से जानते हैं।
एक बार जब आईएएस अधिकारी अपना प्रशिक्षण पूरा कर लेते हैं, तो उनका शेड्यूल उनके आवंटित पद के आधार पर अलग-अलग होता है। एक आईएएस अधिकारी के लिए क्षेत्र में एक सामान्य दिन सुबह 9 बजे से शुरू होता है। इसमें दैनिक प्रगति रिपोर्ट पढ़ना, सरकारी विभागों या जिले का सर्वेक्षण करना, विकास कार्यों के कार्यान्वयन की समीक्षा करना और बैठकें शामिल होंगी। गतिविधियाँ पूरा दिन चल सकती हैं और आमतौर पर लगभग 9 बजे समाप्त होती हैं। एक आईएएस अधिकारी को प्राकृतिक आपदा, अशांति, स्वास्थ्य आपातकाल, दंगे आदि जैसी आपात स्थितियों के मामलों में सामान्य कामकाजी घंटों से परे भी काम करना पड़ सकता है।
एक आईएएस अधिकारी की भूमिका
एक आईएएस अधिकारी के मुख्य कार्य इस प्रकार हैं:
नीति निर्माण, कार्यान्वयन और समीक्षा सहित सरकारी मामलों को संभालना
विभिन्न विभागों एवं निर्वाचित प्रतिनिधियों से परामर्श करना
विभिन्न योजनाओं हेतु आवंटित सार्वजनिक धन का प्रबंधन करना
विभिन्न सरकारी योजनाओं और नीतियों के कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण करना
प्राकृतिक आपदाओं, प्रमुख दुर्घटनाओं और दंगों जैसी आपात स्थितियों के जवाब में राहत कार्यों का जवाब देना और समन्वय करना
आईएएस अधिकारियों की कार्यात्मक भूमिकाएँ उन्हें दिए गए कार्य के प्रकार पर निर्भर करती हैं। उन्हें तीन प्रकार के कार्य दिए गए हैं:
1. फील्ड असाइनमेंट: ये सबसे कठिन भूमिकाएं मानी जाती हैं जिन्हें एक आईएएस अधिकारी को निभाने के लिए कहा जा सकता है। प्रशिक्षण के बाद एक आईएएस अधिकारी की पहली नौकरी आमतौर पर फील्ड जॉब होती है। वे जिन विभिन्न स्तरों पर काम करते हैं, उनकी अपनी जटिलताएँ हैं।
एक। उपखण्ड स्तर पर कार्य: उपखण्ड अधिकारी के रूप में उपखण्ड में कानून एवं व्यवस्था के रख-रखाव, विकास एवं प्रशासनिक प्रबंधन की देखरेख की जाती है।
जिला स्तर पर कार्य: एक जिला अधिकारी, कलेक्टर या डिप्टी कमिश्नर के रूप में, एक आईएएस एसडीएम के समान कार्य करता है जिसमें एसडीएम की देखरेख भी शामिल है।
अधिकांश आईएएस अधिकारियों के लिए, फील्डवर्क आमतौर पर जिला स्तर पर समाप्त होता है। उनमें से कई राज्य सचिवालय में काम करते हैं और राज्य सरकार में पद लेते हैं।
2. राज्य सचिवालय के कार्य: राज्य सचिवालय से पोस्टिंग में निर्वाचित प्रतिनिधियों को नीतियां बनाने और सरकारी प्रक्रियाओं पर निर्णय लेने की सलाह देने के क्षेत्र में प्राप्त अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ उठाना शामिल है।
3. सार्वजनिक क्षेत्र में उद्यम: कई अधिकारी पीएसयू कैडर में प्रतिनियुक्ति पर तैनात होते हैं और सार्वजनिक क्षेत्र में विभिन्न उद्यमों जैसे बिजली डिस्कॉम, औद्योगिक इकाइयों आदि के उच्च प्रबंधन का हिस्सा बन जाते हैं।
4. केंद्रीय सचिवालय के कार्य: केंद्र सरकार के स्तर पर विभिन्न मंत्रालयों के लिए सचिवीय स्तर के पद नीति समीक्षा, निर्माण और कार्यान्वयन से संबंधित हैं।
अल्पावधि में आईएएस अधिकारियों को संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों जैसे निजी संगठनों में स्थानांतरित करने के भी प्रावधान हैं।
तो दोस्तों,मैंने आपको बता दिया कि एक आईएएस ऑफिसर की जिंदगी कैसी होती है, आगे यह आपको तय करना है कि आप इस जीवन को कैसा मानते हैं।
हालांकि यह सच है कि एक आईएएस ऑफिसर का जीवन बहुत व्यस्त रहता है लेकिन जिस पद के लिए आप इतनी मेहनत कर रहे हैं उसके साथ जो शक्तियाँ और अधियाकर आपको मिलते हैं वो निश्चित ही समाज में आपका अलग स्थान तय कर देते हैं।