यह आदत जो आपको भीड़ से अलग कर देगी?


एक समय की बात है। एक व्यक्ति ने अपने घर में दो पेड़ लगाए। वह दोनों को हर दिन पानी तो देता था लेकिन दोनों के साथ उसका व्यवहार बिलकुल अलग था। एक पेड़ को बहुत प्यार से पुचकारता, उसकी तारीफ किया करता और पानी भी बड़े प्यार से देता था। वहीं दूसरे पेड़ को वह हमेशा नफरत भरी आँखों से देखता था, हमेशा उसकी बुराई करता रहता। उसे यह कहता की वह किसी काम का नहीं है और उसमे कभी कोई फूल नहीं आयेगा। ऐसा करते करते उसे कुछ समय बीत गया तो उसने यह नोटिस किया की जिस पेड़ की वह तारीफ किया करता था, उसमे तो फूल लगने लगे हैं जबकि जिस पेड़ की वह बुराई करता था वह धीरे धीरे सूखने लगा और कुछ दिनों बाद मर कर खत्म हो गया। अब ये कहानी कितनी सच्ची है ये तो नहीं मालूम लेकिन इस कहानी में हमारे जीवन का एक बहुत बड़ा रहस्य छुपा है। कौन सा रहस्य, जानेंगे आज के Blog में।


सकारात्मक विचार एवं नकारात्मक विचार बीज की तरह होते है जिन्हे हम दिमागी रुपी ज़मीन में बोते हैं जो आगे चलकर हमारे दृष्टिकोण एंव व्यवहार रुपी पेड़ का निर्धारण करता हैl एक तरफ नकारात्मक विचार हमे घोर अंधकार में धकेल सकते हैं वहीं दूसरी तरफ सकारात्मक सोच हमें असफलता के अंधकार से निकाल सकती हैंl


बाइबल में एक कहानी है - एक गाँव में गोलियथ नाम का एक बहुत विशाल ऱाक्षस रहता थाl उससे गाँव का हर व्यक्ति डरता था और परेशान रहता थाl एक दिन डेविड नाम का चरवाहा उसी गाँव में आया जहाँ लोग राक्षस के आतंक से भयभीत थेl जब गाँव वालों ने डेविड को उस राक्षस के बारे में बताया और उसका भय दिखाया तो उसने गाँव वालों से कहा की आप लोग उस राक्षस से लङते क्यों नही हो? इस पर गाँव वालों ने लोगों से कहा की वो इतना बङा है कि उसे मारा नही जा सकता हैl यह सुन कर डेविड ने कहा आप की आप लोग सही कह रहे है कि वह राक्षस बहुत बड़ा है लेकिन यह बात सही नहीं है कि बङा होने की वजह से उसे मारा नही जा सकता बल्कि हकीकत तो ये है कि वह इतना बङा है कि उस पर आसानी से निशाना लगाया जा सकता हैl फिर डेविड ने एक दिन उस राक्षस से मुक़ाबला किया और अपने से कई फ़ीट लम्बे राक्षस को अकेले ही गुलेल से मार कर गिरा दियाl ये डेविड की सकारात्मक सोच का ही असर था जिसने उसे विजय दिलायी |


यह एक Scientifically Proven Fact है कि सकारात्मक सोच सकारात्मक परिणाम देती है जबकि नकारात्मक विचार विष के समान होती हैं जो धीरे धीरे आपको अंदर से कमजोर एवं खोखला कर देती हैं। वे नकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं और हमारे अंदर भय, चिंता, आत्म-संदेह, अवसाद, क्रोध आदि जैसी नकारात्मक भावनाएं पैदा करते हैं। ये सभी भावनाएं कम उत्पादकता का कारण बनती हैं और समय के साथ, वे हमारी आदत बन जाती हैं। यदि हम ऐसी आदतें अपना लें तो हम सफलता और खुशी को 'अलविदा' कह सकते हैं।


Life coach रेमेज़ सैसन के अनुसार, सकारात्मक सोच एक मानसिक और भावनात्मक दृष्टिकोण है जो जीवन के उज्ज्वल पक्ष पर ध्यान केंद्रित करता है और सकारात्मक परिणामों की अपेक्षा करता है। एक सकारात्मक व्यक्ति खुशी, सफलता और स्वास्थ्य की उम्मीद करता है, और मानता है कि वह किसी भी बाधा और कठिनाई को दूर कर सकता है।


हमारे मन में मुसीबत के सामने भाग जाने या उससे बच निकलने का ख्याल सबसे पहले आता है क्योंकि यह सबसे आसान रास्ता होता है और ऐसा आज से नहीं बल्कि मनुष्य के अस्तित्व के प्रारम्भिक दिनों से हो रहा है। अक्सर हम परेशानी से बचने का रास्ता ढूंढते हैं और फिर उससे बच कर यह सोचते हैं कि हमने परेशानी से छुट्टी पा ली जबकि यह भी एक नेगेटिव अप्रोच ही होता है। लेकिन जरा सोचिए यदि हर इंसान इसी प्रवित्ति के साथ अपना जीवन जीता तो क्या आज हम उतनी प्रगति कर पाते जितनी हमने की है? नहीं ना! लेकिन Positive Attitude रखना बहुत नुश्किल होता है और जो मुश्किल होता है उसे पूरा करना ही तो यूपीएससी Candidates की पहली निशानी होती है।


हमें डर के प्रति अपनी प्रतिक्रिया को इस तरह से अनुकूलित करना चाहिए जिससे हमें लाभ हो। बाहरी दुनिया से भागने या खुद को बंद करने के बजाय, हमें उन नकारात्मक विचारों को दूर कर देना चाहिए जो हमें परेशान करते हैं। 'क्या मैं पाठ्यक्रम पूरा करूंगा?', 'क्या मैं आईएएस परीक्षा पास करूंगा?', और 'क्या मैं कभी आईएएस अधिकारी बन सकता हूं?' जैसे विचार मानसिक बोझ या 'दिमाग का जंक' कहलाते हैं। उन्हें इसी वक्त अपने दिमाग से बाहर निकाल फेंकिए और सकारात्मक विचारों को मन में जगह दीजिये - जैसे, 'मैं कर सकता हूं और मैं करूंगा', 'मुझमें बहुत सारी ताकतें हैं', 'मेरा लक्ष्य इस बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करना है और मुझे कोई नहीं रोक सकता'


याद रखिए कि ये आपके विचार ही हैं जो आपकी आदतों में झलकते हैं और आपकी आदतें ही आपके जीवन का निर्माण करती हैं। यदि आप दिन रात अपनी कमियों पर खुद को कोसते रहेंगे तो खुद को Motivate कब करेंगे। इसलिए आज से ही अपने मन से सभी Negative Thoughts को निकालिए और खुद से कहिए कि जो आप करना चाह रहे हैं आप उसे पूरा कर सकते हैं और जरूर करेंगे।