आज की तारीख है 5 मार्च, बात है साल 1835 की, जब देश में नमक पर टैक्स लगाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत ने नमक आयोग बनाया | आयोग ने सरकार को सलाह दी कि भारत में बनने वाले नमक पर टैक्स लगाना चाहिए, ताकि ईस्ट इंडिया कंपनी के कब्जे वाले भारत में ब्रिटेन के लिवरपूल में बने नमक का निर्यात बढ़े | साल 1857(सत्तावन) के विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत का शासन ईस्ट इंडिया कंपनी से छीनकर सीधे अपने हाथ में ले लिया | वहीं साल 1882(बयासी) में ब्रिटिश सरकार ने इंडियन सॉल्ट एक्ट बनाकर नमक बनाने, उसके ट्रांसपोर्टेशन और कारोबार पर पूरी तरह कब्जा कर लिया | इस कानून के तहत नमक बनाने पर 6 महीने की जेल, संपत्ति जब्त और भारी जुर्माना लगाया जाता था | बॉम्बे सॉल्ट एक्ट की धारा 39(उनतालीस) के मुताबिक नमक पर टैक्स वसूलने वाले अधिकारी किसी घर या परिसर में घुसकर तलाशी ले सकते थे | इसका मतलब ये था कि नमक सिर्फ सरकारी डिपो में ही बनाया जा सकता था |


नवंबर साल 1922 को बासिल ब्लैकेट ब्रिटिश भारत में वित्त सदस्य नियुक्त हुए, तो उन्होंने नमक पर लगने वाला टैक्स दोगुना कर दिया | तब के भारत की विधायिका ने इस प्रस्ताव को नकार दिया, लेकिन वायसराय लॉर्ड रीडिंग ने स्पेशल पावर का इस्तेमाल कर इस विधेयक को पास कर दिया | तब भारत में एक मन यानी करीब 40 किलो नमक की कीमत 10 पैसे होती थी | उस पर सरकार 20 आने यानी 1.25 रुपए टैक्स वसूलती थी | इस दोगुने टैक्स की वजह से देशवासियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था | इसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए गांधीजी 5 अप्रैल 1930 को दांडी के समुद्र तट के पास सैफी विला पहुंचे  |  तब गांव में 460 लोग रहते थे, गरीबी बहुत थी | गांव वालों की चिंता यही थी कि वे गांधीजी का स्वागत कैसे करेंगे |


गांव के ही बोहरा समुदाय के मुसलमानों ने अपने गुरु सैयदना ताहिर सैफुद्दीन का बंगला गांधीजी के लिए खोल दिया | गांधीजी ने एक रात सैफी विला में ही गुजारी | इससे उन्होंने उन लोगों को मैसेज भी दिया , जो कहते थे कि वे मुस्लिम गांवों में नहीं जाते, नहीं ठहरते | आज भी सैफी विला में गांधीजी के इस्तेमाल किए गए बर्तन रखे हुए हैं | एक रात वह रहने के बाद बापू 12 मार्च 1930 को 78(अठहत्तर) लोगों के साथ दांडी यात्रा पर निकले |  इन सभी लोगों को गांधीजी ने खुद इंटरव्यू लेकर चुना था | इनकी उम्र तकरीबन 16 से 25 साल थी | इनमें 32 गुजरात प्रांत के, 6 कच्छ के, 4 केरल के, 3 पंजाब के, 2 बंबई के और सिंध, नेपाल, तमिलनाडु, आंध्र, उत्कल, कर्नाटक, बिहार व बंगाल से एक-एक सत्याग्रही शामिल थे |


यात्रा के दौरान गांधीजी ने 11 नदियां पार की उन्होंने सूरत, डिंडौरी, वांज, धमन के बाद नवसारी को यात्रा के आखिरी दिनों में अपना पड़ाव बनाया था | दूसरी तरफ ब्रिटिश सरकार 12 से 31 मार्च तक देशभर में 95(पंचानबे) हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी | इनमें सी. राजगोपालचारी और पंडित नेहरू भी शामिल थे | बापू ने 6 अप्रैल को दांडी में नमक कानून तोड़ा और इसी के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हो गई | धीरे-धीरे देश के बाकी हिस्सों में भी आंदोलन फैल गया | ये आंदोलन पूरे एक साल तक चला और 5 मार्च 1931 में गांधी-इरविन के बीच हुए समझौते से खत्म हो गया | आधुनिक भारत के इतिहास में भारत के लिए आज का दिन बेहद खास था | पहली बार अंग्रेजों ने भारतीयों के साथ समान स्तर पर समझौता किया था |


आइए अब आखिर में जानते है देश और दुनिया की आज की तारीख यानि 05 मार्च की अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में: 


1046: नासिर खुसरो ने मध्य-पूर्व सफर की शुरुआत की। छह साल की इस यात्रा के बाद उन्होंने सफरनामा की रचना की। आज भी फारसी भाषा की श्रेष्ठतम कृतियों में से एक है। 

1699: महाराजा जय सिंह द्वितीय अम्बर के सिंहासन पर बैठे।

1966: जापान के माउंट फूजी में ब्रिटिश ओवरसीज एयरवेज कॉरपोरेशन का एक बोइंग 707 प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार 124 लोगों की मौत हो गई। 

1970: परमाणु अप्रसार संधि लागू की गई। 24 नवंबर 1969 को हस्ताक्षर किए और इसे 45 देशों ने अनुमोदित किया था। अब तक करीब 190 देश इस पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। 

1993: कनाडा के फर्राटा धावक बेन जॉनसन को प्रतिबंधित दवाओं के सेवन की वजह से आजीवन प्रतिबंध लगा। 

2010: इसरो ने तीन टन की भार वहन क्षमता वाले साउंडिंग रॉकेट का आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सफल परीक्षण किया।