UPSC EXAM  के लिए NCERT BOOKS से क्या और कितना पढ़ू ?


अगर यूपीएससी एक ताला है तो एनसीईआरटी उसकी चाभी है। आप किसी भी expert से पूछें तो वह आपको तैयारी की शुरुआत एनसीईआरटी के साथ ही करने की सलाह देगा। लेकिन एनसीईआरटी को लेकर स्टूडेंट्स के सामने सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उन्हें यह समझ नहीं आता कि एनसीईआरटी में क्या पढ़ना चाहिए और क्या नहीं। इसी चक्कर में वे या तो क्लास 6th से लेकर 12th की सारी पुस्तकें पढ़ने बैठ जाते हैं या फिर एनसीईआरटी को इग्नोर करने लग जाते हैं। इसीलिए आज के Blog में हम आपको बताने जा रहे कि एनसीईआरटी से क्या क्या पढ़ना चाहिए और कैसे पढ़ना चाहिए?


सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर एनसीईआरटी को पढ़ना जरूरी क्यों है? एनसीईआरटी पुस्तकें सिविल सेवा परीक्षा के लिए मजबूत आधार होती हैं; इन पुस्तकों की भाषा सरल, स्पष्ट अर्थ तथा एक neutral point of view लिए हुए होती है जो कि सिविल सेवा परीक्षा के लिए अति आवश्यक है। एनसीईआरटी पुस्तकें अन्य पुस्तकों के लिए भी आधार का काम करती हैं अर्थात इन पुस्तकों को अच्छी तरह पढ़ने के बाद दूसरे चरण में पढ़ी जाने वाली पुस्तकों को समझने में आसानी हो जाती है जैसे- राजव्यवस्था की एनसीईआरटी पुस्तकों को अच्छे से पढ़ने के बाद लक्ष्मीकांत तथा डी. डी. बसु जैसी पुस्तक पढ़ना आसान हो जाता है। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष लगभग 40-45% प्रश्न UPSC प्रिलिम परीक्षा में सीधे इन पुस्तकों से पूछे जाते हैं, साथ ही एनसीईआरटी पुस्तकों को पढ़कर मुख्य परीक्षा के लिए जरुरी अवधारणात्मक समझ को विकसित किया जा सकता हैं।


अगला सवाल यह है कि एनसीईआरटी में क्या क्या पढ़ना चाहिए? दोस्तों, यूपीएससी की तैयारी के लिए कक्षा 6 से लेकर 12 तक की इतिहास, भूगोल, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, कला, एवं शिल्प परम्पराएँ जैसे विषयों को पढ़ना चाहिए। जहां तक विज्ञान का सवाल है तो इसके लिए class 6th से class 10th की किताबें पर्याप्त होंगी।


अब आप सोच रहे होंगे कि एनसीईआरटी को कैसे पढ़ा जाना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले यह समझ लीजिये कि आप एनसीईआरटी को एक बार में पूरा पढ़ कर समझ नहीं सकते। यह किताबें देखने में भले ही मोटी ना हों लेकिन इनमे मौजूद जानकारी किसी भी अन्य किताब से कम नहीं है। इसीलिए एनसीईआरटी को अच्छी तरह से command करने के लिए उसे बार बार पढ़ना जरूरी है।


आपको एनसीईआरटी को कम से कम 3 बार पढ़ने का लक्ष्य बनाना चाहिए। पहली रीडिंग में सिर्फ पढ़ें। उससे आप क्या समझ पा रहे हैं और क्या आपके सर के ऊपर से निकल जा रहा है इसकी ज्यादा चिंता ना करें। पहली बार में सिर्फ यह लक्ष्य रखें कि आप मोटे तौर पर chapter के बारे में एक view point तैयार कर सकें। इसके बाद दूसरी रीडिंग से पहले chapter के अंत में दिये गए सवालों को हल करने की कोशिश करें। इसमे objective और subjective दोनों ही प्रकार के सवाल शामिल हैं। जब आप सवाल हल करने की कोशिश करेंगे तो हो सकता है कि आप एक भी सवाल का पूरा जवाब ना दे पाएँ लेकिन इससे घबड़ाने की जरूरत नहीं। सवालों को हल करने से आपको दूसरी रीडिंग के दौरान important areas को इडेंटिफ़ी करने में आसानी होगी। जब आप सवाल को अच्छी तरह देख लें उसके बाद ही आपको दूसरी रीडिंग की तरफ जाना चाहिए। दूसरी रीडिंग में important points को highlight कर लीजिये और एक बार जब दूसरी रीडिंग खत्म हो जाए तो फिर सवालों को हल करने की कोशिश कीजिये। आप देखेंगे कि इस बार आपका performance पिछली बार की तुलना में काफी बेहतर हो चुका होगा। अब बारी आती है तीसरे रीडिंग। इस आप final रीडिंग भी कह सकते हैं और इस दौरान आपको नोट्स भी तैयार कर लेना चाहिए। इसके बाद यदि आपको confidence आ चुका हो तो आप एनसीईआरटी की बजाय उससे तैयार नोट्स पर भरोसा कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि अभी आपने एनसीईआरटी पर पूरी तरह कमांड नहीं किया है तो आप एक रीडिंग और लगा सकते हैं। हाँ, यह ध्यान रखिए कि नोट्स तभी तैयार करें जब आपको लगे कि इसके बाद किताबों को अलग रख सकते हैं।


दोस्तों, यहाँ आपको एक और बात ध्यान रखनी चाहिए कि एनसीईआरटी की किताबों को class wise पढ़ने की बजाय subject wise पढ़ने से ज्यादा फायदा होता है।


तो उम्मीद है कि अब आप एनसीईआरटी को पूरा कवर करने का तरीका समझ भी गए होंगे और आप एनसीईआरटी की किताबों का भरपूर लाभ लेकर परीक्षा की तैयारी करेंगे।


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