IAS के लिए क्यों अनिवार्य है HINDI


हिन्दी माध्यम के विद्यार्थी को अँग्रेजी के पेपर से डर लगता है यह तो सबको पता है। आप जानते ही हैं कि कैसे English का नाम सुनते ही हिन्दी मीडियम के स्टूडेंट्स के हाथ पाँव फूलने लगते है। ना जाने कितने ही स्टूडेंट्स ऐसे होंगे जिनके सपने सिर्फ इस एक पेपर के कारण टूटा जाते हैं क्योंकि उनको कभी अपने अंदर से यह कॉन्फ़िडेंस ही नहीं आता कि वे इस पेपर में Qualify कर सकते हैं। और कुछ ऐसा ही हाल उन स्टूडेंट्स का भी हो जाता है जो इंग्लिश मीडियम से परीक्षा दे रहे हैं और लैड्ग्वेज पेपर में हिन्दी की बारी आती है। जी हाँ ऐसा नहीं है कि सिर्फ हिन्दी वालों को ही डर लगता है, डर तो इंग्लिश वालों को भी लगता है। लेकिन ऐसा क्यों है?

दोस्तों, यूपीएससी के मेंस परीक्षा में कुल नौ पेपर होते हैं जिसमे से 2 पेपर अनिवार्य होते है। एक पेपर इंग्लिश लैड्ग्वेज और दूसरा भारतीय संविधान की आठवीं सूची में दिये गए भाषाओं में से कोई एक। अधिकांश लोग और उत्तर भारत के स्टूडेंट्स इसमे हिन्दी ही रखते हैं। वो भले ही बाकी परीक्षा इंग्लिश मीडियम में दें लेकिन इस पेपर की परीक्षा के लिए हिन्दी ही उनकी पहली पसंद बनती है, लेकिन जब बात तैयारी की हो तो उन्हें भी डर तो जरूर लगता है। दोस्तों, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम जिस भाषा में Comfortable नहीं होते उस भाषा में कुछ लिखना या अपनी बात को पूरी तरह और सही ढंग से समझा पाना थोड़ा सा मुश्किल होता है और अक्सर यही मुश्किल हमे कसी पहाड़ सी प्रतीत होती है जिसके कारण हमारा सेल्फ कॉन्फ़िडेंस यानि आत्म विश्वास बहुत हिल जाता है। और कभी कभी तो ऐसा  भी होता है कि हम हिन्दी भाषा को आम बोलचाल की भाषा मान लेते हैं। हम ये सोच लेते हैं कि यार हिन्दी तो मैं हमेशा ही बोलता हूँ, लिखना भी आता है तो फिर ये पेपर से क्या डरना, इसकी तैयारी तो यूं कर लूँगा, कभी भी कर लूँगा। और बस यही ओवर कॉन्फ़िडेंस हमारे लिए परीक्षा में काल हो जाता है। क्योंकि भले ही हिन्दी का साथ हमारा दिन – प्रतिदिन का नाता हो लेकिन जब बात लिखने की आती है तो मामला थोड़ा सा बदल जाता है।

इसे और बेहतर समझने के लिए आइए एक बार परीक्षा के पैटर्न को देखते हैं।


पेपर में टोटल 5 सवाल होते हैं। पहला सवाल निबंध का होता है जिसमे आम तौर पर Current Affairs और सामाजिक मुद्दों से जुड़े विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह निबंध 600 शब्दों में लोखना होता है। यह सवाल बहुत इंपोर्टेंट है क्योंकि 300 में से 100 अंक तो इसी सवाल के होते हैं। यानि इस पेपर में जो क्वालिफाईंग मार्क्स है, 25 वो आप इसी एक सवाल से भी हासिल करते हैं। इस निबंध वाले सवाल के साथ एक एक अच्छी बात और है कि इसकी तैयारी तो आप निबंध वाले पेपर के साथ ही कर सकते हैं। यानि एक सवाल में दो पेपर कवर ओ सकते हैं। निबंध के लिए आपको प्रभात बुक्स की निबंध निकुंज जरूर पढ़नी चाहिए क्योंकि इसमे आपको हर संभावित टॉपिक पर बेहतरीन निबंध मिल जाएंगे और एक आउर अच्छी बात ये भी है ये हमेशा अपडेट भी होते रहते हैं जिसके कारण आपको इसमे Latest और Relevant टॉपिक भी मिल जाएगा।

इसके बाद आपको आम तौर पर कॉम्प्रिहेन्शन के सवाल होते हैं जो 60 मार्क्स का होता है। अब इसमे आपको Passage पढ़ कर उससे जुड़े सवालों के जवाब देने होते हैं। इस सवाल में आम तौर पर 5 – 6 सवाल पूछे जाते हैं और हर सवाल 10 से 12 अंक का होता है।

इसके बाद बारी अति प्रेसी राइटिंग की। इसमे आपको एक बड़े Passage का सारांश उसकी एक तिहाई शब्दों में लिखना होता है। यहाँ ये ध्यान रखिए कि इसमे शब्दों की गिनती रखने के लिए आपको Boxes में लिखना पड़ेगा। यह सारांश आपको अपने शब्दों में लिखना होता है और इसके भी टोटल मार्क्स 60 होते हैं।

चौथा सवाल होता है Translation का। इसमे दो Passage दिये जाते हैं ज्सिमे कि एक का इंग्लिश से हिन्दी और दूसरे का हिन्दी से इंग्लिश में अनुवाद करना होता है। इस सवाल के दोनों भागों को मिला कर टोटल मार्क्स बनते हाँ 40। यहाँ तक हमने 300 में से 260 अंको को कवर का र्लिया है र जो आखिर सवाल है वो भी 40 अंक का है और वो हिन्दी व्याकरण से संबन्धित है। अब व्याकरण का मतलब ये नहीं कि आपको शब्द और अर्थ, शब्द और विलोम पूछा जाएगा। सीमे आपको कुछ मुहावरे या लोकटोकितयोन का वाक्यों में प्रयोग, शब्दों के दो तेन पर्यायवाची और इसी तरह के दूसरे सवाल मिलेंगे। ये सवाल आम तौर पर हिन्दी के Application से जुड़े हुए होते हैं जिन्हें रट कर आन्सर नहीं लिखे जा सकते।

तो दोस्तों, देखा आपने कि हिन्दी का जो अनिवार्य पेपर है वो इतना भी मुश्किल नहीं है जितना कि आपको लगता और इतना आसान भी नहीं है कि इसिकी तैयारी बिलकुल ही नहीं की जाए। इसमे आपको बस एक बात ध्यान रखनी है कि आपको सिर्फ Qualify करना है यानि कि आपको सिर्फ 25 मार्क्स स्कोर करने हैं। इसके बाद के सारे मार्क्स की कोई वैल्यू नहीं है। लेकिन यदि आप 25 अंक भी स्कोर नहीं कर पाये तो आप बाकी पेपर कितना भी अच्छा लिख लें कोई बात नहीं बनने वाली।

तो अपने इस पेपर के लिए थोड़ी सी रणनीति जरूर बनाएँ और इसे भी CSAT की ही तरह बिलकुल हल्के में ना लें वरना परीक्षा के समय निराशा ही मिलेगी।