UPSC सिविल सेवा परीक्षा के सफल Aspirants को अब उनके चयन के बाद कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों के जरिए कमाई करने की इजाजत नहीं दी जाएगी | UPSC परीक्षा के सफल Aspirants को अब सिविल सर्विसेज के जॉइनिंग लेटर पर हस्ताक्षर करने के फौरन बाद कोचिंग संस्थानों के साथ अपना कॉन्ट्रेक्ट खत्म करना होगा | दरअसल UPSC सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग देने वाले बहुत से संस्थान अपने सफल Aspirants से कॉन्ट्रेक्ट करते हैं और उनके फोटों विज्ञापनों में छापकर नए Aspirants को आकर्षित करते हैं | UPSC के सफल Aspirants को इन विज्ञापनों से इनकम होती है | लेकिन अब वह इस एक्स्ट्रा कमाई को नहीं कर पाएंगे |
CCPA ने अपनी जांच में पाया है कि कोचिंग संस्थान जिस तरह से यूपीएससी आईएएस टॉपरों की फोटों का इस्तेमाल अपने विज्ञापनों में करते हैं, वह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के 'भ्रामक विज्ञापन' और 'अनुचित व्यापार प्रथाओं की धाराओं के तहत आता है | CCPA रिपोर्ट में कहा गया है कि कोचिंग सेंटरों ने Aspirants को लुभाने के लिए भ्रामक और बढ़ा चढ़ाकर किए दावों का सहारा लिया है | CCPA रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोचिंग उद्योग 58,088 करोड़ रुपये का है, जिसमें से सिविल सेवा परीक्षा कोचिंग का हिस्सा 3,000 करोड़ रुपये है | दिल्ली को सिविल सेवा परीक्षा का कोचिंग का गढ़ माना जाता है |
CCPA ने DOPT को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि वह उन सभी Aspirants पर केंद्रीय सिविल सेवा नियम, 1964 लागू करे, जो कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों में पूरे साल ब्रांड एंबेसडर के रूप में छाए रहते हैं | इन नियमों में साफ तौर पर ये कहा गया है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी व्यापार या व्यवसाय से जुड़ेगा या कोई रोजगार नहीं करेगा | सीसीपीए की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पत्र में इस बात पर जोर देकर कहा गया है कि ये कोचिंग संस्थान अपने विज्ञापनों में इस बात को छिपाते हैं कि सफल Candidates ने वहां से कौन सा कोर्स किया था | कई तरह की जानकारियां जानबूझकर छिपाकर नए Aspirants को गुमराह किया जाता है |
आपको बता दें CCPA से वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट, चहल अकादमी, खान स्टडी ग्रुप आईएएस, दृष्टि आईएएस समेत 20 IAS कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किया गया था | वाजीराव एंड रेड्डी संस्थान ने दावा किया था कि यूपीएससी 2022 रिजल्ट में पास हुए अभ्यर्थियों में 617 विद्यार्थी वहीं से थे | जिसके बाद फिर CCPA को भेजे जवाब में संस्थान ने जवाब दिया कि वे सभी Aspirants इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम से थे | यानी किसी ने भी महंगे फाउंडेशन कोर्सेज में उन्होंने दाखिला नहीं लिया था | जिसके बाद अब CCPA की ओर से ये फैसला किया गया है कि अब कोई भी UPSC Aspirants इन विज्ञापनों के जरिए कमाई नहीं कर सकता है | अब इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है उसे आप हमारे Comment Section में जरूर बताएं |