आज की तारीख है 28 मार्च


पूरी दुनिया द्वितीय विश्व युद्ध का मंजर देख रही थी तो वही साल 1940 में अंग्रेजी हुकूमत ने हिन्दूस्‍तान में अपने सबसे बड़े दुश्मन सुभाष चंद्र बोस को कलकत्ता की जेल में कैद करके रखा था। अंग्रेजों ने नेताजी को 2 जुलाई, 1940 को देशद्रोह के आरोप में अरेस्‍ट किया था। ऐसे में नेताजी ने 29 नवंबर, 1940 को जेल में गिरफ्तारी के विरोध में भूख हड़ताल शुरू कर दी। ऐसे में नेताजी की तबीयत बिगड़ने लगी।


अंग्रेजी सरकार ने 5 दिसंबर  1940 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनके घर भिजवा दिया। ताकि उनकी सेहत सुधर सके। ऐसे मे अगर सुभाष चंद्र बोस की मौत भी हो जाती तो अंग्रेजी सरकार इस इल्‍जाम से बच जाती। खैर, घर आकर नेताजी की सेहत में सुधार आया। इस दौरान उन्‍होंने पाया की अंग्रेजी सरकार ने उनके घर के आगे जासूसों की फौज लगाई हुई है। नेताजी के घर 38/2 एल्गिन रोड के बाहर सादे कपड़ों में पुलिस का पहरा था। वहीं कुछ जासूस भी नागिरानी में लगे थे।


आज के ही दिन 28 मार्च  को नेताजी ने अपने भतीजे शिशिर, जो की उस समय 20 साल के थे। उनको अपने पास बुलाया। दोनों ने मिलकर यहां से निकलने की योजना बनाई ।सुभाष चंद्र बोस की तब दाढ़ी बढ़ी हुई थी और वे अधलेटे से थे। तय हुआ की  शिशिर अपने चाचा को देर रात कार में बैठाकर कलकत्ता से दूर एक रेलवे स्टेशन तक ले जाएंगे। सुभाष चंद्र बोस और शिशिर ने तब बाहर न‍िकलने के ल‍िए जर्मन वांडरर कार को चुना। हालांकी उनके पास दो कार थीं। वो अपनी जर्मन वांडरर कार के अलावा अमेरिकी स्टूडबेकर प्रेसिडेंट कार भी इस्‍तेमाल कर सकते थे। लेकिन  उसे आसानी से पहचाना जा सकता था। ऐसे में नेताजी ने यात्रा के लिए जर्मन वांडरर कार को चुना |


वह से निकलने के बाद उन्होंने  मध्य कलकत्ता के वैचल मौला डिपार्टमेंट स्टोर में जाकर नेताजी के लिए कुछ कपड़े खरीदे थे। इसके बाद शिशिर ने सुभाष के लिए विज़िटिंग कार्ड छपवाने का ऑर्डर दिया। कार्ड पर लिखा था, मोहम्मद ज़ियाउद्दीन, बीए, एलएलबी, ट्रैवलिंग इंस्पेक्टर, द एम्पायर ऑफ़ इंडिया अश्योरेंस कंपनी लिमिटेड , स्थायी पता, सिविल लाइंस, जबलपुर।’


कलकत्ता की रात अपने चरम पर थी। तब नेताजी अपने भतीजे के साथ हावड़ा पुल पार कर गए। इसके बाद वो आसनसोल के बाहरी इलाके में पहुंच गए। वहां से शिशिर ने धनबाद में अपने भाई अशोक के घर से कुछ दूरी पर नेताजी को कार से उतारा। तब वो झारखंड के गोमोह रेलवे स्टेशन पर पहुंचे थे। इसके बाद वहां से जर्मनी के लिए  रवाना हो गए थे।


दोस्तों आइए अब आखिर में जानते है देश और दुनिया की आज की तारीख यानि 15 फरवरी की अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में:


आज के ही दिन साल 1910 में फ्रेंच इन्वेंटर हेनरी फाबरे ने दुनिया का पहला सीप्लेन कैनार्ड बनाया जिसने 457 मीटर लंबी उड़ान भरी थी। 

वही साल 1939 में जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने पोलैंड के साथ एक-दूसरे पर आक्रमण नहीं करने संबंधी पांच साल पुराने समझौते को तोड़ा। 

साथ ही साल 1959 में  चीन ने तिब्बत की सरकार भंग की साल 1998 में  अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने संसद में 261 के मुकाबले 274 वोट से विश्वास मत हासिल किया। 

आज के ही दिन 2000 में  वेस्टइंडीज के कोर्टनी वॉल्श ने टेस्ट क्रिकेट में 435 विकेट लेकर कपिल देव का रिकॉर्ड तोड़ा। 

वही साल 2005 इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में आए शक्तिशाली भूकम्प से भारी तबाही। साल 2013 में  इंटरनेट पर इतिहास का सबसे बड़ा हमला हुआ।