कई साल पहले की बात है, एक उद्योगपति अपने बेटे को साथ लेकर अपने दोस्त जेआरडी टाटा के पास गया और उसे नौकरी देने को कहा यह सुनकर जेआरडी टाटा ने उनसे पूछा भाई, तेरे बेटे को कौन-सी नौकरी दूँ | इसपर उन्होंने कहा तुम्हारें यहां सबसे नीचे स्तर की नौकरी कौन सी है | इस बात सुन पहले तो जेआरडी टाटा थोड़े चौंके फिर बोले फोरमैन की उस उद्योगपति ने अपने बेटे को यही नौकरी देने की गुजारिश की उस लड़के ने इस काम को पूरे मन से किया और अपने पिता को फोरमैन से टिस्को का चेयरमैन बनकर दिखाया | यह लड़का कोई और नहीं रुस्तमजी होमुसजी मोदी थे, जिन्हें कई लोग रूसी मोदी के नाम से भी जानते हैं | नमस्कार आज की तारीख है 16 मई और आज ही के दिन रुस्तमजी होमुसजी मोदी का निधन हुआ था |
17 मई साल 1918 में बम्बई प्रेसीडेंसी में रुसी मोदी का जन्म एक पारसी परिवार में हुआ | रूसी मोदी की प्रारम्भिक शिक्षा भारत में ही हुई | हालाँकि आगे की शिक्षा पूरी करने के लिए उन्हें विदेश भेज दिया गया | उन्होंने लंदन के हैरो स्कूल से शिक्षा पाई और फिर वहीं के क्राइस्ट चर्च कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड से अपनी स्नातक की शिक्षा पूरी की रुसी मोदी जब इंग्लैंड के आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे तो उन्हें महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन से मिलने का मौका मिला | संगीत के शौकीन रुसी मोदी ने इस दौरान आइंस्टीन के साथ पियानो भी बजाया |
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद साल 1939 में रूसी मोदी वापस लौटे | जिसके बाद उनके पिता के कहने पर उन्होंने 'टिस्को कम्पनी' में ट्रेनी के तौर पर काम शुरू किया | तब उन्हें 50 पैसा प्रतिदिन मिला करता था | बाद में पक्का होने के बाद उन्होंने फोरमैन के रूप में काम करना शुरू किया | तब उन्हें 50 रुपये का मासिक वेतन शुरू हुआ | उनकी महत्वाकांक्षा और सफल होने की इच्छा शक्ति ने 'टिस्को कम्पनी' को शीर्ष पर पहुंचा दिया | और यही वजह है कि रुसी मोदी को कभी जेआरडी टाटा का उत्तराधिकारी भी कहा जाने लगा था | जेआरडी टाटा मोदी पर कितना विश्वास करते थे, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने साल 1984 में टिस्को के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया ताकि रुसी मोदी उस पद पर बैठ सकें |
1970 के दशक में रतन टाटा ने जैसे ही टाटा ग्रुप की बागडोर संभाली, कई लोगों की आजादी छिन गई | जेआरडी टाटा के युग में कई लोगों को काम करने की पूरी आजादी थी | धीरे-धीरे सभी ने टाटा समूह का साथ छोड़ दिया, लेकिन रुसी मोदी ने इसका जमकर विरोध किया | साल 1992 में भारत में आर्थिक बदलाव हो रहे थे | भारतीय बाजार पूरी दुनिया के लिए खुलने लगे थे | ऐसे में टिस्को के सामने वैश्विक चुनौती थी | उसे वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनानी थी | लेकिन यह सब संभव नही हो पा रहा था | जरूरत से ज्यादा कर्मचारी, पुरानी तकनीक के भरोसे कंपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में कहीं ठहर नहीं पा रही थी | कंपनी को फिर से पटरी पर लाने के लिए परिवर्तन जरुरी हो गया |
1992 में जेआरडी टाटा जीवित थे और रुसी मोदी देश के विख्यात मैनेजर माने जाते थे | वह टिस्को के चेयरमैन थे और कंपनी नई ऊचाइयों को छू रही थी | लेकिन अब जेआरडी चाहते थे कि टिस्को की कमान भी रतन टाटा को मिल जाए | लेकिन रास्ते में एक रोड़ा था-रुसी मोदी | टाटा समूह ने रुसी मोदी को दरकिनार करने के लिए उनकी कार्यकारी शक्तियों को छीन ली | उन्हें शक्तिविहीन कर चेयरमैन के पद हटा दिया | एक झटके में रुसी मोदी अर्श से फर्श पर आ गिरे |
रूसी मोदी ने अपने कार्यकाल में टाटा स्टील को न सिर्फ नई ऊंचाई तक पहुंचाया बल्कि प्रबंधन और मजदूर के बीच तालमेल भी बनाएं रखा | टिस्को से सेवानिवृति के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिंह राव ने रूसी मोदी को एयर इंडिया और पूववर्ती इंडियन एयरलाइंस का संयुक्त अध्यक्ष नियुक्त किया | 'भारत सरकार' ने उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें 1989 में उन्हें 'पद्मभूषण' पुरस्कार से नवाजा | काम से सेवानिवृत्त के बाद उन्होंने कोलकाता महानगर को अपना घर बना लिया | रूसी मोदी टाटा स्टील में तीन दशकों तक बेताज बादशाह थे | मैनेजमेंट गुरू रूसी मोदी को भारत के स्टील मैन की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था | वहीं आज ही के दिन यानि 16 मई साल 2014 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया |
1960: भारत और ब्रिटेन के बीच अंतरराष्ट्रीय टेलेक्स सेवा की शुरुआत।
1975: सिक्किम को 22वें राज्य के रूप में भारत में शामिल किया गया।
2006: न्यूजीलैंड के 47 वर्षीय मार्क इंजलिस कृत्रिम पैरों के सहारे एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाले पहले व्यक्ति बने।
2007: निकोलस सरकोजी का फ्रांस के राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल शुरू।
2013: अमेरिकी वैज्ञानिकों को पहली बार क्लोन किए गए इंसानी भ्रूण से स्टेम सेल निकालने में सफलता मिली।
2014: भाजपा ने आम चुनावों में जीत दर्ज की। NDA को 543 में से 336 सीटें मिलीं। पहली बार भाजपा ने अपने दम पर लोकसभा में बहुमत हासिल किया।