UPSC मेडिकल परीक्षा में फेल होने पर क्या होता है
अगर मैं आपसे यह पूछूं कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में कितने चरण होते हैं? तो सबसे पहले तो आप मेरे ऊपर हसेंगे और फिर कहेंगे कि यह भी कोई पूछने वाली बात है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 3 चरण होते हैं – प्री, मेंस और इंटरव्यू। लेकिन अगर मैं कहूँ कि आप गलत हैं तो? चौंक गए ना? जी हाँ यूपीएससी की परीक्षा के तीन चरण तो आप सब को पता हैं, लेकिन इस परीक्षा में फ़ाइनल लिस्ट में आने के लिए एक और चरण पार करना आवश्यक है? अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कौन सा स्टेज है जिसके बारे में मुझे नहीं पता? आइए आपको बताते हैं।
विडियो का शीर्षक देख कर आपको यह तो समझ आ ही गया होगा कि वो चौथा चरण कौन सा है, जिसके बारे में अधिकांश लोगों को या तो पता नहीं होता या फिर उसे seriously नहीं लिया जाता। जी हाँ, वो चौथा चरण है – मेडिकल टेस्ट। दरअसल यूपीएससी अपने candidates का फ़ाइनल selection करने से पहले उनका एक मेडिकल टेस्ट करती है जिसमे उनकी फ़िटनेस, eyesight, hearing ability, height, weight, इत्यादि को जांचा जाता है। आमतौर पर यह टेस्ट इंटरव्यू के अगले दिन ही कर लिया जाता है। और हाँ यह ध्यान रखिए कि फ़ाइनल लिस्ट में आने के लिए आपको इस टेस्ट में भी पास होना जरूरी है। यदि आप इस टेस्ट में फेल हो गए तो आपकी दावेदारी रद्द कर दी जाएगी। हालांकि कुछ मामलों में जहां सुधार की गुंजाइश होती है, वहाँ आयोग candidates को 6 माह तक का समय दे सकता है।
उम्मीदवारों को सेंट्रल स्टैंडिंग मेडिकल बोर्ड (CSMB) में उपस्थित होना पड़ता है। सीएसएमबी का गठन उम्मीदवार की शारीरिक और मानसिक स्थिति निर्धारित करने के लिए यूपीएससी मेडिकल टेस्ट आयोजित करने के लिए किया गया है। परीक्षा के आधार पर, उम्मीदवार को सभी सेवाओं के लिए फिट या अनफिट घोषित किया जाता है।
आगे बढ्ने से पहले यह समझना जरूरी है कि यूपीएससी सिविल सेवा की 2 categories होती हैं। पहला टेक्निकल और दूसरा नॉन टेक्निकल
टेक्निकल सर्विसेस में Indian Railway Traffic Service (IRTS), Indian Police Service (IPS), Delhi Andaman and Nicobar Police Service (DANIPS), Pondicherry Police Service (PONDIPS), Railway Protection Force (RPF) आते हैं जबकि नॉन टेक्निकल में बाकी सभी services जैसे Indian Administrative Service (IAS), Indian Foreign Service (IFS), Indian Audit and Accounts Service (IA and AS), Indian Revenue Service (Customs and Central Excise), Indian Civil Accounts Service, Indian Railway Accounts Service, इत्यादि आते हैं।
आईएएस और अन्य सेवाओं के लिए मेडिकल टेस्ट सात अस्पतालों में लिया जाता है। ये अस्पताल हैं – सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया (RML), लोक नायक जय प्रकाश नारायण (LNJP), सुचेता कृपलानी हॉस्पिटल, गुरु तेग बहादुर (GTB) हॉस्पिटल, दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल और बीआर अंबेडकर हॉस्पिटल। शारीरिक रूप से विकलांग कंडीडटेस को इनहिनह सात में से पाँच अलग अलग होस्पिटल्स में मेडिकल करवाना होता है।
Standard Height and Weight
Blood Pressure 120/80 mmHg 20 plus-minus considerable
Blood Sugar Less than 140 mg/dl Less than 140 mg/dl
अलग अलग टेक्निकल सेवाओं के लिए chest and height requirements
इन सभी में चेस्ट expansion 5 सीएम होना चाहिए। height की criteria में पूर्वोत्तर से आने वाले कंडीडटेस को छूट दी जाती है क्योंकि अन्य भारतीयों के मुक़ाबले उनकी लंबाई कम होती है।
Eyesight – ऐसी अपेक्षा की जाती है कि candidates की eyesight 6/6 होनी चाहिए। यदि किसी ने चश्मा पहना है तो चश्मा पहनने के बाद उनकी eyesight required parameters की होनी चाहिए। इसके अलावा colour blindness और colour perception के लिए colour vision टेस्ट भी किया जाता है।
इसके अलावा candidate के बॉडी मास index की भी जांच की जाती है। यदि किसी candidate का BMI 30 से अधिक है तो उसे छह महीने तक समय दिया जा सकता है ताकि वह इसे ठीक कर सके। यदि छह महीने बाद भी candidate का BMI ठीक नहीं होता तो उसका candidature कैन्सल कर दिया जाता है।
तो दोस्तों, उम्मीद है कि इस वीडियो को देखने के बाद आप भी परीक्षा के इस चौथे चरण को थोड़ा seriously लेंगे और पढ़ाई के साथ साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखेंगे।