भारत दुनिया में अपनी ताकत को बढ़ाना चाहता है | इसी कड़ी में सरकार अगले 5 सालों के लिए 215 अतिरिक्त IFS पद निकाले हैं | यह फैसला विदेशों में भारतीय मिशनों में विशेषज्ञ जनशक्ति की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गया है | जानकारी के मुताबिक यह फैसला इस विचार के साथ लिया गया है कि सरकार अगले कुछ सालों में 9 और भारतीय मिशन खोलने की योजना बना रही है और वर्तमान मिशनों में बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए इसकी ज्यादा जरूरत है | आपको बता दें IFS कैडर का यह बड़ा पुनर्गठन, कैडर के पिछले पुनर्गठन के 19 साल बाद आया है |
मिली जानकारी के अनुसार यह पुनर्गठन, जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के बाद किया गया | भारत सरकार के इस आदेश के बाद IFS अधिकारियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी और अधिक पदों का सृजन भी होगा | इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि , 'इस मांग को लंबे समय से महसूस किया जा रहा था और कैडर समीक्षा समिति ने लगभग एक साल पहले कैडर की समीक्षा की सिफारिश की थी। IFS की अंतिम समीक्षा और पुनर्गठन 2004 में हुआ था | कैबिनेट ने देश की कूटनीति को आगे बढ़ाने के लिए और अधिक लोगों की आवश्यकता सहित कई बातों को ध्यान में रखते हुए अपनी मंजूरी दी है। यह देखते हुए भी कि भारत के नेतृत्व वाली पहलों जैसे ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस, इंटरनेशनल सोलर अलायंस, कोलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को दुनिया भर में स्वीकार किया जा रहा है |
विदेश मंत्रालय ने अपने प्रस्ताव में बताया है कि साल 2014 में एक साल में उन देशों में जहां भारतीय मिशन हैं, वहां वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के दौरे की औसत संख्या लगभग 9-10 से बढ़कर 2023 में लगभग 35-40 हो गई है | वहीं इस बारे में एक अधिकारी ने कहा, कि 'इसलिए, भारतीय मिशनों को वहां और नई दिल्ली के मुख्यालय में भी अधिक विशिष्ट हाथों की आवश्यकता है।' इस साल की शुरुआत में, संसदीय स्थायी समिति ने सरकार को देश की वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की इच्छा के अनुरूप भारतीय राजनयिक सेवा की जनशक्ति बढ़ाने की सिफारिश की थी | समिति ने इस बात पर ध्यान दिया कि IFS कई अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक कर्मचारियों की कमी वाला है | आपको बता दें 1,011 आईएफएस अधिकारी विदेश मंत्रालय की कुल 4,888 की ताकत का केवल 22.5% हिस्सा हैं |