TOPPERS के NOTES से तैयारी करना कितना सही ?


यूपीएससी की मुख्य परीक्षा subjective नेचर की होती है और इसमे आपके ज्ञान से ज्यादा आपके एनालिटिकल स्किल्स और communicative abilities की जांच होती है। अब किताबें पढ़ कर आप अपना ज्ञान तो बढ़ा सकते हैं लेकिन इतने से ही यूपीएससी की परीक्षा पास नहीं की जा सकती। परीक्षा में सफल होने के लिए जरूरी है कि आप उस ज्ञान को अपनी सोच के साथ combine करें और उसे प्रभावशाली ढंग से present भी करें। और यही कारण है कि हर गाइड, हर एक्सपर्ट, हर टीचर, हर मैंटर आपको तैयारी के समय नोट्स बनाने की सलाह जरुर देता है। मगर नोट्स क्या खुद बनाने चाहिए या किसी successful कैंडिडैट के नोट्स को पढ़ कर भी काम चल सकता है। आइए जानते हैं


दोस्तों, नोट्स कितने महत्वपूर्ण हैं इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोचिंग संस्थानों से लेकर तक बाज़ार तक आपको toppers के नोट्स आसानी से मिल जाएंगे और इतना ही नहीं बल्कि उन नोट्स को खरीदने वाले भी ढेरों की संख्या में दिख जाएंगे। अब सवाल उठता है कि नोट्स खुद बनाने चाहिए या किसी और के बनाए हुए नोट्स से भी पढ़ाई की जा सकती है? इसे समझने के लिए हमें पहले यह समझना होगा कि आखिर नोट्स बनाने का मकसद क्या है?


हमारा दिमाग जो भी देखता है, पढ़ता है या सुनता ही उसे आने अंदर समाहित कर लेता है लेकिन जितनी तेजी से हमारा दिमाग बातों को अपने अंदर समाहित करता है उतनी ही तेजी से उसे भुला भी देता है। दरअसल हम सब की इन्फॉर्मेशन कलेक्ट करने की एक क्षमता होती है और जैसे - जैसे हम उसमे नयी इन्फॉर्मेशन फीड करते हैं पुरानी इन्फॉर्मेशन डिलीट होती रहती है और यदि आप चाहते हैं कि उसमे पुरानी इन्फॉर्मेशन रिटेन करना चाहते हैं तो आपको लिख कर इन्फॉर्मेशन फीड करनी पड़ेगी। यानि जब आप किसी बात को लिख कर याद करेंगे तो आपका दिमाग वह इन्फॉर्मेशन ज्यादा समय तक रिटेन कर सकता है।


अब आते हैं अपने सवाल पर, नोट्स अपने होने चाहिए या किसी और के। दोस्तो, इसे इस तरह समझिए कि दूसरे के नोट्स से पढ़ने और किसी किताब से पढ़ने में कोई फर्क नहीं। इसके अलावा नोट्स एक बहुत ही customised summary होती है और वह तभी कारगर होगी जब उसके आपके जरूरत के अनुसार तैयार किया गया हो। अब हर व्यक्ति के पढ़ने का तरीका अलग होता है यह जरूरी नहीं कि एक student जिस अंदाज़ में नोट्स बनाता हो, वह आपके लिए भी कारगर हो। जैसे कुछ लोग सिर्फ बुलेट पॉइंट्स बना कर ही अपने नोट्स तैयार कर लेते हैं जबकि हो सकता ही कि आपकी आवश्यकता उन बुलेट पॉइंट्स से पूरी ना हो।


तो दोस्तों, इतना तो आप समझ ही गए होंगे कि किसी और के नोट्स से पढ़ने से बेहतर है कि आप अपने नोट्स खुद तैयार करें। तो अब चलते हैं अगले पॉइंट पर, जो है – नोट्स कैसे बनाएँ? इसके लिए आप इन processes को फॉलो कर सकते हैं –


कई छात्र नोट्स बनाने के महत्व को समझे बिना नोट्स बनाने लगते हैं। नोट्स बनाने का मतलब है केवल उन चीजों को लिखना, जिन्हें आप भूल सकते हैं और जिन चीज़ों को समय के साथ संशोधित किया जा सकता है। नोट्स बनाते समय जानकारी को सटीक तरीके से लिखें, ताकि आप उन चीज़ों को याद रख सकें। नोट्स बनाने से पहले सभी जानकारी एकत्रित कर लें और उसे 2 से 3 बार पढ़ने के बाद ही नोट्स बनाएं।


नोट्स बनाते समय माइंड-मैप या फ्लो चार्ट बनाएं। इन तरीके से आपके नोट्स रोचक बनेंगे। फ्लो चार्ट न केवल नोट्स को याद करने में मदद करते हैं, बल्कि ये उत्तर लेखन में भी काम आते हैं। जब समय की कमी हो, तब आप पूरे टॉपिक को न पढ़कर केवल फ्लो चार्ट देख सकते हैं, जिसमें टॉपिक से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां लिखी होती हैं।


UPSC की परीक्षा में लंबे विषयों के लिए नोट्स बनाना जरूरी है। NCERT की किताबों का अर्थशास्त्र, इतिहास, भूगोल और राजनीति शास्त्र जैसे विषयों का पाठ्यक्रम बहुत बड़ा है। इन विषयों को बार-बार दोहराने की आवश्यकता होती है, लेकिन इनकी किताबों में बहुत सारी जानकारियां होती हैं। परेशानी से बचने के लिए आप इन विषयों के नोट्स जरूर बनाएं। इनकी जानकारी और महत्वपूर्ण तथ्यों को एक साथ संशोधित करके रख लें। इससे आपको रिवीजन में आसानी होगी।