12th के बाद Aspirant UPSC की तैयारी करें या कोई Skill सीखें ?


बारहवीं की परीक्षा हम सब के लिए एक बहुत बड़ा पड़ाव है। इस परीक्षा के बाद हम सबको अपने जीवन की दिशा तय करनी होती है और यह हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण क्षण होता है। अब बारहवीं के बाद क्या किया जाए? यूपीएससी की तैयारी की जाए या फिर कुछ ऐसा कोर्स किया जाए जिससे कोई स्किल डिवैलप हो सके और हम जीवन को बेहतर बना सके? ये सवाल कई लोगों को परेशान करता है और इसलिए मैंने सोचा कि आज मैं आपकी इसी कन्फ़्यूजन को दूर करूंगी। बने रहिए हमारे साथ।

दोस्तों, यूपीएससी बेशक एक आकर्षक Career Option है जो कई लोगों को लुभा रही है। हर साल 10 लाख लोग इस परीक्षा में अपनी किस्मत आजमाते हैं, यह जानते हुए भी कि सफलता के Chances ना के बराबर हैं, लोग इस मझधार में कूद पड़ते हैं जबकि दूसरी तरफ कई लोग ऐसे भी होते हैं जो कोई प्रॉफेश्नल कोर्स को चुनते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इसमे Competition यूपीएससी के मुक़ाबले कम है और सफल होकर बेहतर जीवन जी पाना ज्यादा आसान है।

अब सावल उठता है कि आपको क्या करना चाहिए? क्या आपको यूपीएससी की तैयारी करनी चाहिए या फिर किसी स्किल को डिवैलप करने पर ध्यान देना चाहिए। इस सवाल का जवाब ढूँढने से पहले आपको कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए। इन बातों पर गौर करने के साथ ही आपका Confusion भी दूर हो जाएगा।

करियर की आकांक्षाएं: यदि आपका लक्ष्य भारतीय सिविल सेवा में काम करना और नौकरशाही या प्रशासनिक भूमिका में देश की सेवा करना है, तो यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना आवश्यक है। ये परीक्षाएं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित पदों के लिए प्रवेश द्वार हैं। लेकिन यदि आपको लगता है कि आप वो मुश्किल जीवन नहीं जी सकते या इतना विशाल स्टडी मटिरियल संभाल पाना आपके बस का नहीं है तो आपको स्किल डेव्लपमेंट पर ध्यान चाहिए।

Long-Term Commitment - यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण समय और समर्पण की आवश्यकता होती है। पाठ्यक्रम विशाल है और इसमें इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति और समसामयिक मामलों सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। परीक्षाओं के लिए अच्छी तरह से तैयार होने में आम तौर पर कई महीनों या वर्षों तक लगातार अध्ययन करना पड़ता है। यदि आपके पास Patience है तो आपको यूपीएससी की तैयारी करनी चाहिए लेकिन यदि आप इतना समय भविष्य के बारे में सोचते हुए नहीं बिताना चाहते हैं तो आपको स्किल डेव्लपमेंट पर फोकस करना चाहिए।

प्रतिस्पर्धा और सफलता दर: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यूपीएससी परीक्षा अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है, जिसमें सफलता दर कम है। आवेदकों की संख्या उपलब्ध पदों से कहीं अधिक है, जिससे यह एक चुनौतीपूर्ण प्रयास बन गया है। आपको कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना चाहिए और अपनी सफलता की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए आवश्यक समय और प्रयास लगाने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस प्रतिस्पर्धा में बने के लिए बेहद जरूरी है कि आप मानसिक रूप से मजबूत हों और आपके अंदर बार बार असफलता को आत्मसात करने की क्षमता है। यदि नहीं तो आप बेशक किसी और कोर्स के लिए जा सकते हैं।

वैकल्पिक करियर पथ: यदि आपके पास अन्य करियर आकांक्षाएं हैं जिनके लिए यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक नहीं है, जैसे उद्यमिता, प्रौद्योगिकी, कला, या कोई अन्य क्षेत्र, तो नए कौशल सीखना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। किसी विशिष्ट क्षेत्र में विशेषज्ञता विकसित करने से विभिन्न उद्योगों में अवसर खुल सकते हैं और एक अलग कैरियर प्रक्षेप पथ प्रदान किया जा सकता है।

व्यक्तिगत रुचियाँ और जुनून - निर्णय लेते समय अपने व्यक्तिगत रुचियों और जुनून पर विचार करें। यदि आपका सार्वजनिक सेवा, शासन और नीति-निर्माण के प्रति गहरा रुझान है, तो यूपीएससी परीक्षा देना आपकी रुचि के अनुरूप है। दूसरी ओर, यदि आपकी किसी विशिष्ट कौशल या डोमेन में गहरी रुचि है, तो नए कौशल सीखने से आपको उस क्षेत्र में एक अच्छा करियर बनाने में मदद मिल सकती है।

अंततः, अपने विकल्पों पर विचार करना, अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों और रुचियों पर विचार करना और ऐसा निर्णय लेना महत्वपूर्ण है जो आपकी आकांक्षाओं और जुनून के अनुरूप हो। आप अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए सलाहकारों, करियर परामर्शदाताओं या क्षेत्र में अनुभव रखने वाले व्यक्तियों से भी सलाह ले सकते हैं।