सही सोच के साथ ही मिलेगी UPSC में सफलता


आपने एडीसन का नाम तो जरूर सुना होगा। अपने जीवन में उन्होने जो खोज और आविष्कार किए वो आज भी मानव जाति की उन्नति में काफी importance रखती है। एक बार उन्होने कहा था कि मैं दस हज़ार बार असफल नहीं हुआ बल्कि मैंने दस हज़ार ऐसे तरीके ढूँढे हैं जिनसे यह काम नहीं हो सकता। अब जरा सोचिए कि दस हज़ार बार असफल होने के बाद भी उस व्यक्ति की सोच सकारात्मक रही और यही कारण था कि आगे चल कर उन्होने मानव जाति की इतनी सेवा की कि उनका नाम अमर हो गया। दोस्तों, जीवन में सफलता पाने के लिए हमारी सोच बहुत मायने रखती है और जब बात यूपीएससी की हो तब तो सही सोच और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।


दोस्तों आज बात करेंगे कि आखिर क्यों 99.9 परसेंट स्टूडेंट यूपीएससी में सफल नहीं हो पाते और आखिर क्यों 0.1 परसेंट लोग इस परीक्षा में बाज़ी मार ले जाते हैं। आखिर वे ऐसा क्या अलग करते हैं जो उन्हें बाकी candidates से आगे खड़ा कर देता है।


1. उन्हें वाकई पता होता वे क्या चाहते हैं - जो टॉपर्स होते हैं उनमें सिविल सर्विस जॉइन करने का अपना खुद का जज्बा होता है। मतलब वे किसी और के कहने या मोटिवेशन पर तैयारी नहीं कर रहे होते हैं। ये उनके खुद के भीतर की आवाज होती है जो सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए प्रेरित करती है। वास्तव में UPSC की तैयारी में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, तो जब आप खुद अपनी मर्जी से तैयारी कर रहे होते हैं तो उस तकलीफ को झेल पाते हैं। आपको भी यह बात याद रखनी चाहिए कि ‘सिविल सर्विसेज की तैयारी तभी करना चाहिए जब उसे करने के लिए आप के अंदर तीव्र उत्कंठा हो।’


2. वे सिविल सर्विसेज परीक्षाओं की तैयारी को एक वर्ल्ड वॉर की तरह लेते हैं - सिविल सर्विसिस की तैयारी एक बड़े युद्ध की तरह है जिसमें कई छोटी-छोटी बैटल लड़ी जानी होती हैं। इसमें सफलता बहुत सारे समझौतों, सैक्रिफाइस, हार्डवर्क और बहुत सारे हार्ट-बर्न के बाद मिलती है। आपको बहुत सारे छोटी बैटल्स लगातार लड़नी पड़ेगी। अपने आप से, रिश्तेदारों से, दोस्तों से, समकक्षों से, सक्सेसफुल कैंडिडेट से, आपके दोस्तों में जो सक्सेसफुल हो गया है, मेंटल स्टेट से, फ्रस्ट्रेशन से। क्या आप इतने बैटल्स (छोटे युद्ध) लड़ने को तैयार हैं? कहीं परास्त तो नहीं हो जाएंगे? मैदान छोड़ कर भाग तो नहीं जाएंगे?


3. अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस का ज्ञान - सभी टॉपर्स को अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस के बारे में बहुत अच्छे से पता होता है, और वे उसे स्वीकारते हैं, उससे लड़ते नहीं। इस प्रकार वे हारने वाली लड़ाइयां लड़ने से बच जाते हैं, अपनी स्ट्रेंथ पर फोकस करते हैं और सफलता हासिल करते हैं।


4. इफेक्टिव हार्डवर्क - सिविल सर्विसेज में एक अहम बात इफेक्टिव हार्डवर्क की है। आप लोगों ने ग्रीक माइथोलॉजी में सिसिफस की कहानी सुनी होगी जो रोज सुबह पत्थर को पहाड़ पर चढ़ाता था और पत्थर रोज लुढ़क कर नीचे आ आता था। इस तरह का हार्डवर्क न करें बल्कि इफेक्टिव हार्डवर्क करें क्योंकि टॉपर्स इफेक्टिव हार्ड वर्क करते हैं।


5. वे आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस पहले दिन से करते हैं - सिविल परीक्षा में सबसे ज्यादा इम्पॉर्टेंट बात जो निकल कर आती है वो आन्सर राइटिंग स्किल्स हैं। आपने भी ऐसे कई स्टूडेंट्स को देखा होगा जो बहुत ब्रिलियंट होने के बाद भी अच्छी राइटिंग स्किल्स ना होने के कारण सफल नहीं हो पाए। आप को भाषा का स्पेशलिस्ट होने की जरूरत नहीं है, न ही भारी भरकम शब्द इस्तेमाल करने की। साधारण शब्दों का उपयोग करें, लेकिन भाषा को लिखने में बेसिक ग्रामर की गलतियां ना करें, सटीक और टु-द-प्वाइंट लिखें।


6. जबरदस्त रीडिंग हैबिट्स - अच्छा, सटीक और टु-द-पॉइंट आंसर लिखने के लिए नॉलेज होना चाहिए और उसके लिए पढ़ना होता है। लगभग सभी टॉपर्स जबरदस्त रीडर होते हैं और उनमें यह आदत अक्सर बचपन से पड़ चुकी होती है। लेकिन यदि आप थोड़ा सा प्रयास अकरेन तो यह आदत अपने अंदर डिवैलप भी कर सकते हैं।


7. सुप्रीम कॉन्फिडेंस एंड चियरफुलनेस - ‘यू हैव टु होप फॉर द बेस्ट एन्ड प्रिपेयर फॉर द वर्स्ट।’ सिविल सर्विसेज में सफलता के लिए इतने सारे फैक्टर इतने सारे पैरामीटर, इतनी सारी सब्जेक्टिविटी हैं कि जिसे एग्जाम देने की इच्छा है, उसको यह सोचना चाहिए कि वह इस एग्जाम को कुल कितने साल देना चाहता है। लाइफ केवल एक एग्जाम के आस-पास सिकुड़ कर नहीं रह सकती, उसमें और भी कई सारी चीजें हैं। हर एक काम के लिए एक टाइम लिमिट होती है। और कोई भी पड़ाव जीवन का अंत नहीं होता। यूपीएससी को भी अपने जीवन के एक पार्ट की तरह ट्रीट कीजिये और इसकी तैयारी को एंजॉय करिए।