AYUSHI SINGH UPPSC TOPPER
अगर इंसान कुछ ठान ले तो वह क्या कुछ नहीं कर सकता. वह बड़ी से बड़ी मुश्किलों, परेशानियों का सामना करके भी सफलता प्राप्त कर सकता है | ऐसा ही एक उदाहरण है आयुषी सिंह का आयुषी की जिंदगी असान नही रही जब वह स्कूल में थी तब उनके पिता की कोर्ट परिसर में हत्या कर दी गई | पिता का सपना था कि उनकी बेटी पुलिस अधिकारी बने और बेटी ने अपने पिता का सपना सच कर दिखया | 24 साल की उम्र में आयुषी ने UPPSC की परीक्षा क्लियर करके डिप्टी एसपी पद के लिए चुनी गई। आयुषी सिंह ने 62 वीं रैंक प्राप्त की . आइए जानते है उनके संघर्ष की कहानी के बारे में
आयुषी सिंह मुरादाबाद की रहने वाली है | आयुषी सिंह के पिता का नाम योगेंद्र सिंह है. योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा क्षेत्र का जाना-पहचाना नाम थे. वह मुरादाबाद के डिलारी के ब्लॉक प्रमुख थे. योगेंद्र सिंह पर हत्या समेत कई गंभीर केस दर्ज थे. वह शूटर रिंकू मर्डर केस में मुरादाबाद जेल में बंद थे | साल 2015 में कोर्ट में पेशी के दौरान उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी | योगेंद्र सिंह चाहते थे कि उनकी बेटी पुलिस अधिकारी बने. वह खुद तो सियासत और अपराध की दुनिया में शामिल थे. मगर उन्होंने अपने परिवार को कभी इसमें शामिल नहीं किया | उनकी चाहत थी कि बेटी पढ़ लिख कर बड़ी अधिकारी बने. अब बेटी आयुषी ने अपने पिता का सपना पूरा कर दिखाया है |
आयुषी सिंह ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम से पूरी की और ग्रेजुएशन आर्ट्स से किया, ताकि वह अपने पापा के सपने को पूरा कर सकें | UPPSC की तैयारी उन्होंने ग्रेजुएशन से ही शुरू कर दी | इसी बीच उन्होंने जून 2020 में UGC NET भी क्वालीफाई किया | UPPSC की तैयारी के लिए आयुषी ने दिल्ली में कोचिंग की और इसके साथ ही वह रोजाना 6-7 घंटे की पढ़ाई भी किया करती. आपको बता दें आयुषी ने दूसरे प्रयास में यूपीपीएससी की परीक्षा क्रैक की. जब उन्होंने अपना पहला प्रयास दिया तो वह प्री में वह तीन नंबर से रह गई । लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत करती रही और आखिर उनकी मेहनत रंग लाई |
आयुषी सिंह का कहना है कि जब पिता की हत्या हुई तो वह 11वीं कक्षा में थी. पिता की मौत के बाद उन्होंने ठान लिया कि उन्हें अधिकारी ही बनना है क्योंकी पूरे पुलिस प्रशासन के सामने उनके पापा की हत्या कर दी गई. वो इसे पुलिस प्रशासन का बहुत बड़ा फेलियर मानती है | आयुषी का कहना है कि आगे से ऐसी घटनाएं किसी के साथ न हो, इसलिए मैं पुलिस प्रशासन में जाकर अपना योगदान देना चाहती हूं | फिलहाल आयुषी के परिवार में उनकी मां और उनका एक भाई है |
आयुषी सिंह ने सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले दूसरे एस्पिरेंट को सलाह देते हुए कहा कि इसकी तैयारी करने के लिए पूरी तरह से मेंटली प्रिपेयर होकर आना चाहिए | साथ ही उन्होंने कहा कि जिनकी परीक्षा इस बार क्लियर नहीं हुई है, वे निराश न हो सिविल सर्विसेज की जर्नी बहुत ही अप डाउन भरी होती है | इसकी तैयारी करने के लिए बहुत पेशेंस की जरूरत होती है | इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए ग्रेजुएशन के साथ अपना बेस क्लियर कीजिए और प्रिपरेशन में लग जाए | इसकी तैयारी के दौरान अगर एक बैकअप रहता है तो कॉन्फिडेंस बना रहता है पॉजिटिव रहकर निरंतर तैयारी करेंगे, तो आपको कामयाबी जरूर मिलेगी।
आयुषी की इस सफलता ने जहां मुरादाबाद का नाम रौशन किया है तो वहीं अपने परिवार की पहचान भी बदल डाली है | पहले परिवार की पहचान योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा के परिवार से होती थी | मगर अब यह पहचान आयुषी सिंह के परिवार से होगी. आयुषी की सफलता परिवार में खुशी है और परिवार को बेटी पर गर्व है |