UPSC में कितने बैठते है, कितने मैन्स  लिखते है, कितने इंटरव्यू देते है और कितने सेलेक्ट होते है ?


आज हम बात करेंगे आंकड़ों की, यूपीएससी के आंकड़ों की। आज हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि इस परीक्षा का क्रेज कितना है? क्या यह दिन ब दिन बढ़ रहा है या प्राइवेट सैक्टर के आ जाने के बाद से इसके क्रेज में कोई कमी आयी है? क्या हर साल सिलैक्ट होने वाले candidates की संख्या एक सी होती है? क्या हर साल इसमे बैठने वाले स्टूडेंट्स का नंबर बढ़ रहा है, या घाट रहा है या फिर static है? और हम यह भी जानेंगे कि यूपीएससी की परीक्षा में एक चरण से दूसरे चरण में सिलैक्ट होने वाले students का रैशियो क्या होता है? तो आइए अब और कोई देरी किए बिना शुरू करते हैं।


अभी कुछ दिनों पहले संसद की एक समिति ने यूपीएससी को कुछ मुद्दों पर सुझाव दिया था और कुछ मुड़ूँ पर उसकी राय भी मांगी थी। इनमे से एक मुद्दा था appearing candidates का। इस दौरान एक चौंकाने वाला आंकड़ा भी UPSC के समक्ष रखा गया। समिति ने कहा कि हर साल देखने को मिल रहा है कि UPSC Exam के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले अभ्यार्थियों की संख्या तो अधिक होती है, मगर जब बारी एग्जाम की आती है, तो ये संख्या बहुत ही कम हो जाती है। यूपीएससी को सलाह देते हुए संसदीय समिति ने कहा कि 2022-23 में UPSC Exam के लिए 32.39 लाख अभ्यार्थियों ने अप्लाई किया. इसमें से 16.82 लाख (51.95 फीसदी) ही एग्जाम देने पहुंचे. सिर्फ इतना ही नहीं, अब यह आंकड़ा तो यूपीएससी के सभी exams के लिए है लेकिन अगर हम सिविल सर्विस एग्जाम की बात करें, तो वहां पर भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। 2022 में सिविल सर्विस एग्जाम देने के लिए 11.35 लाख युवाओं ने अप्लाई किया. मगर एग्जाम देने पहुंचे सिर्फ 5.73 लाख यानि 50.51 प्रतिशत). इन बातों को ध्यान में रखते हुए ये सवाल उठता है कि क्या यूपीएससी से अब छात्रों का मोहभंग हो रहा है. ऐसा कहा भी जा सकता है, क्योंकि यूपीएससी एग्जाम में सक्सेस रेट काफी कम है. शायद इस वजह से छात्र रजिस्ट्रेशन तो कर लेते हैं, मगर एग्जाम देने नहीं जाते हैं. इसे और बेहतर ढंग से समझने के लिए इस टेबल को देखिये –


Year

Number of Student applied

Number of Students Who appeared for Prelims

Number of Students Who qualified for Mains

Number of Students Who appeared for Mains

Number of Students Who appeared for Interview

Number of Students Who Cleared the Exam

2006

383983

195803

7692

7496

1408

2007

333680

161469

9158

8886

1883

553

2008

325433

167035

11669

11330

2136

734

2009

409110

193091

11894

11516

2431

881

2010

547698

269036

12271

11865

2589

989

2011

499120

243236

11837

11237

2415

965

2012

550080

271442

12795

12190

2674

999

2013

776604

324279

14800

14178

3001

998

2014

947428

446623

16706

16286

3308

1122

2015

945908

465882

15008

15,008

2797

1236

2016

1E+06

459659

15382

15149

2961

1078

2017

969065

462848

13300

13060

2564

1056

2018

1E+06

500484

10419

10246

1992

2019

1E+06

493972

11845

11700*

2034

829

2020

1E+06

2021

1E+06

508619

10000

761

2022

1E+06

13,090



तो जैसा कि आप देख सकते हैं कि हर साल जीतने लोग परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं उनमे से लगभग 50 प्रतिशत प्री में अपियर करते हैं। और प्री qualify करने वाले students की  संख्या तो और भी कम हो जाती है और लगभग 10 प्रतिशत लोग ही प्री से आगे बढ़ पाते हैं। इसी तरह mains qualify करने वाले students की संख्या तो और भी कम हो जाती है और appear होने वाले students का 1 प्रतिशत ही interview तक पहुँच पाता है।


लेकिन आगामी यूपीएससी परीक्षा के लिए कठिन अध्ययन कर रहे उम्मीदवारों को यूपीएससी उत्तीर्ण प्रतिशत को देखकर निराश नहीं होना चाहिए। इसे एक लक्ष्य के रूप में लें और UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अपने प्रदर्शन स्तर को बढ़ाएं, जो 28 मई 2023 को होने वाली है।