एक दिन एक लड़का  सेब के पेड़ के नीचे बैठा हुआ था तभी अचानक  एक सेब टूट कर उसके  सर पर आ लगा तब उसने  सोचा कि यह सेब नीचे ही क्यों आया इधर-उधर या ऊपर क्यों नहीं गया और यदि सभी चीजों को धरती पर ही गिरना होता है तो चांद भी तो ऊपर दिखाई देता है वह नीचे क्यों नहीं गिरता . तब उस लड़के  ने सोचा कि जरूर कोई धरती के अंदर फोर्स है जो चीजों को अपनी और आकर्षित करता है और यहां से उस लड़के को ग्रेविटी का आइडिया आया | अब तक आप जान ही गए होगे वो लड़का ग्रेविटी की ख़ोज करने वाला महान गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक आइज़ैक न्यूटन थे |


आइज़क न्यूटन का जन्म 4 जनवरी 1643(तैंतालीस) को इंग्लैंड में हुआ था. उनके पिता, एक किसान थे |  आइज़क न्यूटन की जन्म से  तीन महीने पहले उनकी मृत्युहो गई थी. जब न्यूटन तीन वर्ष के थे, उनकी माँ ने दूसरी शादी कर ली  और अपने नए पति के साथ रहने चली गईं और अपने बेटे को उनकी नानी की देखभाल में छोड़ दिया. न्यूटन की नानी उनको  खेती में मदद करने के लिए जोर दिया करती थी । लेकिन न्यूटन ने खेती करने से मना कर दिया क्योंकि उनका मन खेती की अपेक्षा पढ़ने में ज्यादा लगता था।


आइजैक न्यूटन की बचपन की पढाई अपने गाँव में ही हुई थी, जब वो 12 साल के हुए तब वे इंग्लैंड के ग्रंथम में किंग पाठशाला में पढने के लिए चले गए। वहाँ वे फार्मासिस्ट के घर में रहते थे जिसका नाम क्लार्क था. न्यूटन को क्लार्क की रासायनिक पुस्तकालय और प्रयोगशाला बहुत पसंद थी। उन्होंने क्लार्क की बेटी का मनोरंजन करने के लिए यांत्रिक उपकरणों का निर्माण किया था, जिसमे शामिल था एक लाईव माउस, फ्लोटिंग लालटेन और सन डायल्स द्वारा चलने वाली पवन चक्की का समावेश हुआ करता था।


आइजैक न्यूटन ने 19 वर्ष की अवस्था में इंग्लैण्ड के ट्रिनिटी कॉलेज में प्रवेश करके साल 1665 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की , वे मास्टर डिग्री भी प्राप्त करना चाहते थे, लेकिन प्लेग बीमारी की होने से उन्हें जर्मनी  वापस जाना पड़ा था। जहाँ पर वे साल 1666 (छियासठ ) से 1667 (सड़सठ ) तक रहे. जहा पे वे उनके बुनियादी प्रयोगों का उपयोग करते रहे, साथ ही ग्रेविटी के बारे में प्रकाश के अध्ययन के बारे अपनी सोच पर काम करते रहे।


कैम्ब्रिज से लौट कर उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री को पूरा किया और उसके बाद अपनी खोज को विस्तृत करने में लग गए | उनके  गणित के टीचर उनसे बहुत प्रभावित थे, साल 1669(उनहत्तर) में उनके टीचर ने किसी और नौकरी के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया और  न्यूटन को अपनी जगह लेने को कहा, जिसके बाद न्यूटन गणित के प्रोफेसर बन गए।


न्यूटन का ग्रेविटी में प्रयोग


हमने अभी आपको सेब के पेड़ का किस्सा बतया है | न्यूटन के बहुत देर तक सोचने और विचारने के बाद उन्होंने प्रयोग करके पता लगाया कि जो चीज ऊपर है वह नीचे आएगी। जब तक ग्रेविटी बल रहेगा तब तक वह चीज नीचे आएगी जब ग्रेविटी बल खत्म हो जाएगा तो वो चीज वही तैरने लगेगी। इस प्रकार न्यूटन ने ग्रेविटी के नियम की खोज की।


न्यूटन के गति के तीन नियम खोजें –


जो कि पहला नियम है "जड़त्व का नियम" यानि "law of inertia" इस नियम के अनुसार एक वस्तु तब तक स्थिर बनी रहेगी जब तक उस पर कोई बल ना लगाया जाए और एक वस्तु तब तक गतिमान रहेगी जब तक इस पर कोई बल ना लगाया जाए।


दूसरा नियम है "संवेग का नियम" यानि Law of Momentum इस नियम के अनुसार वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगाये गये बल के अनुक्रमानुपाती तथा संवेग परिवर्तन आरोपित बल की दिशा में होता है।


तीसरा नियम है "क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम" यानि Law of action and reaction इस नियम के अनुसार जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाया जाता है तो वस्तु भी उतना ही बल उस बल के विपरीत दिशा में लगाती है।


आइज़क न्यूटन की मृत्यु आज के ही दिन साल 1727 को जर्मनी मे हुई थी और इन्हें वेस्टमिंस्टर एब्बे में दफनाया गया था।  न्यूटन की मृत्यु के बाद इनके शरीर में काफी ज्यादा मात्रा में पारा पाया गया था जो शायद उनके रासायनिक कार्यों को करने की वजह से था।


आज के ही दिन साल 1916 में अल्‍बर्ट आइंस्‍टीन की किताब जनरल थ्‍योरी ऑफ रिलेटिवली का प्रकाशन हुआ। 

साथ ही साल 1920 में  लंदन से दक्षिण अफ्रीका के बीच पहली उड़ान शुरू हुई। 

साल 1956(छप्पन) में  फ्रांस से ट्यूनीशिया को आजादी मिली। 

वही साल 1987(सत्तासी) में अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने एड्स के इलाज के लिए पहली दवा एंटी एड्स दवा (AZT) को मंजूरी दी। 

आज के ही दिन  साल 2003 में  इराक पर अमेरिका ने हमला शुरू किया। 

साथ ही साल 2010 में गोरैया को बचाने के लिए पहली बार ‘विश्व गोरैया दिवस’ मनाया गया।