क्या UPSC  Exam जितना ही कठिन है PCS


भारत में सरकारी नौकरी का क्रेज कितना ज्यादा है यह मुझे आपको बताने की जरूरत नहीं है। लेकिन तमाम सरकारी नौकरियों में दो वर्ग ऐसे हैं जिनका केज बाकियों से कहीं ज्यादा है। जी हाँ मैं बात कर रही हूँ यूपीएससी और स्टेट पीसीएस की। जो भी लोग सरकारी नौकरियों की तैयारी करते हैं वे इन दोनों परीक्षाओं की तैयारी तो जरूर करते हैं। लेकिन इन दोनों परीक्षाओं को लेकर स्टूडेंट्स के मन में अक्सर यह भ्रम भी बना रहता है कि इन दोनों में अंतर क्या है और दोनों में से ज्यादा मुश्किल कौन सा है? तो मैंने सोचा कि क्यों ना एक वीडियो इसी के बारे में बनाई जाए और बस यही सोच कर आज का यह वीडियो बनाया गया है और मुझे उम्मीद है कि इसमे आपको भी मजा आयेगा।

IAS और PCS दोनों ही सेवाएं देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं में से एक मानी जाती है। दोनों ही परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों को आसानी से सफलता मिलना इतना आसान नहीं होता है। हालांकि, फिर भी युवा इस परीक्षा के लिए दिन रात तैयारी करते हैं।

IAS और PCS में मुख्य अंतर –

• IAS अधिकारी का चयन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है, जबकि PCS अधिकारी का चयन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। 

• राष्ट्रपति द्वारा की जाती है IAS की नियुक्ति , जबकि PCS की नियुक्ति राज्यपाल करता है। 

• IAS संविदा पर किसी भी राज्य में कुछ समय तक अपनी सेवाएं दे सकते हैं। वहीं, PCS अधिकारी संविदा पर अलग-अलग विभागों में काम कर सकते हैं। हालांकि, पीसीएस अधिकारी सिर्फ अपने राज्य में ही काम कर सकते हैं। 

• आईएएस अधिकारी अपने करियर की शुरुआत लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी मसूरी में ट्रेनिंग के बाद आवंटित कैडर में जिला प्रशिक्षण से करते हैं। 

• फिर राज्य प्रशासन में वो उप जिलाधिकारी (एडीएम) के रूप में काम शुरू कर देते हैं, उन्हें एक जिले या तहसील का प्रभार दिया जाता है। 

• अगर एसडीएम की नियुक्ति दी गई तो तहसील यानी अनुमंडल (सब -डिवीजन) की कानून-व्यवस्था का काम सौंपा जाता है। 

• जिला प्रशिक्षण के बाद आईएएस अफसर तीन महीने के लिए केंद्र सरकार में सहायक सचिव के रूप में कार्यरत होते हैं। 

• उसके बाद उन्हें जिलाधिकारी या अन्य नियुक्तियां मिलती हैं। 

• आईएएस अफसर सरकारी विभागों या मंत्रालयों में भी भेजे जा सकते हैं। कार्य के दौरान उन्हें डेपुटेशन पर वर्ल्ड बैंक, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड, एशियन डेवलपमेंट बैंक, द एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक और यूनाइटेड नेशंस और उसकी एजेंसियों में तैनात किया जा सकता है। 

• IAS अधिकारी को समय-समय पर प्रमोशन मिलता है, जबकि PCS का प्रमोशन देरी से होता है। कौन है ज्यादा मुश्किल?

 • यूपीएससी में हर साल लगभग 10 लाख लोग अप्लाई करते हैं वहीं स्टेट पीसीएस में 4 से 5 लाख लोग ही अप्लाई करते हैं और ये संख्या भी बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों का है जहां पीसीएस का क्रेज काफी ज्यादा है। कई राज्यों में यह संख्या और कम भी हो सकती है। 

• यूपीएससी का सिलैबस बहुत विशाल है जिसमे पूरे देश और विश्व के भी कुछ पक्षों को इंक्लुड किया जाता है वहीं स्टेट पीसीएस का सिलैबस मुख्यतः राज्यों तक ही केन्द्रित रहता है। हालांकि सिलैबस का हिस्सा ऐसा भी होता है जो दोनों ही परीक्षाओं में कॉमन रहता है, जैसे कि पोलिटी, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी इत्यादि। 

• दोनों ही परीक्षाएँ तीन चरणों में आयोजित की जाती है लेकिन जहां यूपीएससी के प्री में Negative Marking का प्रावधान होता है वहीं कई स्टेट पीसीएस में ऐसा नहीं होता। 

• यूपीएससी के प्री में एक पेपर CSAT का भी होता है जबकि सभी स्टेट पीसीएस परीक्षाओं में ऐसा नहीं होता है और उनकी प्री परीक्षा सिर्फ एक ही चरण में आयोजित होती है। 

• साथ ही यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम के अटेम्प्ट भी सीमित होते हैं. जबकि पीसीएस एग्जाम में अटेम्प्ट की कोई लिमिट नहीं है. जब तक उम्र है तब तक परीक्षा में बैठा जा सकता है. पीसीएस में न्यूनम उम्र सीमा 21 साल और अधिकतम 40 साल है. वहीं यूपीएससी के लिए छह मौके मिलते हैं. इसके लिए उम्र सीमा 21 से 32 साल है


लेकिन एक बात जो आपको ध्यान में रखनी चाहिए कि स्टेट पीसीएस में अटैम्प्ट करने वाले अधिकांश स्टूडेंट ऐसे होते हैं जो पहले यूपीएससी की तैयारी कर चुके होते हैं और किन्हीं कारणों से वे इसमे सफल नहीं हो पाते। कहने का मतलब यह है कि स्टेट पीसीएस में Serious Candidates का Ratio काफी अधिक होता है और इसलिए इसे आसान बिलकुल भी नहीं समझा जा सकता।