क्या Arts के Aspirants के लिए ज्यादा मुश्किल है UPSC ?


यूपीएससी के सिलैबस को देखने पर लगता है कि इसे सिर्फ आर्ट्स के स्टूडेंट्स को ध्यान में रख कर बनाया गया है। अब आप खुद ही सोचिए कि जिस परीक्षा में सभी पेपर Humanities से संबन्धित हों, वो आर्ट्स के स्टूडेंट्स के लिए तो हलुआ ही साबित होगा। आज़ादी के बाद कई सालों तक यह सच भी था लेकिन धीरे धीरे परिस्थितियाँ बदलीं और आज ऐसा लाग्ने लगा है कि आर्ट्स के स्टूडेंट्स के लिए यूपीएससी में कोई जगह नहीं बची है। या फिर यह सब बातें बकवास है और आज भी आर्ट्स के स्टूडेंट्स का दबदबा वैसा ही है जैसा पहले हुआ करता था? आइए जानते हैं आज के Blog में।

यूपीएससी की 68वीं वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार सीएसई 2016 में कैंडिडेट्स द्वारा वैकल्पिक विषयों के रूप में सबसे ज्यादा चुने गए विषयों की बात करें, तो (यूपीएससी द्वारा चयन के लिए अनुशंसित) (रिपोर्ट के पृष्ठ 118 और 119) आंकड़े कुछ ऐसे हैं-

जहां तक उम्मीदवारों की शैक्षणिक पृष्ठभूमि का संबंध है तो 59.3% इंजीनियरिंग से थे, इसके बाद क्रमशः आर्ट्स, चिकित्सा विज्ञान और विज्ञान से 21.9%, 10.3% और 8.5% उम्मीदवार थे। हालांकि, रिकमेंड उम्मीदवारों द्वारा चुने गए वैकल्पिक विषयों में से 84.7% आर्ट्स (भाषा साहित्य सहित) से संबंधित थे, इसके बाद क्रमशः विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान और इंजीनियरिंग से संबंधित 6.8%, 5.4% और 3.1% उम्मीदवार थे। इससे साफ पता चलता है कि अधिकतर उम्मीदवारों ने अपनी बेसिक (मूल) स्ट्रीम (यानी, इंजीनियरिंग, विज्ञान और चिकित्सा विज्ञान) से हट कर आर्ट्स को चुना है।

यह कहना भी गलत नहीं होगा की किसी भी परीक्षा में कैंडिडेट का दृष्टिकोण उसकी मेहनत ही उसकी सफलता की संभावनाओं को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है। फिर भी एक सच यह भी है कि सिविल सर्विसेज के विभिन्न चरणों के एग्जाम में आर्ट्स स्ट्रीम के सब्जेक्ट्स (Subject For Arts Stream) की सबसे ज्यादा पढ़ाई करनी पड़ती है और इसका फायदा आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को मिलता है। इन विषयों में हिस्ट्री, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, पॉलिटिकल साइंस, ज्योग्राफी, सायक्लॉजी, सोसियोलॉजी, इकॉनामिक्स जैसे खास विषय हैं, जो जेनरल स्टडीज के पेपर के सिलेबस में शामिल हैं जिसका सिविल सर्विसेज के प्रीलिम्स और मेन (Prelims And Mains For UPSC) दोनों ही स्टेज में सबसे ज्यादा महत्व है। इतना ही नहीं, इनमें से अधिकांश विषय यूपीएससी की वैकल्पिक विषय सूची में भी शामिल हैं।

सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्रों और यूपीएससी पाठ्यक्रम के विषयों को देखते हुए, आर्ट्स स्ट्रीम वाले छात्रों के लिए निश्चित तौर पर इसे एक एडवांटेज के तौर पर देख सकते हैं। क्योंकि छात्र ये विषय पहले ही स्कूल और कॉलेज में पढ़ चुके होते हैं। इसलिए यदि आप सिविल सर्विसेज के रूप में अपने करियर का चुनाव करते हुए इस दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं तो ऐसे में आर्ट्स स्ट्रीम के साथ आपको अतिरिक्त फायदा मिलता है। साथ ही यह उन विषयों की विस्तृत रेंज भी कवर करता है जो हायर स्टडीज के साथ ही सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए भी एक मजबूत आधार बनता है। ऐसे में यदि आप सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफलता चाहते हैं तो इस धारणा को यहीं छोड़ दें कि आर्ट्स के साथ अन्य स्ट्रीम की तुलना में करियर के कम अवसर मिलते हैं। इस स्ट्रीम के साथ अगर ज्यादा नहीं तो कम से कम अन्य के समान ही अवसर हैं। लेकिन साथ ही छात्र को इसमें भी बराबर प्रयास और समर्पण की आवश्यकता होती है।

हालांकि यह भी सच है कि CSAT का पेपर आर्ट्स के स्टूडेंट्स के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन यह भी एक ऐसा धारणा है जिसे जरूरत से ज्यादा हवा दे दी गयी है क्योंकि इस पेपर में सवालों का स्तर वैसे ही होता है जो स्कूल में दसवीं के बच्चों का होता है तो यदि आप आर्ट्स के स्टूडेंट हैं तो इस पेपर से घबड़ाने की बजाय इसमे थोड़ी सी मेहनत करके इस पेपर में भी अच्छा कर सकते हैं।