GS में ज्यादा मार्क्स लाने की क्या है Unique Approach ?


जीएस यानि सामान्य अध्ययन यूपीएससी की आत्मा है। यदि आपको यूपीएससी crack करनी है तो जीएस पर आपकी कमांड होनी ही चाहिए और यदि यूपीएससी में टॉप rank लाना है तो जीएस में ज्यादा से ज्यादा नंबर स्कोर करना पड़ेगा। इसीलिए आज के विडियो में हम बात करेंगे कि आखिर कैसे जीएस के पेपर में ज्यादा नंबर लाये जा सकते हैं।


Prelims हो या mains जीएस दोनों ही चरणों के लिए जरूरी है और चूंकि इन दोनों परीक्षाओं का पैटर्न अलग है इसीलिए इस पर अच्छी तरह पकड़ बनाने के लिए आपको रणनीति भी अलग अलग बनानी पड़ेंगी।


prelims के लिए सबसे पहले एनसीईआरटी को कम से कम दो बार जरूर पढ़ें और इनके क्वेस्शन्स` को भी सॉल्व करें। आप जितनी बार भी एनसीईआरटी को पढ़ेंगे आपको हर बार नयी जानकारी मिलेगी और धीरे धीरे आपके पास जानकारी का भंडार इकट्ठा हो जाएगा। हमेशा एक डायरी में डाटा, एग्जाम्पल, केस स्टडी, डायग्राम आदि को न्यूज पेपर, करेंट अफेयर्स मैगजीन से नोट करते रहें। नोट्स को छोटा और to the point रखें। नियमित रूप से रिवीजन करें और अपने आप को टेस्ट भी करते रहें।


अब जहां तक mains का सवाल है तो इसमे जीएस के 4 पेपर होते हैं और सभी subjective होते हैं।


जीएस पेपर 1 की रणनीति


हिस्ट्री, आर्ट एंड कल्चर को रटने की बजाय chronology और dates के हिसाब से समझ कर अपने नोट्स खुद बनाएँ। नोट्स बनाने के लिए फ्लोचार्ट भी एक बढ़िया तरीका है। GEOGRAPHY के लिए तो मैप अनिवार्य है। आप जब भी ज्योग्राफी पढ़ें तो atlas के साथ पढ़ें। इससे आपको विषय को समझने में तो आसानी होगी ही, जब आप परीक्षा में जवाब लिखेंगे तो अपनी बात maps के माध्यम से बेहतर ढंग से समझा भी पाएंगे। सोशियोलॉजी को करेंट अफेयर्स के उदाहरण और केस स्टडी के आधार पर पढ़ें। 


जीएस पेपर 2 की रणनीति


polity और राजव्यवस्था के क्वेश्चन करेंट घटनाओं के साथ कनेक्ट करके पूछे जा रहे हैं, इसलिए इसमें सुप्रीम कोर्ट के डिसीजंस, संसद द्वारा पारित किए नए एक्ट एंड कानून आदि की पहले से ही लिस्ट बना ले। इसमें भी पहले से डाटा, केस स्टडी आदि तैयार रखे। भारतीय संविधान की विशेषताओं, संविधान की प्रस्तावना की प्रकृति, संविधान का संघात्मक ढाँचा जैसे मुद्दों पर स्पष्ट समझ विकसित कर लें। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों से संबंधित समसामयिक घटनाक्रमों व सूचनाओं की जानकारी व उनके वैश्विक प्रभाव को जानना महत्त्वपूर्ण है, जैसे रूस और यूक्रेन के मध्य हो रहे युद्ध के मुख्य बिंदुओं को जान लेना पर्याप्त नहीं है, बल्कि इस मुद्दे से संबंधित वैश्विक प्रभावों यानि, पश्चिमी देशों तथा भारत पर इस युद्ध का क्या प्रभाव पड़ेगा आदि के बारे में भी समझ विकसित होनी चाहिये। सामाजिक न्याय के विशेष संदर्भ में भारत सरकार द्वारा विगत 6-8 महीनों में आरंभ की गई योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी रखें। यदि इनसे सीधे-सीधे प्रश्न न भी आए तो अन्य प्रश्नों के उत्तर लिखने के दौरान इनका उपयोग उदाहरण के तौर पर सहजता से किया जा सकता है।


जीएस पेपर 3 की रणनीति


अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी खंड से संबंधित प्रश्न कुछ निश्चित क्षेत्रों से पूछे जाने लगे हैं। इनके बार एमए आप पिछल एसाल के प्रश्न पत्र्न से जान सकते हैं और एक अच्छी बात यह है कि उनमें किसी विशेष ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती। सिर्फ सूचनाओं का विश्लेषण कर पाना ही पर्याप्त होता है। इनके बार एमए आप newspaper और magazines में आसानी से पढ़ सकते हैं और  इन स्रोतों से ही महत्त्वपूर्ण मुद्दों को तैयार किया जा सकता है। अर्थव्यवस्था के लिये विषय की बुनियादी समझ के साथ-साथ विभिन्न आयामों के विश्लेषण की भी क्षमता होनी चाहिये, क्योंकि सारे प्रश्न सैद्धांतिक के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के व्यावहारिक पक्ष को भी समेटे होते हैं। इस विषय के प्रश्न कहीं न कहीं समसामयिक घटनाओं से संबंधित रहते हैं। इसीलिए देश-विदेश के आर्थिक जगत में घटित हो रही घटनाओं पर ध्यान रखकर ही इन विषयों की तैयारी करनी चाहिये। आंतरिक सुरक्षा की ज़िम्मेदारी गृह मंत्रालय की है, अतः आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों, योजनाओं, प्रणालियों आदि से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, जिन्हें अभ्यर्थियों को देखते रहना चाहिये। इन एजेंसियों में हो रहे बदलावों व बदलते परिदृश्य में इनकी भूमिका के विषय में समसामयिक पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से स्वयं को अपडेट करते रहना चाहिये।


जीएस पेपर 4


‘एथिक्स’ के प्रश्नपत्र में ऐसी कोई किताब नहीं है जिसे पढ़कर आप इस विषय में माहिर हो जाएँ। ‘एथिक्स’ का पाठ्यक्रम बहुत व्यापक है और आपसे इस बात की मांग करता है कि दैनिक जीवन की सामान्य घटनाओं पर नज़र बनाए रखें। एक सिविल सेवक के रूप में उनके समाधान ढूँढ़ने की कोशिश करें। इस विषय को भी case studies से समझने और समझाने की कोशिश करें और अपना ‘एटीट्यूड’ (Attitude) व ‘एप्टीट्यूड’ (Aptitude) दोनों नैतिक, संवेदनायुक्त और भ्रष्टाचार विरोधी रखें।