IAS की तैयारी VS कॉलेज की पढ़ाई


दोस्तों, यदि आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं और कॉलेज में पढ़ रहे हैं या अभी अभी कॉलेज से Graduate हुए हैं तो आज का यह Blog आपके लिए बेहद जरूरी होने वाला है। जरूरी इसलिए क्योंकि आज हम बात करने वाले हैं कॉलेज और यूपीएससी की पढ़ाई के बीच के संबंध की। कैसा कॉलेज का Mindset आपके लिए यूपीएससी Qualify करने की राह में एक बड़ा रोड़ा हो सकता है, अजी रोड़ा क्या यह आपको कभी भी यूपीएससी Qualify ही नहीं करने देगा। आप चाहे कितने भी अच्छे स्टूडेंट क्यों ना रहे हों और भले ही आपने किसी भी डिविजन में कॉलेज से Graduate हुए हों, यदि आपने Mindset नहीं बदला तो कभी आईएएस अधिकारी नहीं बन सकते हैं।

आगे बढ्ने से पहले जरा एक आंकड़े पर नज़र डाल लेते हैं। हमारे देश में साढ़े सात सौ से अधिक विश्वविद्यालय, सैंतीस हज़ार से अधिक कॉलेज और ग्यारह हज़ार से अधिक स्टैंड अलोन संस्थाएं हैं। यानि कुल मिलाकर देखा जाए तो हर वर्ष साढ़े सात सौ यूनिवर्सिटी Toppers तो निकलते होंगे और सैंतीस हज़ार कॉलेज Topper भी हर साल निकलते होंगे। लेकिन अब जरा सोचिए कि इनमे से कितने ऐसे हैं जो यूपीएससी Qualify करते हैं। जबकि देखा जाए तो यूपीएससी Qualify करने वाले आधे से अधिक Candidates ऐसे होते हैं जो कॉलेज में बेहद ही सामान्य स्टूडेंट रहे हैं।

तो इससे यह तो साबित हो जाता है कि आप कॉलेज में कैसे भी स्टूडेंट रहे हों, यूपीएससी के लिए यदि आप सही Mindset नहीं रखेंगे तो आप Qualify नहीं कर सकते। Mindset इसलिए क्योंकि कॉलेज में जो पढ़ने का तरीका और सिलैबस होता है वो यूपीएससी से बिलकुल अलग होता है। कॉलेज का सिलैबस बिलकुल फ़िक्स्ड होता है और उसमे पूछे जाने वाले सवाल भी कमोबेश एक प्रकार के ही होते हैं। आप खुद ही सोचिए, जब आप कॉलेज में पढ़ रहे थे तो परीक्षा से कुछ दिन पहले आप कुछ सवालों को पढ़ कर अच्छे अंक स्कोर नहीं कर लेते थे। जबकि यूपीएससी में कहने को तो सिलैबस Defined है लेकिन उसमे Ambiguity भी बहुत है। आपको Syllabus का एक आउटलाइन तो दिया गया है लेकिन उनके बीच के जो फ़ाइन पॉइंट्स हैं उन पर फोकस करना भी जरूरी है।

इसके अलावा, कॉलेज में याद कीजिये कि आपके पढ़ने का तरीका क्या था? आपने किताबें खरीदीं, और किताबें भी कौन सी, हर सब्जेक्ट के लिए आपको प्रोफेसर या Seniors आपको बता देते थे कि फलां किताब से पढ़ोगे तो ज्यादा सवाल पकड़ पाओगे और आप वही किताब ले आते थे फिर आप उसी किताब को पढ़ कर या यूं कहें कि रट कर परीक्षा में बैठे और जो भी अपने रटा था, उसे कागज़ पर लिख दिया और काफी अच्छे अंक ले आए। मगर यूपीएससी में ऐसा करना संभव है क्या? आप खुद ही सोचिए।

कॉलेज में हमारे Analytical Thinking पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है। वहाँ आपको बस Lecture Attend करने हैं, टीचर के नोट्स पढ़ने हैं और परीक्षा में उन्हीं नोट्स के आधार पर आन्सर लिखना है और बस आपका काम हो गया। यहाँ मुझे 3 idiots मूवी का एक सीन याद आता है जिसमे प्रोफेसर अपने स्टूडेंट्स से मशीन की परिभाषा पूछता है और जब उसे किताब का जवाब नहीं मिलता तो हीरो को क्लास से निकाल देता है और जो लड़का रटा रटाया जवाब सुनाता है, तो हीरो से कहता है कि यदि परीक्षा में पास करना है तो तुम्हें भी यही जवाब लिखना पड़ेगा। अब यहीं यूपीएससी और कॉलेज की पढ़ाई का अंतर समझ आ जाता है, कॉलेज में आपको वो जवाब लिखना होता है जो किताब में लिखा है जबकि यूपीएससी में आपको वो जवाब लिखना होता है जो आपने किताब से पढ़ कर समझा है।

अंत में एक और बहुत बड़ा अंतर है जो आपको समझना चाहिए। कॉलेज के समय में Current Affairs और General Studies से आपका कोई लेना देना ही नहीं होता जभी यूपीएससी में यही दोनों पहलू परीक्षा का आधार होते हैं। कॉलेज में यदि आप Humanties के भी स्टूडेंट हों तो भी आपको सिर्फ उन विषयों से संबन्धित पाठ ही पढ़ना होता है लेकिन यूपीएससी की परीक्षा में इन्हीं विषयों को Current Affairs से जोड़ कर प्रश्न तैयार किए जाते हैं।


तो दोस्तों, यदि आप यूपीएससी Qualify करना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने कॉलेज वाले Mindset से बाहर निकलना पड़ेगा। आपको पढ़ाई करने का अपना तरीका बदलना पड़ेगा और अपनी पढ़ाई में कुछ विशेष Qualities जैसे कि Analytical Thinking क्रिटिकल थिंकिंग इत्यादि को भी डिवैलप करना पड़ेगा।