IAS की तैयारी के लिए जॉब छोड़े या नहीं ?


आईएएस एक ऐसी परीक्षा है जिसका सपना देश का लगभग हर युवा देखता है। चाहे वह नौकरी में हो या कॉलेज में, हर कोई एक ना एक बार आईएएस की तैयारी करने के बारे में जरूर सोचता है। अब कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए तो यह निर्णय मुश्किल नहीं होता लेकिन जो नौकरीपेशा लोग हैं उनके लिए यह एक बहुत बड़ी दुविधा होती है कि आईएएस की तैयारी करने के लिए नौकरी छोडनी चाहिए या नहीं? तो अगर आप भी नौकरी कर रहे हैं और आईएएस की तैयारी करना चाहते हैं तो आज का यह वीडियो जरूर देखिये।


जब भी आप किसी दुविधा में हों, तो सही फैसले पर पहुँचने का सबसे अच्छा तरीका होता है कि दोनों पक्षों के advantage और disadvantage का आकलन कर लिया जाए। नौकरी छोड़ कर आईएएस की तैयारी करनी चाहिए या नहीं इस दुविधा का हाल भी इसके फायदे और नुकसान के आकलन से ही निकलेगा। तो आइए देखते हैं –


नौकरी के साथ तैयारी के Advantage –


वित्तीय स्वतंत्रता - आर्थिक रूप से स्थिर होना आपको आत्मविश्वासी बना सकता है और आपकी चिंता और असुरक्षा को कम कर सकता है जिसका आप आम तौर पर सामना करते हैं। यह शांति और स्थिरता निश्चित रूप से आपको परीक्षा की तैयारी करने में मदद कर सकती है। आपकी नौकरी आपके वेतन की मदद से आर्थिक रूप से आपकी आईएएस की तैयारी में मदद करेगी, जो उन लोगों के लिए संभव नहीं होगा जो अपने परिवार पर निर्भर हो सकते हैं।


बैकअप – नौकरी में आपके पास हमेशा एक बैकअप विकल्प होता है और आप परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ आने वाले यक्ष प्रश्न – “अगर नहीं हुआ तो क्या” से परेशान नहीं होंगे। काम करते हुए तैयारी करना निस्संदेह कठिन है लेकिन यह आपको एक प्रकार से मानसिक रूप से शांति भी देता है कि यदि आप असफल भी हुए तो भी आपके पास विकल्प मौजूद है।


टाइम मैनेजमेंट - यह आपको यह भी सिखाता है कि दबाव से कैसे निपटें और समय के भीतर काम कैसे पूरा करें क्योंकि आपके लिए समय बहुत महत्वपूर्ण होगा, शायद सबसे महत्वपूर्ण। इसे एक चुनौती के रूप में लें और मान लें कि सिविल सेवक बनने के बाद आपको और भी कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ सकता है और अधिक कठिन लक्ष्यों को पूरा करना पड़ सकता है।


नौकरी के साथ काम करने के disadvantages


एक साथ दो दो मोर्चों की लड़ाई – नौकरी और यूपीएससी की तैयारी करना कुछ वैसा ही है जैसे आप दो मोर्चों पर घनघोर लड़ाई लड़ रहे हों और दोनों ही मोर्चों पर आपको अपना बेस्ट perform करना है। यह सुनने में भले आसान लगता हो लेकिन वास्तविकता में ऐसा करना बेहद मुश्किल है। और हो सकता ही की दोनों ही क्षेत्रों में आपका performance आपकी क्षमता से कम हो जाए।


एनर्जी और फोकस की कमी - जो लोग काम करते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हैं उन्हें दिन में 8-9 घंटे देने होंगे। यह मानसिक रूप से थका देने वाला हो सकता है। इससे काम और पढ़ाई दोनों को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है।


Hard to maintain मोटिवेशन – दोस्तों, यूपीएससी की तैयारी एक दो दिन में तो होती नहीं, इसके लिए सालों मेहनत करनी पड़ती है और जब आप नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी करते हैं तो धीरे धीरे आपका motivation level कम होता जाता है और यह आपकी तैयारी में बाधा बन सकता है।


तो अब क्या करें –


इस सवाल का जवाब आप और सिर्फ आप ही दे सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले अपना self evaluation कीजिए और खुद से यह पूछिए की क्या आप दिन में 16 – 17 घंटे मेहनत करने को तैयार हैं। क्या आप अपना पूरा जीवन सिर्फ नौकरी और अपनी तैयारी को देने के लिए तैयार है, यदि हाँ तो निस्संदेह आप नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी कर सकते हैं।