यूपीएससी में कौन कौन से आसन आपकी सहायता कर सकते हैं?


योग को अक्सर हम व्यायाम या साधना मान कर दरकिनार कर देते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि यह कोई आसन या व्यायाम भर नहीं बल्कि जीवन जीने की एक कला है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है ‘‘योग : कर्मसु कौशलम्’’ अर्थात् योग से कर्मों में कुशलता आती है। व्यावाहरिक स्तर पर योग शरीर, मन और भावनाओं में संतुलन और सामंजस्य स्थापित करने का एक साधन है। योग ना सिर्फ हमारे शरीर को स्फूर्ति देता है बल्कि यह हमारे मन को भी स्थिर करता है। ऐसे में परीक्षा के समय में होने वाले तनाव को दूर करने में यह एक ब्रह्मास्त्र साबित हो सकता है। आज के Blog में हम जानेंगे कि किस प्रकार योग की सहायता से आप यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को भी आसान बना सकते हैं।

यूपीएससी की तैयारी एक लंबी प्रक्रिया है। इसके लिए आपको जी जान से दो साल या उससे भी अधिक समय तक मेहनत करनी पड़ती है। और इस दौरान आपको शारीरिक और मानसिक रूप से बिलकुल फिट रहना होगा। जरा सी चूक भी परीक्षा में सफल होने के आपके चान्स को कम कर सकती है। तैयारी के दौरान अनावश्यक तनाव से बचना बेहद जरूरी होता है। अक्सर देखा गया है कि विद्यार्थी तनाव में आ कर परीक्षा में Silly Mistakes कर बैठते हैं। जैसे जैसे परीक्षा का समय नजदीक आने लगता है, यह तनाव भी बढ़ता जाता है। इसके कारण विद्यार्थियों को कई प्रकार की समस्याएँ होने लगती है, जैसे कि अनिद्रा, यानि नींद ना आना, थकान, चिड़चिड़ापन, फोकस में कमी इत्यादि। लेकिन आप इन सभी परेशानियों को योग की मदद से आसानी से दूर कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे आसनों के बारे में जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से परीक्षा के लिए तैयार कर सकते हैं।

वृक्षासन – इस आसान से मन को शांत करने में सहायता मिलती है। इस आसान के लिए समतल जमीन पर सीधे खड़े हो जाएँ। फिर अपने दाहिने पैर को Sideways यानि की बगल की ओर से मोड़े और तलवों को बाएँ पैर की जांघों के साथ लगाने की कोशिश करें। बाएं पैर पर संतुलन बनाने की कोशिश करनी होगी। अब दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और कोहनियों को सीधे रखते हुए हथेलियों को जोड़ें। अब धीरे-धीरे करीब दस बार सास लें। हाथों को नीचे करें और फिर दाएं पैर को नीचे रखें। इसके बाद यही क्रिया बाएं पैर को ऊपर ले जाकर दोहराएं।

वज्रासन – परीक्षा की तैयारी में नींद ना आना एक बहुत ही आम समस्या है। और इस समस्या से निजात पाने के लिए वज्रासन बहुत कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले जमीन पर आलथी पालथी की मुद्रा में बैठ जाएँ। कोशिश करें कि दोनों पैरों के तलवे दूसरी जांघ पर स्थित हों।  अब दोनों पैरों के तलवों को थोड़ा दूर खिसकाएं और कूल्हों को जमीन पर टिकाएं। इसके बाद दोनों हाथों को घुटनों पर टिका लें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और कंधों को भी न झुकाएं। सामने की तरफ देखें और किसी भी चीज पर फोकस करें। इस आसन को आप काफी देर तक कर सकते हैं।

त्राटक क्रिया – इस क्रिया की मदद से आप अपनी एकाग्रता शक्ति को बढ़ा सकते हैं और यह क्रिया बहुत ही आसान है। इसके लिए एक कागज़ के केंद्र में बिन्दु बना लें और अब इस कागज को पाच फीट की दूरी पर रखें और बिंदू पर फोकस करें। आप तनाव की स्थिति से बाहर आएंगे और इससे बेहतर रिजल्ट आपको देखने को मिलेगा।

सूर्य नमस्कार – यह शायद योग का सबसे प्रचलित आसान है और अपने भी इसके बारे में जरूर सुना होगा। सूर्य नमस्कार का हर रोज अभ्यास करने से दिमाग सक्रिय और एकाग्र बनता है। आमतौर पर इसका अभ्यास सुबह खाली पेट किया जाता है। सुबह के समय खुली जगह पर इसे करें, जहां आपको ताजा हवा मिले। इस आसान के लिए सबसे पहले सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हों और दोनों को पैरों को मिलाएं, कमर सीधी रखें। अब हाथों को सीने के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम की अवस्था बनाएं। फिर इसी अवस्था में ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें। अब हाथों को प्रणाम की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं और कमर को पीछे की तरफ झुकाएं। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस समय आपका सिर घुटनों से मिला होना चाहिए।

अनुलोम विलोम - अनुलोम विलोम का नियमित अभ्यास बंद नाड़ियों को खोलने और दिमाग को शांत करने में मदद करता है। हर रोज सुबह 15 मिनट इसका अभ्यास करने से खून साफ होता है और खून मे ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। इस आसान के लिए सबसे पहले ध्यान की मुद्रा में जमीन पर बैठ जाएँ। ध्यान रहे कि इस दौरान आपके रीढ़ की हड्डी बिलकुल सीधी होनी चाहिए। अब  अपनी आँखों को बंद करें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। अब अपने दाहिने हाथ की उँगलियों से बाएँ नाक को बंद करें और दाहिने नाक से सांस अंदर लें। फिर बाएँ हाथ की अंगुलियों से दाहिने नाक को बंद करें और बाएँ नाक से सांस बाहर छोड़ें। इस प्रक्रिया को पाँच बार दोहराएँ और हर बार नाक बंद करने के लिए अलग अलग उँगलियों का प्रयोग करें। ध्यान रहे कि इस आसान में सांस उतनी ही देर रोकें जितनी देर आप Comfortable हों।

देखा जाए तो योग कोई धर्म नहीं है, यह जीने की एक कला है, जिसका लक्ष्य है- स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन। योग के अभ्यास से व्यक्ति को मन, शरीर और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह भौतिक और मानसिक संतुलन द्वारा शांत मन और संतुलित शरीर की प्राप्ति कराता है।