आज की तारीख है 15 मार्च, बात है साल 1921 की एक  16 वर्ष की लड़की को शांतिनिकेतन में टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती में भेजा गया | जहां उसे रविंद्र नाथ टैगोर से सीधे-सीधे ज्ञान प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ | आगे चल कर उस लड़की ने ओडीशा में श्रमिकों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई और बच्चों की शिक्षा पर जोर दिया | महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर वह नमक आंदोलन से जोड़ी और कई बार जेल भी गई | साल 1946 में भारतीय संविधान सभा की सदस्य बनकर महिलाओं के हक के लिए उस लड़की ने आवाज भी उठाई | वह लड़की कोई और नहीं भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और गाँधीवादी मालती चौधरी थी |


मालती देवी चौधरी का जन्म 26 जुलाई 1904 में विक्रमपुर ढाका कामराखंड में हुआ | लेकिन बाद में वह अपने परिवार के साथ सिमुलतला में बस गई | उनकी मां का नाम स्नेहलता था,जो पेशे से एक लेखिका थीं | मालती देवी के पिता का नाम बैरिस्टर मुकुद नाथ सेन था | जब यह सिर्फ ढाई साल की थीं तो इनके पिता की मृत्यु हो गई थी, तब से इनकी माँ ने ही मालती देवी की देखभाल की  मालती अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थी और अपने भाई बहनों की प्रिय थीं |


मालती देवी जब 16 साल की थीं तब ही उन्हें शांति निकेतन भेजा गया | उन्हें शांति निकेतन में रवींद्रनाथ टैगोर से सीधे ज्ञान प्राप्त करने का मौका मिला | शांति निकेतन में मालती देवी ने न सिर्फ डिग्री प्राप्त की बल्कि अलग-अलग तरह की कला में भी खुद को पारंगत किया | उसी दौरान नवकृष्ण चौधरी एक छात्र के रूप में शांति निकेतन में आया | यहीं मालती देवी चौधरी की मुलाकात नवकृष्ण चौधरी से हुई | आगे चलकर साल 1927 में नवकृष्ण और मालती की शादी हो गई | मालती देवी चौधरी और नवकृष्ण चौधरी शादी के बाद उड़ीसा के जगतसिंहपुर ज़िले के अनाखिया गांव में बसे थे | इसी गांव में इनके पति ने गन्ने की खेती में सुधार करना शुरू किया | वहीं मालती देवी ने कई पड़ोसी गांवों में प्रौढ़ शिक्षा का काम भी शुरू किया | उन्होंने साल 1930 में मज़दूरों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई, साथ ही उत्कल किसान सभा की भी नींव रखी | इसका उद्घाटन कटक में किया गया,  इस उद्घाटन में ज़मींदारी व्यवस्था को जड़ से उखाड़ने का संकल्प लिया गया | कई किसान समितियों ने इसमें हिस्सा लिया था |


गरीब किसानों को सूदखोरों और ज़मीदारों के शोषण से बचाने के लिए मालती देवी ने कृषक आंदोलन की अगुआई की  साल 1933 में उन्होंने अपने पति के साथ उत्कल कांग्रेस समाजवादी कर्मचारी संघ का गठन किया | बाद में इस संगठन को अखिल भारतीय कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की उड़ीसा शाखा के रूप में जाना जाने लगा | साल 1948 में मालती और उनके पति ने उड़ीसा में उत्कल नवजीवन मंडल का भी गठन किया | जिसने ग्रामीण विकास और आदिवासी कल्याण के लिए काम किया | साथ में उन्होंने उड़ीसा सिविल लिबर्टीज़ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया | वह उन पहली कुछ आवाज़ों में से थीं जिन्होंने नक्सलियों की हत्या की खुलकर आलोचना की


वहीं साल 1934 में, उड़ीसा में मालती देवी महात्मा गांधी की पदयात्रा में उनके साथ थी | उन्होंने इस पदयात्रा में अहम भूमिका निभाते हुए बड़ी संख्या में लोगों को इससे जोड़ा | पूंजीवाद का विरोध करते हुए उन्होंने चरखा आंदोलन और असहयोग आंदोलन से लोगों को जुड़ने के लिए प्रेरित किया | इन्हें कई बार साल 1921, साल 1936 और साल 1942 में अन्य महिला स्वंतत्रता सेनानियों जैसे सरला देवी, रमादेवी और अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था | जेल में भी इन्होंने कैदियों को पढ़ाने का काम किया |


9 दिसंबर 1946 में मालती देवी चौधरी संविधान सभा के लिए चुनी गई  | साथ ही वह उड़ीसा प्रदेश कांग्रेस कमिटी की अध्यक्ष भी चुनी गईं | वह उन महिलाओं में से एक थीं जिन्होंने भारती संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने में एक अहम भूमिका निभाई  | हालांकि, जल्द ही उन्होंने सभा से इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह किसानों, दलितों, आदिवासियों और बच्चों के साथ अपने काम पर ध्यान देना चाहती थीं | 1975 में जब इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल लागू किया तब भी उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जेल भी गईं | वहीं आज ही के दिन 15 मार्च साल 1998(अट्ठानबे) में 93(तिरानबे) साल की उम्र में इन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया | अपने शानदार काम के लिए मालती देवी को कई सम्मान और पुरस्कारों से नवाज़ा गया | इसमें बाल कल्याण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार , जमनालाल बजाज पुरस्कार, उत्कल सेवा सम्मान , टैगोर साक्षरता पुरस्कार आदि शामिल हैं |


1892: पहली बार न्‍यूयॉर्क में ऑटोमैटिक बैलेट मशीन का इस्तेमाल किया गया। 

1934: बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम का जन्म हुआ। 

1997ः ईरान ने पहली बार किसी महिला राजनीतिज्ञ को विदेश में नियुक्त किया। 

2008ः महात्मा गांधी की प्रतिमा इटली के पोसिलियो में स्थापित की गई। 

2009: भारत की प्रथम महिला विमान चालक सरला ठकराल का निधन। 

2011: सीरिया में बड़े पैमाने पर गृहयुद्ध शुरू।