दिल्ली आने वाले हर Aspirant को उठानी पड़ती हैं ये परेशानियाँ।



यूपीएससी की तैयारी करनी है तो सबसे पहला ख्याल जो मन में आता ही वह ये कि मेरे छोटे से शहर में रह कर तो अच्छी तैयारी हो नहीं पाएगी तो क्यों ना वहाँ चला जाए जिसे यूपीएससी Aspirants का गढ़ माना जाता है, जहां रह कर तैयारी करने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है और जहां से हर साल सबसे ज्यादा Civil Servants निकलते हैं। जी हाँ, अपने सही समझा हम बात कर रहे हैं दिल्ली की। दिल्ली सिर्फ देश की राजधानी नहीं बल्कि यूपीएससी की तैयारी की भी राजधानी कही जाती है, तभी तो जिसे भी तैयारी करनी होती है वह कम से कम दिल्ली आने के बारे में सोचता जरूर है! मगर जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह दिल्ली में रह कर तैयारी करना का एक पहलू ये भी है कि यहाँ से तैयारी करना इतना भी आसान नहीं है।


दोस्तों, आज हम बात करेंगे दिल्ली में रह तैयारी करने में आने वाली उन परेशानियों के बारे में जो अक्सर स्टूडेंट्स के सामने आती हैं।


बड़ा शहर, बड़ी उलझन – दिल्ली देश की राजधानी है और यहाँ कोई एक जगह नहीं है जहां रह हर स्टूडेंट तैयारी करता है, करोल बाग, मुखर्जी नगर, ओल्ड राजेंद्र नगर, लक्ष्मी नगर ये कुछ ऐसे इलाके हैं जो यूपीएससी की कोचिंग के लिए फ़ेमस हैं और बाहर से आने वाले स्टूडेंट की मुश्किले यहीं से शुरू होती हैं। सबसे पहला सवाल यही उठता है कि आखिर कहाँ रहा जाए? इन सब इलाकों की अपनी अपनी खासियत है और अपनी अपनी कमियाँ हैं। अब यह आपको डिसाइड करना है कि आपके लिए कौन सा इलाका सबसे अच्छा रहेगा?


घर ढूँढना – इसके बाद समस्या आती है घर ढूँढने की। दिल्ली में बिना ब्रोकर के घर मिलना तो लगभग असंभव है। देखा जाए तो यहां रहने की सुविधाएं तो बहुत हैं, लेकिन बहुत महंगी हैं। बिना खिड़की वाले बॉक्स जैसे कमरों का किराया 5 से 25 हज़ार तक हो सकता है। ऊपर से ये कमरे इतने संकरे होते हैं कि कोई दूसरा यहां ठहर नहीं सकता।


खाना पीना – घर मिल गया अब खाने का जुगाड़ करना है । आप सोच रहे होंगे कि यह कौन सी बड़ी समस्या है। खाने पीने के लिए टिफिन सर्विस तो भारत के हर शहर में उपलब्ध है। मगर यह उससे पूछिए जो यहाँ रहा कर तैयारी कर रहा है। आप टिफिन तो लगा लेंगे लेकिन खाने की क्वालिटी ऐसी होगी जो शायद ही आपको पसंद आए और पसंद का खाना खाना है तो जेब और ढीली करनी पड़ेगी।


कोचिंग की भरमार – जब आप दिल्ली में घूमेंगे तो आपको हर तरफ अलग अलग कोचिंग सेंटर्स के विज्ञापन मिल जाएंगे। मेट्रो स्टेशन के Billboard से लेकर बिजली के खंभों तक, जहां भी आपकी नज़र जाएगी आपको किसी कोचिंग का नाम दिख जाएगा और मजे की बात ये है कि हर कोचिंग यही दावा करता है कि उसकी कोचिंग का रिज़ल्ट बेहतरीन है। अब इतने सारे कोचिंग में से किसी एक को चुनना मुश्किल काम तो है ही।


आर्थिक मुश्किल - यहां आने के लिए छात्रों को आर्थिक रूप से काफ़ी तैयारी करनी पड़ती है। मुख्य विषय के तौर पर गिने जानेवाले सामान्य अध्ययन की 10 महीने की कोचिंग फ़ीस 1.20 लाख से 1.80 लाख रुपये तक है। इसके अलावा अधिकांश छात्र वैकल्पिक विषय की कोचिंग भी लेते हैं जिसकी फ़ीस 10 से 50 हज़ार तक होती है। कुछ छात्रों को अलग से सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) की कोचिंग भी लेनी पड़ती है। इन्हें जोड़ दें तो एक छात्र का एक साल का खर्च मोटा मोटी तीन लाख रुपये तक पहुंच जाता है।


स्वस्थ रहने की चुनौती - परीक्षा की तैयारी करते समय हर छात्र के लिए अच्छा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है। और आप यह तो जानते ही हैं कि हर साल दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली top 5 में जगह बनाती है। यदि आप प्रदूषण से बच भी गए तो यहाँ अलग अलग समय पर अलग अलग प्रकार की बीमारियाँ भी लोगों को अपनी चपेट में लेती रहती हैं। डेंगू इसका सबसे सटीक उदाहरण है।


सामाजिक दबाव – दिल्ली में जब आप तैयारी करना शुरू करेंगे तो सिर्फ आपकी या आपके परिवार ही नहीं बल्कि आपका आस पास का समाज भी आपसे उम्मीदें लग लेता है और आपकी हर असफलता अपर आपको जुज़ करना यहाँ बहुत ही आम है। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी मुश्किलों का सामना कर यहाँ तैयारी करने आए हैं उन्हें तो बस इस बात के मजे लेने हैं कि आपकी तैयारी मन मुताबिक नहीं पद रही है।


इसमे कोई डोरे नहीं है कि यूपीएससी के लिए आज भी दिल्ली सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है और तमाम मुश्किलों के बावजूद यहाँ रह कर तैयारी करने से आपकी तैयारी में एक अलग पैनापन आता है जो आपको अन्य स्टूडेंट्स के मुक़ाबले थोड़ा एज जरूर देता है। तो यदि आप भी यहाँ आकर अपनी Preparation करना चाहते हैं तो सबसे पहले इन मुश्किलों से जूझने के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लें।