कई साल पहले की बात है एक युवक राजस्थान हाईकोर्ट में वकालत कर रहा था | 10 साल की एडवोकेट प्रैक्टिस के बाद बार काउंसिल किसी भी वकील को सीनियर एडवोकेट का पद देता है | ऐसे में साल 1990 में उसे सीनियर एडवोकेट बनाया गया | यही वो दौर था जब देश की राजनीति करवट ले रही थी | इसी बदलाव के चलते उसकी दिलचस्पी भी राजनीति में बढ़ने लगी | वह युवक राजनीति के ‘किंगमेकर’ कहे जाने वाले चौधरी देवी लाल की राजनीति से काफी प्रभावित हुआ | साल 1989 में चौधरी देवी लाल अपना 75वाँ जन्मदिन मना रहे थे | तो इसकी जानकारी मिलते ही वह युवक चौधरी देवीलाल का जन्मदिन मनाने के लिए राजस्थान से 75 गाड़ियाँ का काफिला लेकर दिल्ली पहुंच गया | जिसका इनाम उस युवक को झुंझुनू से लोकसभा का टिकट देकर मिला | यह युवक कोई और नहीं देश के वर्तामान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ थे | जो आज यानि 18 मई को अपना 72 वां जन्मदिन मना रहे हैं |


यानि 18 मई साल 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का जन्म हुआ | वह एक जाट परिवार से ताल्लुक रखते है, उनके पिता का नाम चौधरी गोकल चंद और माता का नाम केसरी देवी था | उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई | उसके बाद उनका सेलेक्शन सैनिक स्कूल में हुआ, 6ठी से 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल में पूरी की | सैनिक स्कूल के बाद धनखड़ ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से फिज़िक्स में ग्रेजुएशन किया | हालांकि इसके बाद उन्होंने विज्ञान की पढ़ाई छोड़ वकालत को चुना | जिसके लिए उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी को चुना |


साल 1979 में धनखड़ ने राजस्थान बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराया और इसके बाद वकालत शुरू कर दी | 10 साल की प्रैक्टिस के बाद उन्हें सीनियर एडवोकेट बनाया गया, लेकिन तब तक उनकी दिलचस्पी राजनीति में बढ़ चुकी थी | इसका परिणाम यह हुआ की वीपी सिंह के जनता दल ने धनखड़ को उनके घर झुंझुनू से टिकट दे दिया | चुनाव का रिजल्ट आया और सरकार भी वीपी सिंह की बनी, जिसके बाद देवी लाल डिप्टी पीएम बने और राजनीति में एंट्री के साथ ही जगदीप धनखड़ को डिप्टी मिनिस्टर का पद मिला | लेकिन कुछ समय बाद वीपी सिंह की सरकार से बीजेपी ने हाथ खींच लिया | जिस वजह से वीपी सिंह की सरकार गिर गई | साल 1990 में वह चंद्रशेखर की सरकार में संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी निभाई | इसके बाद उन्होंने राजस्थान की राजनीति में भी हाथ आजमाए | साल 1993 से लेकर 1998 तक वह विधायक रहे |


राजस्थान राज्य में जाट समुदाय सहित अन्य पिछड़े वर्गों को ओबीसी का दर्जा दिलवाने में उनका नाम शामिल था | साल 1999 में शरद पवार ने कांग्रेस छोड़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) बनाई | जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस छोड़ शरद पवार की पार्टी ज्वाइन कर ली | हालांकि NCP में वो ज्यादा दिन टिके नहीं | जिसके बाद साल 2000 में धनखड़ ने बीजेपी का दामन थाम लिया ... लेकिन बीजेपी में आकर जगदीप धनखड़ को कुछ खास मिला नहीं | धनखड़ ने जब पार्टी ज्वाइन की तब वो वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते थे | दूसरी तरफ अटल बिहारी गुट के नेता भी धनखड़ को खासा पसंद नहीं करते थे | जिस वजह से उन्हें अपने राजनीति सफर से ज्यादा अपनी वाकालत को समय दिया | वहीं 20 जुलाई, 2019 को जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त हुए | लोकसभा और राजस्थान विधानसभा दोनों में, वह महत्वपूर्ण समितियों का हिस्सा थे | वह केंद्रीय मंत्री रहते हुए यूरोपीय संसद में एक संसदीय समूह के उप नेता के रूप में एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे | तब से, उनका सीएम ममता बनर्जी और टीएमसी के साथ तीखा संबंध रहा है | जहां तृणमूल कांग्रेस उन्हें पश्चिम बंगाल में भाजपा का एजेंट कहती थे, वहीं भगवा पार्टी उन्हें संविधान का रक्षक कहती थे | जगदीप ने कई मुद्दों पर जानकारी देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई है | जिसके बाद जगदीप धनखड़ ने 17 जुलाई 2022 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित होने के बाद राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया |


16 जुलाई 2022 को भाजपा ने धनखड़ को अगले महीने 2022 के चुनाव के लिए भारत के उपराष्ट्रपति के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में नामित किया | धनखड़ को भाजपा द्वारा किसान पुत्र के रूप में पेश किया गया  | 18 जुलाई 2022 को धनखड़ ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया | जिसके बाद वह उपराष्ट्रपति चुनाव जीते और देश के 14वें उपराष्ट्रपति बने |


1848: जर्मनी में पहली नेशनल असेंबली का उद्घाटन हुआ। 

1950: उत्तरी एटलांटिक संधि पर हस्ताक्षर करने के एक साल बाद इसी दिन विश्व के 12 देशों ने अमेरिका और यूरोप की रक्षा के लिए एक स्थाई संगठन पर सहमति दी थी। 

1994: गाजा पट्टी क्षेत्र से अन्तिम इजराइली सैनिक टुकड़ी हटाए जाने के साथ ही क्षेत्र पर फिलिस्तीनी स्वायत्तशासी शासन लागू हुआ। 

2008: गायक नितिन मुकेश को मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय लता मंगेशकर अलंकरण से सम्मानित किया। 

2017: हिन्दी फिल्मों की अभिनेत्री रीमा लागू का निधन हुआ था।