UPSC का बदलता TREND ?


साल 2023 की प्री की परीक्षा हो चुकी है और इस बार की यह परीक्षा कई मायनों में पिछले कुछ सालों से अलग रही है। इस साल परीक्षा देने के बाद बहुत कम ही लोग होंगे जिन्हें अपने selection का पूरा भरोसा हो। अन्य शब्दों में कहें तो इस बार यूपीएससी ने इस बार aspirants को झटका दे दिया है और एक बार फिर यह दिखा दिया है कि आप जो सोच कर exam hall में जा रहे हैं, यूपीएससी की सोच उससे कहीं अलग है।


जहां परिवर्तन नहीं होता वहाँ उन्नति नहीं हो सकती। यूपीएससी इस बात को अच्छी तरह समझता है और यही कारण है कि कुछ सालों के बाद वह अपना ट्रेंड बदल देता है। और इसके सबसे पहले पीड़ित होते हैं वे स्टूडेंट्स जिन्हें इस ट्रेंड चेंज का सामना करना पड़ता है। अब जैसे इसी साल की परीक्षा को ले लीजिए तो paper I तो paper I, CSAT ने भी इस बार aspirants के होश उड़ा कर रख दिये। परीक्षा के बाद सिर्फ स्टूडेंट्स ही नहीं बल्कि teachers भी क्वेस्चन पेपर देख कर अचंभित रह गए। अब इसके पीछे एक कारण जो समझ आ रहा है वो यह कि इससे पहले लोग csat को बहुत ज्यादा seriously नहीं लेते थे और उसकी तैयारी सिर्फ एक या दो महीने में पूरी कर लेते थे तो यूपीएससी ने सोचा होगा कि ऐसे तो cssat की अहमियत ही खत्म होती जा रही है तो क्यों ना कुछ ऐसा किया जाए जो students को यह समझाये कि csat इतना भी सरल नहीं है जितना वे समझते हैं। तभी तो परीक्षा देने के बाद कई students इसी सोच में डूबे हुए थे कि कहीं ऐसा न हो कि उनका csat का ही कटऑफ पार न हो।


इतना ही नहीं इस बार की परीक्षा में paper I भी कोई सिम्पल नहीं था। इस बार यूपीएससी की कोशिश थी कि स्टूडेंट्स की थिंकिंग एबिलिटि को परखा जाए और इस बार उसने अपना फोकस What से why पर शिफ्ट कर दिया। हालांकि ऐसा नहीं है कि यह कोई नया ट्रेंड नहीं है बल्कि देखा जाए तो यह पुराना ट्रेंड है जो इस बार फिर से वापस आ गया है। यदि आप गौर करें तो पहले यूपीएससी में ऐसे सवाल पूछे जाते थे जिनके जवाब straightforward नहीं होते थे। शायद यूपीएससी को यह लग रहा होगा कि उसे ऐसे candidates चाहिए जो चीजों को बस रट लेने की बजाय उसकी गहरी समझ रखते हों, ताकि आगे चल कर जब उनकी नियुक्ति हो तो सेवा के दौरान उनकी यह एनालिटिकल एबिलिटि देश के काम आए।


खैर यह तो हुई यूपीएससी की बात। अब सबसे important सवाल यह उठता है कि स्टूडेंट्स को आगे क्या करना चाहिए?


Back to basics – जैसा कि हमने आपको बताया, यूपीएससी का यह नया ट्रेंड वास्तव में नया नहीं है, बल्कि यूपीएससी अपने पिछले पैटर्न पर वापस जा रही है, तो आपको भी अपनी तैयारी पुराने स्टाइल से ही करनी पड़ेगी। सबसे पहले एनसीईआरटी को पढ़िये और सिर्फ पढ़िये नहीं बल्कि उसे अपने अंदर पूरी तरह से उतार लीजिए। एनसीईआरटी की किताबें हमेशा से ही यूपीएससी crack करने की चाबी रही है और आपको इसी किताब को master करना होगा। एनसीईआरटी के हर लाइन को अच्छी तरह पढ़ें और उसके नोट्स भी तैयार भी करें।


Develop analytical skills – ऐसा लगता है कि अब यूपीएससी analytical थिंकिंग पर विशेष ज़ोर दे रही है और आपको भी अपने अंदर यह स्किल डिवैलप करनी पड़ेगी। analytical स्किल का मतलब है कि आपको सिर्फ पढ़ना नहीं बल्कि हर पहलू को अच्छी तरह समझना भी पड़ेगा। इसके लिए अपनी आँखें और दिमाग खुली रखिए। किसी भी विचार को सीधे रिजैक्ट करने से पहले उसे समझिए और फिर अपना खुद का विचार बनाइये।


Have a multi-dimensional approach - यह विशेष रूप से पर्यावरण और पारिस्थितिकी जैसे विषयों के लिए बहुत कारगर है जहां आपको जीव विज्ञान, भूगोल और रसायन विज्ञान को शामिल करने वाली सामग्री पढ़नी है।


Previous year questions – दोस्तों, यह trick हमेशा से यूपीएससी के लिए काम करती है। यदि आपको लगता है कि पिछले साल के questions को पढ़ने से कोई फायदा नहीं है तो इस साल के exam के बाद आपकी आँखें खुल जानी चाहिए। यह तकनीक कभी भी पुरानी नहीं होने वाली और यही आपको तैयारी के दिनों में यूपीएससी परीक्षा का सबसे अच्छा अहसास भी देगी। इसके अलावा एक फायदा यह भी है कि अक्सर यूपीएससी questions रिपीट भी करती है जिसका फायदा आपको परीक्षा में मिल सकता है।