UPSC के हर एक ऑप्शनल विषय का डाटा आया सामने जानिये कौन सा है बेस्ट स्कोरिंग ऑप्शनल?
ऑप्शनल paper यूपीएससी की परीक्षा में हमेशा से एक इंपोर्टेंट factor रहा है। इस पेपर पर ना सिर्फ आपके selection के chances depend करते हैं बल्कि आपकी rank क्या होगी, इसमे भी optional पेपर बड़ी भूमिका निभाते हैं। तो अब तक आप यह तो समझ ही गए होंगे की यूपीएससी में सही ऑप्शनल पेपर का selection करना कितना जरूरी है लेकिन confusion तब और बढ़ जाती है जब आप यूपीएससी की ऑप्शनल पेपर की पूरी लिस्ट देखेंगे। लेकिन फिर भी यदि आपको सही ऑप्शनल पेपर के बारे में जानना है तो आज का यह वीडियो पूरा देखिये।
यूपीएससी की मेंस परीक्षा में ढाई ढाई सौ अंको वाले जीएस के चार पेपर होते हैं लेकिन ऑप्शनल पेपर अकेले ही 500 अंको का होता है। हालांकि इसे दो भागों में divide कर ढाई ढाई सौ अंकों का ही बना दिया गया है लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि एक ही विषय से आप 500 अंकों की परीक्षा देते हैं और यह पेपर आपकी अपनी पसंद का होता है।
अभी हाल ही में यूपीएससी ने अपनी सत्तरवीं रिपोर्ट जारी की है जिसमे उसने 2020 तक की परीक्षा के ऑप्शनल पेपर के आंकड़े जारी किए हैं।
Services
Number of Candidates From Each
Category
IAS
General – 72
EWS – 18
OBC – 49
SC – 28
ST – 13
Total – 180
I.F.S
General – 15
EWS – 03
OBC – 10
SC – 05
ST – 03
Total – 36
IPS
General – 80
EWS – 20
OBC – 55
SC – 30
ST – 15
Total – 200
Central Services Group ‘A’
General – 118
EWS – 34
OBC – 84
SC – 43
ST – 23
Total – 302
Group ‘B’ Services
General – 53
EWS – 11
Best Optional Subject based on Overlap of Syllabus
कई उम्मीदवारों का मानना है कि एक ऐसे ऑप्शनल विषय का चयन करना चाहिए, जिसका syllabus जीएस पेपर में सामान्य अध्ययन विषयों (जैसे जीएस-1 में इतिहास और भूगोल, जीएस-2 में राजनीति और शासन आदि) के सामान्य अध्ययन विषयों के साथ overlap हो रहा है। टोटल स्कोर में सुधार करके मुख्य परीक्षा में एक बड़ा स्कोर-विभेदक साबित होता है। यूपीएससी के शीर्ष वैकल्पिक जिन्हें सिलेबस ओवरलैप के इस कारक के आधार पर सर्वश्रेष्ठ माना जाता है वे इस प्रकार हैं –
भूगोल - जब वैकल्पिक पेपर की बात आती है तो भूगोल सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले विषयों में से एक है, और ऐसा मुख्य परीक्षा में जीएस-1 पेपर और जीएस-3 पेपर के एक हिस्से के साथ पाठ्यक्रम के महत्वपूर्ण ओवरलैप के कारण है। भौतिक भूगोल, भारतीय भूगोल, मानव और आर्थिक भूगोल आदि जैसे विभिन्न विषयों की समझ का स्तर वैकल्पिक भूगोल की तैयारी करते समय GS-1 और GS-3 के प्रश्नपत्रों के लिए आवश्यक स्तर से बहुत अधिक है। जहां तक syllabus की बात है तो भूगोल का syllabus बहुत ज्यादा rigid है और यही कई छात्रों के लिए वैकल्पिक भूगोल की तैयारी को जीएस 1 पेपर में उनके अंकों के महत्वपूर्ण बूस्टर के रूप में देखने का कारण है। भूगोल वैकल्पिक के लिए तैयारी करने से छात्रों को प्रारंभिक परीक्षा में भी लाभ मिलेगा क्योंकि इसमें जानकारी को गहराई से शामिल किया गया है।
इतिहास - इतिहास एक अन्य विषय है जिसे GS-1 पेपर के साथ इसके पाठ्यक्रम के ओवरलैप होने के कारण एक अच्छा वैकल्पिक विषय माना जाता है। इसके साथ ही, एक वैकल्पिक के रूप में इतिहास की तैयारी भी प्रारंभिक परीक्षा (अन्य वैकल्पिक के सापेक्ष) में काफी सहायक होगी। इसके कारण, भूगोल वैकल्पिक के समान ही, बड़ी संख्या में उम्मीदवार इतिहास को अपने वैकल्पिक के रूप में चुनते हैं।
राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध - एक वैकल्पिक के रूप में राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध (पीएसआईआर) की तैयारी, जीएस-2 पेपर में शामिल विषयों जैसे अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की बात आने पर समझ और परिचितता का एक महत्वपूर्ण उन्नत स्तर स्थापित करती है। यही कारण है कि कई उम्मीदवारों द्वारा PSIR को UPSC CSE के लिए सर्वश्रेष्ठ वैकल्पिक विषयों में से एक माना जाता है।
लोक प्रशासन - लोक प्रशासन यूपीएससी में सबसे लोकप्रिय वैकल्पिक विषयों में से एक है और यह सफलता दर के मामले में लगातार शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से एक रहा है। इसकी लोकप्रियता का एक कारण यह है कि यह एक स्कोरिंग विषय है और पाठ्यक्रम अपेक्षाकृत manageable है।
How to Choose the Best Optional Subject for UPSC Based On Success Rate?
पिछली सफलता दरों को देखें - उम्मीदवारों को यूपीएससी में विभिन्न वैकल्पिक विषयों की पिछली सफलता दरों को देखना चाहिए और उन विषयों की पहचान करने के लिए उनकी तुलना करनी चाहिए जिनकी सफलता दर अधिक है।
व्यक्तिगत रुचि पर विचार करें - उम्मीदवारों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे एक वैकल्पिक विषय का चयन करें जिसमें उनकी रुचि और जुनून हो।
पाठ्यक्रम का मूल्यांकन करें - उम्मीदवारों को यह निर्धारित करने के लिए विभिन्न वैकल्पिक विषयों के पाठ्यक्रम का मूल्यांकन करना चाहिए कि कौन सा उनकी ताकत और कमजोरियों के साथ जाता है।
सामान्य अध्ययन के साथ ओवरलैप का विश्लेषण करें - उम्मीदवारों को अपने चुने हुए वैकल्पिक विषय के पाठ्यक्रम और सामान्य अध्ययन के पेपर के बीच ओवरलैप का विश्लेषण करना चाहिए। मार्गदर्शन लें - उम्मीदवारों को उन सलाहकारों, विशेषज्ञों और साथियों से मार्गदर्शन प्राप्त करने की आवश्यकता है जिनके पास यूपीएससी परीक्षा का अनुभव है।