UPSC PRE सही नहीं गया तो अब क्या करें ?
जरा सोचिए, किसी चीज को हासिल करने के लिए दिन रात एक कर दिया, जितनी क्षमता थी उससे भी ज्यादा मेहनत की मगर जब इम्तेहान का दिन आया तो सब बेकार हो गया। एक झटके में सारे सपने चकनाचूर हो गए। तो सबसे पहला ख्याल दिमाग में यही आता है की अब क्या? वैसे तो यह क्षण जीवन के किसी भी मोड पर और किसी भी रूप में सामने आ सकता है लेकिन फिलहाल हम बात कर रहे हैं यूपीएससी प्री की। जिस परीक्षा में इतनी मेहनत की उसका परिणाम आने से पहले ही दिल में यह चिंता बैठ जाये कि rejection तो पक्का है तो आगे का रास्ता धुंधला होना लाज़मी है। लेकिन वो कहते हैं ना, कि अंधेरा कितना भी घना क्यों ना हो, रोशनी कि एक किरण ही उसे दूर करने के लिए काफी है। तो आप भी दिल छोटा मत कीजिए और इस वीडियो को पूरा देखिये।
सच कड़वा होता है और जब इसका सामना अकेले ही करना पड़ता है। आपका आज का सच भी बहुत कड़वा है लेकिन जब तक आप उसे स्वीकार नहीं करेंगे उसकी कड़वाहट बढ़ती ही जाएगी। इसलिए बेहतर यही है कि सच को जितना जल्दी हो सके, स्वीकार कर लेना चाहिए और आपका आज का सच यही है कि आपका प्री का exam अच्छा नहीं गया है। अब इसके बाद आपका सबसे पहला response जो होगा वह यही होगा कि आप टूट चुके हैं, अब आपके अंदर और हिम्मत नहीं बची है और आपके जीवन में अब कुछ अच्छा नहीं होने वाला। यह सारे reactions बहुत नैचुरल और spontaneous हैं। ऐसा नहीं है कि यह feelings सिर्फ आपके अंदर है। यह फीलिंग तो हर उस इंसान के अंदर है जिसकी मेहनत एक झटके में पानी हो जाए। मगर जब आप अपने मन को यह समझा लेंगे कि यह अंत नहीं है, अभी तो आपके अंदर और आग है और आप अभी और भी इम्तेहान देने के लिए तैयार हैं तो समझिए उसी दिन आप दूसरी पारी के लिए तैयार हो जाएंगे।
अब वापस अपने सवाल पर आते हैं कि इस बार तो प्री अच्छा नहीं गया तो क्या करें? इसके लिए सबसे पहले आप अपने आप को आँके। क्या आपके पास और तैयारी करने का समय है? क्या आप एक बार फिर से अपना एक साल तैयारी के लिए दे सकते हैं और क्या आपके अंदर उतनी एनर्जी बची है जितनी एक सिविल servant बनने के लिए चाहिए? यदि हाँ, तो बस सोचना क्या है।
अपने आप को शाबाशी दीजिये और एक बार फिर लग जाइए तैयारी में। हाँ तैयारी शुरू करने से पहले अपनी गलतियों का आकलन करना बेहद जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले अपनी पिछले साल की रणनीति का आकलन करें और यह समझने की कोशिश कीजिये कि उसमे कहाँ loopholes रह गए। यदि रणनीति सही थी तो क्या आपकी अप्रोच में कोई गलती हुई? या फिर exam hall में कुछ ऐसा हुआ जिसने आपको पीछे धकेल दिया? गलती जहां भी हुई है उसे दुरुस्त कीजिये लेकिन यह भी ध्यान रखिए कि इस बार रेस से बाहर हो जाने के बाद अगले साल आपको शुरुआत ज़ीरो से ही करनी पड़ेगी। अपने आप से दृढ़ निश्चय का वादा करें कि आप अगले प्रयास में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए और अधिक मेहनत करेंगे। अगले प्रयास पर ध्यान केंद्रित करते समय, आपके पास इस परीक्षा के तीनों चरणों के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण होना चाहिए। चूंकि आपके पास अगली प्रीलिम्स के लिए काफी समय होगा, इसलिए अगली अधिसूचना आने से पहले आपको प्रीलिम्स और मुख्य परीक्षा दोनों की तैयारी पूरी करनी होगी। यदि परीक्षा ठीक ना जाने के बावजूद भी कोई इंटरनेट पर कट-ऑफ और प्रीलिम्स क्लियर करने की संभावना के बारे में चिंता करने में बहुत अधिक समय बिताता है, तो 2-3 महीने पूरी तरह से बेकार हो जाएंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा। ये 60-90 दिन आपको अगले प्रयास में टॉपर बनाने में बहुत महत्वपूर्ण हैं।
याद रखिए कि अपनी असफलताओं से सीखने के बाद ही हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं। पिछली प्रारंभिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के बाद शीर्ष रैंक प्राप्त करने की कल्पना करें। आपको शायद यह एहसास नहीं है मगर टॉप करने की यह भावना अद्भुत होगी और आपको मिलने वाली उपलब्धि की भावना अविश्वसनीय होगी। प्रीलिम्स के बाद अध्ययन नहीं करना एक ऐसी गलती है जिसकी कीमत कई उम्मीदवारों को शीर्ष रैंक पर चुकानी पड़ती है, किसी और चीज पर नहीं।