UPSC में Test देने का सबसे सही तरीका


यूपीएससी एग्जाम में ऐसे कई लोग शामिल होते हैं, जिनमें प्रतिभा और ज्ञान की कमी नहीं होती है। लेकिन सब कुछ जानने के बाद भी कई बार छात्र यूपीएससी एग्जाम को पास नहीं कर पाते हैं। इसका मुख्य कारण होता है प्रेशर में चीजों को समझ न पाना। और प्रेशर उन पर हावी क्यों जाता है? क्योंकि वे तैयारी के दौरान प्रेशर हैंडल करने की प्रैक्टिस नहीं करते हैं। यही कारण है कि परीक्षा के दिन अचानक से जब क्वेस्चन पेपर उनके सामने आता है तो उनके हाथ पाँव फूल जाते हैं और सब कुछ जानते हुए भी परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। लेकिन आप अगर इस वीडियो को पूरा देखेंगे तो आप को यह पता चल जाएगा कि आखिर टेस्ट देने से पहले वो कौन सी तैयारी है जो आपको जरूर करनी चाहिए।

दोस्तों, यूपीएससी की तैयारी करते समय आपको हर कोई यह Advice जरूर देगा कि आपको टेस्ट सिरीज़ से प्रैक्टिस जरूर करना चाहिए। लेकिन टेस्ट सिरीज़ क्यों जरूरी है क्या आपको यह पता है? दरअसल टेस्ट सीरीज की प्रैक्टिस के दौरान अभ्यर्थियों को इस बात का अंदाजा लग जाता है कि उन्हें क्या छोड़ना और क्या चुनना है, जिससे निगेटिव मार्किंग से बचा जा सके। यूपीएससी की तैयारी के दौरान टेस्ट सीरीज छात्रों को इस बात की समझ क्लीयर हो जाती है कि आपको कैसे तैयारी करनी है और एग्जाम के दौरान किन चीजों को करने से बचना है।  कई बार लोग दबाव में होने पर अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हैं। टेस्ट सीरीज के दौरान छात्र एग्जाम में कितना और क्या-क्या कवर कर पाएंगे इसका अंदाजा लगा पाने में आसानी होती है।

ये तो बात तो जगजाहिर है कि एग्जाम का पैटर्न और बार-बार उसकी तैयारी करने से विषय पर पकड़ मजबूत होती है। लगातार टेस्ट सीरीज की प्रैक्टिस करने से मेन एग्जाम के दौरान प्रेशर झेलने और कम वक्त में सवालों को सॉल्व करने की क्षमता अभ्यर्थियों में विकसित होती है, जिससे रैंकिंग इंप्रूव हो सकती है। यह आपको तेजी से सीखने में मदद करता है। इसके अलावा आप अपनी गलतियों से भी बहुत कुछ सीखते रहते हैं।

जितना अधिक आप मॉक टेस्ट में अभ्यास करेंगे, जितनी अधिक आप इन टेस्ट्स में गलतियाँ करेंगे, उतनी अधिक संभावना है कि आप असली परीक्षा में इन गलतियों को नहीं दोहराएंगे। केवल प्रतिदिन घंटों मेहनत करने, केवल अध्ययन करने और इनपुट-आउटपुट अनुपात का मूल्यांकन न करने से ठोस परिणाम नहीं मिलेंगे। टेस्ट सीरीज़ आपको अपनी तैयारी के स्तर का बार-बार विश्लेषण करने में मदद करेगी। यह आपको सही एक्सपोज़र देता है और आपको उन क्षेत्रों के बारे में बताता है जहां काम पूरा करने के लिए आपको अधिक प्रयास करने होंगे।

यूपीएससी की तैयारी के साथ-साथ बार-बार मॉक परीक्षा देना बहुत फायदेमंद होता है। वे आपको यह जानने में सक्षम बनाते हैं कि आपने अब तक कितना ज्ञान बरकरार रखा है जो आपने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान प्राप्त किया था। मॉक परीक्षाओं के माध्यम से निरंतर अभ्यास आपको परीक्षा पैटर्न और प्रदर्शन विश्लेषण के साथ यूपीएससी पाठ्यक्रम के अधिकांश विषयों को अपनी याददाश्त में बनाए रखने में मदद करता है। यूपीएससी मॉक परीक्षा कामकाजी उम्मीदवारों को अपने काम और परीक्षा की तैयारी के बीच संतुलन बनाने का पर्याप्त अवसर प्रदान करती है।

UPSC परीक्षा पास करने और परीक्षा के डर को खत्म करने के लिए 40 से 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद नियमित रूप से मॉक टेस्ट का अभ्यास करें। प्रारंभिक परीक्षा से पहले उम्मीदवारों को 30 से 40 मॉक टेस्ट देने की सलाह दी जाती है। सिर्फ टेस्ट देना ही काफी नहीं है, हर टेस्ट के समाधानों को पढ़ना भी जरूरी है। समाधान पढ़ने से ही नई जानकारियां मिलेंगी और मुख्य परीक्षा का आधार बनेगा।

सभी यूपीएससी टॉपर्स टेस्ट सीरीज के महत्व पर सहमत हैं क्योंकि इनका अभ्यास आपको परीक्षा में आने वाले प्रश्नों को समझने और उन्हें हल करने की क्षमता का विकास करता है। एक सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि मॉक टेस्ट से आपको टाइम मैनेजमेंट और परीक्षा के समय के दबाव से निपटने में मदद मिलती है। ये आपको रियल परीक्षा देने के दौरान हो सकने वाली गलतियों का एहसास करने में भी सहायता करते हैं। शुरुआत में आप अपनी गलतियों से सीख सकते हैं, लेकिन रियल एग्जाम में उन्हें दोहरा नहीं सकते हैं।