जरा सोचिए आपने UPSC के लिए कड़ी मेहनत की , सफल भी हुए और आपका Selection भी हो गया है | लेकिन फिर UPSC आपके Selection को रद कर दे ,तो आपको कैसा लगेगा | जी है ऐसा हुआ अपने पहले ही प्रयास में सफल होकर IPS बनने वाली दिव्या तवर के साथ | जिन्होंने साल 2022 में अपने दूसरें प्रयास में 105 रैंक हासिल की और सभी को पूरी उम्मीद थी कि उन्हें IAS का ही पद मिलेगा | लेकिन उनकी एक छोटी से गलती की वजह से उनका ये सपना अधूरा रह गया |


जी हाँ दोस्तों, IPS दिव्या तंवर को अब IAS बनने के लिए फिर से UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल करनी पड़ेगी | अब सवाल आता है IPS दिव्या ने ऐसी क्या गलती की थी, तो दोस्तों आपको बता दे भारत सरकार की ओर से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए EWS लेकर आई थी, इस आरक्षण का फायदा उन्हीं उम्मीदवारों को मिलता है जो सामान्य वर्ग से तो है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर है और इससे जुड़ा Documents उनके पास हो | इसी वर्ग में दिव्या तंवर, विमलोक तिवारी और वेद प्रकाश सिंह इन तीन Aspirants ने इस catagory से UPSC की परीक्षा दी थी | और ये तीनों इस परीक्षा में सफल भी हुए,लेकिन पूरी मामला तब खराब हो गया जब इन तीनों Aspirants ने UPSC की ओऱ से दिए गए तय समय के बाद अपने EWS Certificate Submit किया | जिस पर Action लेते हुए UPSC ने इन तीनों Aspirants को Selection को रद् कर दिया |


UPSC के इस फैसले के बाद तीनों Aspirants सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर गए,लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी उन्हे राहत मिलती नहीं दिख रही है | सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कंडिडेट की ओर से दायर तीन रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया | इस फैसले के ऑपरेटिव हिस्से को पढ़ने वाले जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि CSE 2022 के उद्देश्य के लिए EWS कैटेगरी के लाभ का दावा करने वाले उम्मीदवार पात्रता तभी प्राप्त करते हैं, जब वे कार्यालय ज्ञापन दिनांक 19.01.2019 में केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित मानदंड को पूरा करते हैं और 31.01.2019 और साल 2020-21 के आधार पर आवश्यक इनकम एंड प्रोपर्टी सर्टिफिकेट उनके पास हो |


इसके अलावा, सीएसई नियमों के अनुसार, उम्मीदवारों के पास 22.02.2022 तक इनकम एंड प्रोपर्टी सर्टिफिकेट होना चाहिए | कोई भी उम्मीदवार जिसके पास निर्धारित प्रारूप में इनकम एंड प्रोपर्टी सर्टिफिकेट नहीं है, वह ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लाभ का दावा नहीं कर सकता है | समान रूप से DAF-1 के चरण में निर्धारित प्रारूप में 22.02.2022 तक मौजूद दस्तावेज़ को निर्धारित तिथि से पहले ऑनलाइन जमा करना होगा | साथ  ही खंडपीठ ने कहा कि यूपीएससी द्वारा ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत लाभ का दावा करने वाले उन उम्मीदवारों की उम्मीदवारी को खारिज करना उचित है, क्योंकि उन्होंने निर्धारित समय सीमा से परे इनकम एंड प्रोपर्टी सर्टिफिकेट जमा कर दिए थे |


साथ ही खंडपीठ ने आगे कहा कि दस्तावेजों को अपलोड करने के लिए प्रारूप और कट-ऑफ निर्धारित करना यूपीएससी द्वारा उचित है | याचिकाकर्ताओं ने परिणाम के बाद उन्हें सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के रूप में मानने के यूपीएससी के फैसले को चुनौती दी | याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि यह कार्रवाई मनमानी है और संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 21 का उल्लंघन है |


लेकिन इस बारे में अभी तक पूरा जानकारी हमारे पास नहीं आई है | लेकिन इस बात से ये साफ हो जाता है कि चाहे आप पहले UPSC में Select होकर सेवा दे रहे हो, उसके बाद भी आपको UPSC की ओर से दी गई समय सीमा के अंदर ही जरूरी Documents जमा करने ही होंगे | इसपर UPSC की ओर से किसी को भी कोई छूट नहीं दी जाती है |