UPSC  की तैयारी में न हो कभी भी हताश


सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है, सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं।


दोस्तों, हताशा और निराशा इंसान का ऐसा शत्रु है जो धीरे धीरे उसके आत्मविश्वास को खत्म कर देता है और एक समय ऐसा आता है जब वह व्यक्ति कुछ भी कर पाने के काबिल नहीं रह जाता। हताशा की एक मजेदार बात यह है कि इसका खतरा आपके लक्ष्य के आकार के साथ बड़ा होता जाता है, यानि जितना बड़ा आपका लक्ष्य होगा, हताशा में घिर जाने का खतरा भी उतना ही ज्यादा होगा। इसलिए जब आपका लक्ष्य यूपीएससी हो तो आपको हताशा से बचने के उपाय भी मालूम होने चाहिए।


दोस्तों , जब हमारा आत्मविश्वास कम हो ना तब हम अपनी क्षमता के अनुसार perform तो नहीं ही कर पाते हैं, बल्कि हम अपने आप को ही कहीं खो देते हैं। जरा सोचिए कि आखिर क्यों कोई बच्चा जो दसवीं भी ढंग से पास ना कर पाया हो, आगे चल कर आईएएस अधिकारी बन जाता है जबकि कई स्कूल और कॉलेज के toppers भी एक दो attempt के बाद हिम्मत हार जाते हैं? दरअसल रीक्षा एक उम्‍मीदवार के शैक्षणिक और व्यक्तिगत दोनों गुणों की परीक्षा लेता है। आपको अपनी परीक्षा और जीवन के दौरान मजबूत और आत्‍मविश्‍वास से भरे रहने की जरूरत है। अपने आत्मविश्वास को ऊंचा रखने के लिए आपको अपने जीवन में कुछ मंत्र याद रखना चाहिए।


सकारात्‍मक सोच - यदि आप अपनी मौजूदा स्थिति के बारे में सकारात्मक धारणा रखते हैं, तो आप किसी भी बाधा से निपट सकते हैं। आपको कुछ पाने के लिए कुछ खोना ही पड़ता है। जीवन मुख्य रूप से इसी ले और दे के सिद्धान्त पर काम करता है। इसलिए हर प्रकार के त्याग को positively देखें और असफलताओं को रुकावट की बजाय सुधार करने का एक अवसर समझें। असफलताओं के बारे में सोचने की बजाए एक बार इस परीक्षा को पास करने के बाद सामने आने वाले सुनहरे भविष्‍य के बारे में सोचें। असफलताओं का डर आपको रोक सकता है लेकिन अगर आप अपना दिमाग किसी चीज में लगाते हैं, तो कुछ भी आपको तोड़ नहीं सकता है।


जरूरत पड़ने पर बातचीत करें - अगर आपको कभी लगता है कि आपको किसी से बात करने की जरूरत है, तो जरूर करें। यह आपको नकारात्‍मक सोच से बाहर निकलने और अपनी भावनाओं को बाहर निकालने में मदद कर सकती है और इसके फलस्‍वरूप आपका दिमाग तरोताजा और हल्‍का हो जाता है। एक भारी दिमाग में कुछ भी संभाल पाना मुश्किल होता है। यदि आपको भी लगता है कि आपके दिमाग में बहुत सी बातें ऐसी भर गयी हैं जो आपको बोझिल कर रही हैं तो संकोच ना करें, बल्कि किसी अपने से बात कर उस बोझ को हल्का कर लें।


नकारात्मक भावनाओं से निपटना सीखें - एक सिविल सेवक के पास मजबूत भावनात्मक और मानसिक धैर्य होना चाहिए। जीवन में उतार - चढ़ाव, कठिन रास्‍ते और अनिश्‍चितताएं हो सकती हैं। अपक तैयारी के दिनों से ही आगे आने वाले दिनों की झलक मिलने लगती है और यदि आप इसी stage में इस समस्या को दूर करने के उपाय नहीं करेंगे तो आईएएस बनना मुश्किल हो सकता है। इसके लिए किसी भी बात पर फौरन react करने से बचें और हर पक्ष को जान समझ कर ही अपनी राय सामने रखें। इसके अलावा अपने जीवन से उन लोगों को दूर ही रखें जो हर वक़्त नकारात्मक बातें करते हों। ऐसे लोग जीवन में सिर्फ रुकावट ही कहदी करते हैं।


पूरी तरह से थक जाने के स्‍तर तक पहुंचने से बचें – गाड़ी चलाते समय क्या आप petrol भरवाने से पहले टंकी पूरी तरह खाली होने का इंतज़ार करते हैं? नहीं ना, उसी तरह अपने शरीर और मन को भी रिफ्रेश करने के लिए पूरी तरह exhaust हो  जाने का इंतज़ार नहीं करें। जब आपका शरीर पूरी तरह थकान की स्थिति तक पहुंचने लगे तो थोड़ा आराम ले लें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप तेजी से तरोताजा हो जाते हैं और पहले से अधिक तेजी से आगे बढ़ते हैं।


अपने आत्‍मविश्‍वास की कमी के पीछे का कारण जानें - जब हम कुछ क्षेत्रों में सफलता से थोड़ा पीछे रह जाते हैं या सफल नहीं हो पाते हैं तो हम खुद पर संदेह करने लगते हैं। ऐसे में निराश होने  की बजाय आपने कमजोर पक्षों के बारे में जानिए और उन्‍हें आपको तोड़ने देने के बजाए दृढ़ सकंल्‍प और अभ्‍यास के साथ उनपर काबू पाएं।