आपको याद होगा कि अभी कुछ समय पहले एक हिमाचल प्रदेश कैडर के IAS Officer जिनका नाम है नवीन तंवर एक मामले में बड़े ही प्रचलित हुए थे. इनके उपर पिछले महीने गाजियाबाद की अदालत ने 3 साल की सजा और 50 हज़ार का जुरमाना लगाया था. इनका गुन्हा तह दुसरे के स्थान पर परीक्षा देना. अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी इनके उपर एक सकत कदम उठाया है क्या है वो आइए जानते हैं आज की Blog में.
हिमाचल प्रदेश कैडर के IAS नवीन तंवर पर आखिरकार उस मामले की बिजली गिर ही गई है, जिसमें उन्हें पिछले महीने गाजियाबाद की एक अदालत ने दोषी ठहराया था. आपको बता दें तंवर पर आरोप है कि उन्होंने साल 2014 में झांसी के अमित सिंह की जगह फर्जी कैंडीडेट के तौर पर IBPS Exam यानि बैंक क्लर्क रिक्रूटमेंट एग्जाम दिया था. इस मामले पर CBI ने जांच की थी जिसमें नवीन तंवर के खिलाफ आरोप सही साबित हुए थे, जिसके आधार पर उन्हें सजा सुनाई गई थी. फिलहाल वे इस मामले में जमानत पर चल रहे हैं.
आपको बड़ा दें कि तंवर को निलंबित करने के लिए विधि विभाग के उस स्पष्टीकरण को कारण माना जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी 48 घंटे के लिए जेल में रहता है तो वह स्वयं ही 'निलंबित' हो जाता है. हालांकि तंवर को हिमाचल प्रदेश सरकार ने 7 दिन की छुट्टी दे रखी थी. इसके बाद उन्होंने 24 मार्च को ई-मेल भेजकर 14 दिन की छुट्टी और देने का आग्रह किया था. और अब Suspend कर दिया गया है.
IAS अफसर नवीन तंवर हैं नॉएडा निवासी
दोस्तों बता दें नवीन तंवर उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले हैं. तंवर हिमाचल कैडर के 2019 बैच के IAS अफसर हैं. वे फिलहाल हिमाचल प्रदेश में अपर जिलाधिकारी यानि ADM के तौर पर तैनात थे. उन्हें करीब 10 महीने पहले चंबा जिले में जिला ग्रामीण विकास एजेंसी DRDA में एडिशनल डिप्टी कमिश्नर/प्रोजेक्ट डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी भी मिली थी. इससे पहले वे कांगड़ा व चंबा में SDM भी रह चुके हैं.
क्या था वह मामला, जिसमें हुई थी सजा
आपको बता दें इस मामले में न सिर्फ नवीन तंवर बल्कि उनके साथ 6 और लोगों को दोषी पाया गया था. बाकी आरोपियों में अमित और अजय पाल के अलावा सुग्रीव गुर्जर और हनुमत गुर्जर शामिल थे. सुग्रीव और हनुमत को इस मामले में दोनों पक्षों के बीच पैसे के लेनदेन में बिचौलिया की भूमिका निभाने का आरोपी बनाया गया था. इन सभी को सीबीआई ने हिरासत में भी लिया था, लेकिन बाद में इन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था. सीबीआई ने इस मामले में दाखिल चार्जशीट में भी इन लोगों को आरोपी बनाया था. सुनवाई के बाद मार्च, 2024 में इस मामले में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने इन सभी को सजा सुनाई थी.
मुकदमें के दौरान ही IAS बने थे नवीन तंवर
CBI की चार्जशीट के आधार पर कोर्ट में इस मामले पर मुकदमा चलने के दौरान ही नवीन तंवर अपनी UPSC की पढ़ाई कर रहे थे. नवीन ने करीब चार साल मेहनत करने के बाद आखिरकार साल 2019 में UPSC Exam क्रैक कर लिया था और वे IAS अफसर बन गए. पर वो कहते हैं न कि कितनी भी अच्छी चीज़ क्यों न मिल जाए लेकिन अगर गले में एक फाँस अटकी होती होती हैं तो वो असर ज़रूर करती है. वही हुआ इनके साथ भी मुक़दमे के दौरान ये IAS तो बन गये लेकिन 9 साल से इनपर चल रहे मुकदमें ने अपना अब आकर असर दिखा दिया. फिलहाल ये अपने पद से Suspend हैं और कोर्ट में शिफारिश के चलते बेल पर हैं. देखना ये होगा की ये कितने दिन तक चलेगा कितने दिन इनकी अर्जियाँ, शिफरिशें काम आती हैं. आपको बता दें इनके पास मौका है अगर ये चाहे तो इस केस को हाई कोर्ट में लेकर जा सकते हैं जिसके बाद पूरी तफ्तीश दोबारा होगी.