UPSC रिजल्ट से नाखुश लोग अब क्या करें ?


यूपीएससी की तैयारी किसी युद्ध से कम नहीं और युद्ध का परिणाम क्या होगा यह कोई नहीं जनता। हर साल लाखों बच्चे यूपीएससी सिविल सेवा में अपनी दावेदारी पेश करते हैं और उसमे से 99.99 प्रतिशत सफल नहीं हो पाते। कारण चाहे जो भी हो, असफलता तो असफलता होती है और जब इतनी मेहनत और dedication के बाद आप सफल ना हों, तो इंसान एक पल के लिए सब कुछ हार जाता है। उसका जोश, उसका जुनून उसकी ऊर्जा एक झटके में सब हवा हो जाती है और उसे अपना भविष्य अंधकारमय दिखने लगता है और उनके मन में एक ही सवाल बार बार उठता रहता है – अब क्या? और आज के वीडियो में हम इसी ‘अब क्या’ पर चर्चा करेंगे।


गिरते हैं सहसवार ही मैदान – ए जंग में, वो तिफ्ल क्या गिरें जो घुटनों के बल चलते हों।


यूपीएससी में नहीं हुआ, इसका मतलब यह थोड़े ही न है कि जीवन में कुछ कर नहीं सकते , कुछ बन नहीं सकते। यूपीएससी तो एक Phase है और इस Phase में सफल या असफल होने से ज्यादा मायने यह रखता है कि आपने इस Phase को अपने जीवन में कितना आत्मसात किया है। यह सही है कि सफल होने पर जीवन एक झटके में बदल सकती है लेकिन असफल होने का मतलब यह नहीं कि जीवन में कुछ बदल नहीं सकता। अरे, जरा एक बार अपने चारों ओर नज़र घुमा कर देखिये, ऐसे कितने लोग भरे पड़े हैं जो सरकारी नौकरी में ही नहीं हैं लेकिन आज जीवन में बहुत अच्छे मुकाम पर हैं। तो असफलता को अंत समझना बंद कीजिये और यूपीएससी के अपने अनुभव को किसी और प्रकार से काम पर लगाये।


दोस्तों, यह सच है कि result में जब अपना नाम नहीं दिखता तो बहुत पीड़ा होती है और इसके बाद अवसाद का एक दौर भी बहुत ही सामान्य बात है लेकिन यह भी सच है कि आपका जीवन यूपीएससी से कहीं ज्यादा अनमोल है। और यह बात सबसे जरूरी है। अगर आपको लगता है कि यूपीएससी नहीं हुआ तो जीना बेकार है तो बेहतर है कि आप यूपीएससी की तैयारी ही ना करें। जी हाँ, यह परीक्षा कमजोर मनःस्थिति वाले लोगों के लिए है ही नहीं। यह परीक्षा तो उनके लिए है जो हर कदम पर लड़ना जानते हैं, जो हर असफलता को एक अनुभव की तरह देखते हैं और जो असफल होने के बाद भी अपने आप को फिर से लड़ने के लिए तैयार करना जानते हैं। यदि आपको यकीन न हो तो प्रियम्वदा के बारे में जान लीजिये। बार बार यूपीएससी में असफल हो जाने के बाद वे भयंकर अवसाद से घिर गयी थीं और उसके ऊपर से शादी को लेकर परिवार और समाज का दबाव भी बढ़ता जा रहा था। हालत ऐसी हो गयी कि उन्होने लोगों से मिलना जुलना ही छोड़ दिया था। मगर आखिर वो थी तो एक यूपीएससी aspirant। उन्हें जल्द ही यह समझ में आ गया कि ऐसे तो जीवन की गाड़ी नहीं चल सकती। उन्होने अपने आप को संभाला और आगे की योजना तैयार की। वे Higher Studies के लिए लंदन चली गयी और वहाँ उन्हें कैरियर में कई मौके मिले और एक वो दिन था जब वे निराश हताश अपने कमरे में बंद थीं और एक आज का दिन है जब वे UN की अलग अलग संस्थानों के साथ काम कर रही हैं और दुनिया घूम रही हैं।


यूपीएससी की तैयारी करने का एक फायदा यह है कि इसमे आपको इतना कुछ जाने को मिलता है कि असफल होने के बाद भी आपके सामने कई कैरियर Options खुले रहते हैं। और यूपीएससी की तैयारी करते हुए आपके विचारों में स्पष्टता तो स्वतः ही आ जाती है। तो बस फिर डर किस बात का। आपने यूपीएससी की तैयारी की है और पूरी गंभीरता से की है। सफल नहीं हुए तो क्या हुआ, शायद नियति ने आपके लिए कुछ और सोच रखा होगा जो यूपीएससी से भी बढ़िया हो। हो सकता है कि आप आईएएस बनकर वो काम नहीं कर पाते जो शायद एक शिक्षक बन कर कर सकते हों।


यूपीएससी में अगर आपका Selection नहीं हुआ तो आप PCS की तैयारी कर सकते हैं या अपनी पढ़ाई के अनुसार कोई क्षेत्र चुन सकते हैं। जसी यदि आपने Law की पढ़ाई की है तो आप अच्छे वकील बन सकते हैं, यदि आपने पीएचडी कर रखी है तो आप Academics में जा सकते हैं। आप चाहें तो MBA कर सकते हैं और फिर आगे अपना कैरियर बना सकते हैं। और तो और अब तो यूपीएससी ने एक और शुरुआत की है जिसमे वह इंटरव्यू तक पहुंचे हुए लोगों की लिस्ट निकालती है जिसे वह बड़े - बड़े Private Companies के साथ साझा करती है और वहाँ से Students का Selection किया जाता है। आप बस यह समझ लीजिए कि जो भी यूपीएससी की तैयारी पूरी मेहनत और ईमानदारी से करता है वह चाहे किसी भी क्षेत्र में जाये वहाँ बेहतरीन प्रदर्शन करेगा और निरंतर आगे बढ़ता जाएगा।


दोस्तों, असफलता और सफलता हमारी क्षमता का पैमाना नहीं होती यह तो सिर्फ एक phase है। आपने पूरी ईमानदारी से कोशिश की लेकिन आप सफल नहीं हो सके इसका मतलब यह नहीं कि आपकी मेहनत बेकार हो गयी। एक बात हमेशा ध्यान रखिए कि पढ़ाई एक ऐसी चीज है जो कभी बेकार नहीं जाती, बल्कि पढ़ाई तो आपको जीवन में लड़ने का जज्बा देती है, आपको यह विश्वास दिलाती है कि कहीं ना कहीं आपकी पढ़ाई आपके काम जरूर आएगी। असफलता को स्वीकार कीजिये और आगे बढ़िए। और जो सवाल आपके मन में उठ रहा है ना – “अब क्या”, इसका उत्तर ढूंढिए। जरा एक बार मन को व्यवस्थित करके आगे का roadmap तो बनाइये, कोई न कोई रास्ता जरूर खुलेगा और वो रास्ता यूपीएससी से कमतर नहीं होगा।