बिना UPSC दिए IAS बन सकते है क्या?


दोस्तों, आज के वीडियो में हम बात करेंगे यूपीएससी और आईएएस के बारे में। अब आप यह सोच रहे होंगे कि आखिर इसमे नयी बात क्या हो गयी। यह तो हम हमेशा ही करते हैं लेकिन आज का यह वीडियो थोड़ा सा डिफ़्रेंट होने वाला है क्योंकि आज तक आपके मन में जो एक भ्रांति आईएएस बनने की प्रक्रिया को लेकर बनी हुई है, आज हम जरा उस भ्रांति को दूर करेंगे और आपको बताएँगे कि यूपीएससी की परीक्षा दिया बिना भी आप आईएएस अधिकारी बन सकते हैं। अब यह कैसे होगा इसके लिए आपको यह वीडियो देखना पड़ेगा। तो आइए शुरू करते हैं –


दोस्तों, आईएएस बनने के लिए यूपीएससी की परीक्षा पास करना पड़ता है यह तो सच है लेकिन आईएएस बनने के यही एकमात्र रास्ता है, ऐसा भी नहीं है। इस बात को समझने के लिए आपको यह समझना पड़ेगा कि एक आईएएस अधिकारी कौन होता है? एक आईएएस अधिकारी अखिल भारतीय सेवा का अधिकारी होता है जिसकी नियुक्ति तो भारत सरकार के द्वारा की जाती है लेकिन अपनी सेवा वह किस राज्य सरकार के अधीन रह कर देता है। उसके वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाएं भी राज्य सरकार द्वारा वहाँ की जाती हैं और उसे कार्य क्षेत्र का निर्धारण भी राज्य सरकार द्वारा ही किया जाता है। हाँ, जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार उसे पाने पास बुला सकती है और फिर वह केंद्र सरकार के अधीन काम करता है। लेकिन इन अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के अतिरिक्त राज्य सरकार का अपना भी एक सेवा क्षेत्र होता है जिसे पीसीएस कहते हैं। आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि आईएएस बनने वाला अधिकारी एसडीएम के पद से अपनी नौकरी कि शुरुआत करता है और राज्य लोक सेवा आयोग से चुन कर आने वाला अधिकारी भी कुछ वर्षों के बाद एसडीएम के पद पर नियुक्त होता है। अंतर बस इतना है कि एक आईएएस अधिकारी ट्रेनिंग और उसके कुछ वर्षों के दौरान एसडीएम के पद पर रहता है जबकि राज्य लोक सेवा से चुन कर आने वाला व्यक्ति काफी लंबे समय तक इस पद पर रहता है। लेकिन राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा चुन कर आए हुए अधिकारियों को भी आईएएस बनने का अवसर दिया जाता है, बशर्ते उन्होने राज्य सरकार के अंदर काफी समय तक काम किया हो और राज्य सरकार को यह लगता हो कि उस अधिकारी को आईएएस पर पदोन्नत किया जाना चाहिए। हालांकि इस मामले में एक कड़वा सच यह भी है कि ऐसे बहुत कम ही लोग होते हाँ जो पीसीएस में सिलैक्ट होकर आईएएस बनते हैं और यदि बन भी जाते हैं तो उनकी service ज्यादा दिनों की नहीं होती। आम तौर पर देखा गया  है कि retirement से एक साल या छह महीने पहले लोगों को आईएएस में पदोन्नत कर दिया जाता है ताकि रिटायरमेंट के बाद वे एक आईएएस अधिकारी को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकें। इसके अलावा एक और रास्ता है जिससे आप यूपीएससी की परीक्षा दिये बिना आईएएस अधिकारी बन सकते हैं। इस तरीके की शुरुआत अभी पाँच वर्ष पहले ही हुई है और इसे लैटरल एंट्री का नाम दिया गया है। दरअसल कार्मिक विभाग में सुधार के लिए 2005 में एक समिति बनी थी जिसने यह सुझाव दिया था कि प्राइवेट sectors में काम कर रहे अनुभवी लोगों को सरकार के कुछ विभागों में कम करने का अवसर दिया जाना चाहिए जिससे देश के विकास और गति मिल सके। अब यह सुझाव मोदी सरकार ने 2018 में लागू कर दिया और लैटरल एंट्री की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। हालांकि, इसके लिए भी योग्यता तय की गई है. नियमों के अनुसार, इन पदों के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवारों के पास काम करने का कम से कम 15 साल का अनुभव हो। इसमें आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को कैबिनेट सेक्रेटरी की अगुवाई वाली कमिटी के सामने इंटरव्यू देना होगा। जो इस इंटरव्यू को पास कर जाएगा, वो सीधे तौर पर जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर तैनात कर दिया जाएगा। इन लोगों की भर्ती वित्त, आर्थिक मामले, खेती-किसानी, सड़क, शिपिंग (पानी के जहाज), पर्यावरण, नवीकरणीय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन औक कॉमर्स विभाग में नियुक्त किया जाएगा।


तो दोस्तों, आपने देखा कि आईएएस बनने के  लिए यह जरूरी नहीं कि आप यूपीएससी की परीक्षा ही पास करें, बल्कि आपके पास और भी विकल्प हैं लेकिन इसमे भी कोई दो राय नहीं किआईएएस बनने का सबसे सीधा और आसान रास्ता आज भी यूपीएससी ही है।