सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। यदि कोई अभावों में होते हुए भी IPS बनने के बाद भी IAS बनना चाहता  है तो दिव्या की ये कहानी उनके तैयारी के दरवाजे खोल देगी। ये कहानी आपको अहसास करा देंगी कि कठिन परिश्रम और पक्के इरादे से कुछ भी मुमकिन है। दिव्या तंवर 2021 बैच की आईपीएस ऑफिसर थी लेकिन अब वह 2022 की IAS ऑफिसर बन गई है | महज़ २३ साल की उम्र में उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है |


हरियाणा के महेंद्रगढ़ की रहने वाली IPS दिव्या तंवर यूपीएससी परीक्षा के हर उम्मीदवार के लिए प्रेरणा हैं | उनकी मां बेशक कम पढ़ी-लिखी थीं लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाई करके आगे बढ़ते रहने के लिए हमेशा प्रेरित किया | वे बेहद साधारण परिवार से आती हैं और यह उनका सिविल सेवा परीक्षा में दूसरा  अटेम्प्ट है. दिव्या तंवर ने नवोदय विद्यालय  महेंद्रगढ़ से स्कूली शिक्षा हासिल की है | उनके घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी | स्कूलिंग के दौरान पिता की मौत होने से उनके परिवार पर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा | उन्होंने अपना ग्रेजुएशन बीएससी में गवर्नमेंट पीजी कॉलेज से किया है | दिव्या घर के खर्च के लिए बच्चों को पढ़ाया भी करती थीं. उनका मानना है कि परीक्षा पास करने में किस्मत से ज्यादा मेहनत का रोल होता है | यदि किसी ने ठान लिया कि यह करना है तो वह मेहनत के दम पर वह हासिल कर ही लेता है |


दिव्या की मां ने सिलाई-कढ़ाई और मजदूरी करके अपने तीनों बच्चों, को उनके पैरों पर खड़े होने लायक बनाया. दिव्या ने BSC पास करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी | अपने घर के एक छोटे से कमरे में 10 घंटे पढ़ाई करके उन्हें सिविल सेवा परीक्षा  की तैयारी की थी और साल 2021 में उन्होंने अपना पहला UPSC का Attempt दिया था जिसमे उन्हें 438वीं रैंक हासिल हुई और IPS पद प्राप्त हुआ था | IPS बनने के बावजूद भी दिव्या यही नहीं रुकी क्योंकी उनका सपना IAS बनने का था | उन्होंने UPSC की  तैयारी को जारी रखी और अबकी बार 105 रैंक हासिल कर IAS बन गई | आपको बता दे दिव्या तंवर 21 साल की उम्र में ही IPS बन गई थी और अब वह 23 साल की उम्र में ias बन गई | बात करे उनके मीडियम की तो इस बार दिव्या का मीडियम हिंदी रहा और उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट हिंदी साहित्य था |


दिव्या  का मानना है कि अगर आप यूपीएससी में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको सही दिशा में कड़ी मेहनत और सेल्फ स्टडी करनी होगी | जब तक आप हर दिन अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए प्रयास नहीं करेंगे, तब तक आप मंजिल तक नहीं पहुंच सकते | उनके मुताबिक कड़ी मेहनत, सही रणनीति, ज्यादा से ज्यादा रिवीजन, आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस और सकारात्मक रवैया अपनाकर आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं |