UPSC में 90% नहीं बस 45% MARKS चाहिए


यूपीएससी को देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शामिल किया जाता है। इस परीक्षा का पैटर्न, इसका सिलैबस, इसका कॉम्पटिशन इतना कठिन है कि शायद ही कोई ऐसा स्टूडेंट होगा जो परीक्षा देने के बाद पूरे विश्वास के साथ यह कह सके कि उसका Selection पक्का है। इस परीक्षा के सवालों का दायरा इतना विशाल है कि बाहर से देखने वाले को यही लगता है कि जो यूपीएससी Qualify करता है वह सब कुछ जानता है। जबकि यदि आप परीक्षा की कटऑफ देखेंगे तो आपको लगेगा कि Selection के लिए तो 50 प्रतिशत सवाल सोल्व कर लेना ही काफी होता है। यानि यदि आप आधे सवाल भी सही कर लेते हैं तो भी आपका Selection हो सकता है।


जब आप परीक्षा भवन में प्रवेश कर रहे होते हैं तब आपके दिमाग में क्या चल रहा होता है? यही ना कि कितने सवाल सोल्व करने से मैं Safe Zone में पहुँच जाऊंगा या जाऊँगी?


वैसे तो इस सवाल का जवाब यही होगा कि आप जितना ज्यादा Questions सोल्व करेंगे आपके लिए उतना ही बेहतर होगा लेकिन अक्सर यही देखा गया है कि जो सवाल परीक्षा में पूछे जाते हैं उनमे से अधिकांश सवाल के जवाब को लेकर हम Confused हो जाते हैं। यही कारण है कि Exam में Students सबसे पहले Safe Zone पार करने की कोशिश करते हैं। लेकिन Safe Zone क्या है यह कैसे पता चलेगा? इसके लिए हमें पिछले कुछ सालों का Trend Analysis करना पड़ेगा।


ट्रेंड एनालिसिस के अनुसार, यह देखा गया है कि प्रीलिम्स के लिए कट-ऑफ हर साल बदलती रहती है। आम तौर पर, प्रीलिम्स पेपर I (सामान्य अध्ययन) के लिए कटऑफ 90 से 110 के बीच होती है। किसी दिए गए वर्ष में हल किए जाने वाले प्रश्नों की सटीक संख्या घोषित करना कठिन है, क्योंकि कठिनाई का स्तर अलग-अलग होता है। और एक चीज यह भी देखने को मिलती है कि हर साल यह कटऑफ घटता ही जा रहा है। इसी के आधार पर आप एक अनुमान लगा सकते हैं कि यदि आप पिछले साल के कटऑफ से 5 – 10 मार्क्स ऊपर स्कोर करते हैं तो आपका Selection पक्का हो जाएगा।


प्री में दो Papers होते हैं जिसमे से कटऑफ के लिए सिर्फ पेपर 1 को कन्सिडर किया जाता है लेकिन पेपर 2 में भी Qualify करना जरूरी है। हालांकि इसमे एक अच्छी बात यह भी है कि इसमे आपको कटऑफ के बारे मे परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है और चूंकि पेपर 2 में Subjects भी लिमिटेड हैं तो आप इसकी तैयारी अपने हिसाब से कर सकते हैं।


अब बारी मेंस की। आमतौर पर यह कहा जाता है कि यदि उम्मीदवार का लक्ष्य मेन्स पास करना है तो उसे पूरा पेपर सॉल्व करना होगा। निबंध, सामान्य अध्ययन पेपर और वैकल्पिक पेपर के लिए आवंटित अधिकतम अंक 250 अंक हैं, और भारतीय भाषा और अंग्रेजी पेपर के लिए आवंटित अधिकतम अंक 300 अंक हैं।


यूपीएससी मेन्स के प्रत्येक पेपर में आमतौर पर 20 प्रश्न होते हैं जो अलग अलग Topics को कवर करते हैं, और उन्हें पूरा करने के लिए 3 घंटे का समय आवंटित किया जाता है। मुख्य परीक्षा में अधिकतम अंक प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को सभी प्रश्नों को हल करने का प्रयास करना चाहिए। आम तौर पर यह कहा जाता है कि इस चरण में सफल होने की संभावना उस उम्मीदवार के लिए अधिक है, जिसने अधिकतम संख्या में प्रश्न हल किए हैं, न कि उन उम्मीदवारों के लिए जो समय पर पेपर पूरा नहीं कर सके।


लेकिन चूंकि मेंस के पेपर्स काफी Lengthy होते हैं इसलिए यह संभव है कि आप एक सवाल को सॉल्व करने में ज्यादा समय लगा दें और आपके लिए अन्य सवालों के लिए समय ही ना बचे। इस समस्या से बचने के लिए आपको सवालों को पढ़ने और उसका जवाब देने के लिए 3:7 के अनुपात का नियम अपनाना चाहिए। यानि एक सवाल को पढ़ने के लिए 3 मिनट और उसका जवाब देने के लिए 7 मिनट का समय रखें। तभी आप समय पर पेपर पूरा कर पाएंगे। यदि किसी विशेष प्रश्न का उत्तर देने के लिए सात मिनट पर्याप्त नहीं हैं, तो उस समय की भरपाई करने के लिए किसी और सवाल से समय निकालना पड़ेगा और यह काम बेहद मुश्किल है। लेकिन यदि आप परीक्षा से पहले भरपूर Practice करें तो आप इस सिचुएशन के लिए भी सही प्लानिंग कर पाएंगे।