आज की तारीख है 23 मार्च, चौरी-चौरा के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया | इससे नाराज होकर भगत सिंह, चंद्रशेखर और बिस्मिल जैसे हजारों युवाओं ने अंग्रेजों के खिलाफ हथियारबंद क्रांति का रुख कर लिया | चंद्रशेखर आजाद की लीडरशिप में भगत सिंह ने भी हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) नाम का ग्रुप जॉइन कर लिया | 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर में साइमन कमीशन के विरोध में एक जुलूस निकला, जिस पर पंजाब पुलिस के सुपरिनटैंडैंट जेम्स ए स्कॉट ने लाठीचार्ज करा दिया | इस लाठीचार्ज में लाला लाजपत राय बुरी तरह घायल हो गए और 18 दिन बाद इलाज के दौरान 17 नवंबर 1928 को उनका निधन हो गया |


भगत, सुखदेव और राजगुरु ने लालाजी की हत्या का बदला लेने की कसम खाई और जेम्स ए स्कॉट की हत्या का प्लान बनाया | ठीक एक महीने बाद यानि 17 दिसंबर 1928 को तीनों प्लान के तहत लाहौर के पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर पहुंचे | हालांकि स्कॉट की जगह असिस्टेंट सुपरिनटैंडैंट ऑफ पुलिस जॉन पी सांडर्स बाहर आ गया | भगत सिंह और राजगुरु को लगा कि यही स्कॉट है और उन्होंने उसे वहीं ढेर कर दिया |


भगत और राजगुरु ने सांडर्स को इस्लामिया कॉलेज के सामने गोली मारी , फिर DAV कॉलेज में कपड़े बदले राजगुरु और भगत सिंह दोनों ने अपनी बंदूकें सांडर्स पर खाली कर दी थीं | इसी दौरान सिपाही चानन सिंह भगत को पकड़ने के बेहद करीब था, लेकिन आजाद ने उसे भी ढेर कर दिया | सांडर्स की हत्या के बाद क्रांतिकारी जिस तरह लाहौर से बाहर निकले, वह भी बेहद रोचक किस्सा है | भगत सिंह एक सरकारी अधिकारी की तरह ट्रेन के फर्स्ट क्लास डिब्बे में श्रीमती दुर्गा देवी बोहरा और उनके 3 साल के बेटे के साथ बैठ गए | वहीं राजगुरु उनके अर्दली बनकर गए, ये लोग ट्रेन से कलकत्ता भाग गए, फिर आजाद ने साधू का भेष बनाया और मथुरा चले गए |


कुछ समय बाद 8 अप्रैल 1929 की सुबह 11 बजे भगत और बटुकेश्वर दत्त असेंबली में पहुंचकर गैलेरी में बैठ गए | करीब 12 बजे सदन की खाली जगह पर दो बम धमाके हुए और फिर भगत सिंह ने एक के बाद एक कई फायर भी किए | धमाके के वक्त सदन में साइमन कमीशन वाले सर जॉन साइमन, मोतीलाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना, आरएम जयकर और एनसी केलकर भी मौजूद थे | दिल्ली असेंबली में बम फेंकने के बाद जो पर्चे उछाले गए थे, उन पर लिखा था- ‘बहरों को सुनने के लिए जोरदार धमाके की जरूरत होती है।’ ये पहले से तय था कि भगत और बटुकेश्वर गिरफ्तारी देंगे |


12 जून 1929 को ही भगत सिंह को असेंबली ब्लास्ट के लिए आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई  | हालांकि, जो बंदूक असेंबली में भगत सिंह ने सरेंडर की थी, वो वही थी जिससे सांडर्स की भी हत्या की गई थी | इसकी भनक पुलिस को लग चुकी थी, इस केस के लिए भगत को लाहौर की मियांवाली जेल में शिफ्ट किया गया | लाहौर जेल पहुंचते ही भगत सिंह ने खुद को राजनीतिक बंदियों की तरह मानने का और अखबार-किताबें देने की मांग शुरू कर दी | मांग ठुकरा दिए जाने के बाद 15 जून से 5 अक्टूबर 1929 तक भगत और उनके साथियों ने जेल में 112 दिन लंबी भूख हड़ताल की  वहीं 10 जुलाई को सांडर्स हत्या केस की सुनवाई शुरू हुई और भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव समेत 14 लोगों को मुख्य अभियुक्त बनाया गया | जिसके बाद 7 अक्टूबर 1929 को इस केस में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 24 मार्च के दिन फांसी की सजा सुनाई गई |


22 मार्च की रात तक अंग्रेजी हुकूमत ने सारी तैयारियां पूरी कर ली थी | इसके पीछे का मकसद ऐसा था कि तीनों क्रांतिकारियों को फांसी दिए जाने के तय दिन कोई हंगामा न हो जाए | अंग्रेजी हुकूमत देश भर में उठ रहे विरोध के स्वर और प्रदर्शन से डरी हुई थी | हालांकि, सजा पर अमल किये जाने वाली यह रातें पूरे देश के लिए उनींदीं रातें थी | जबकि दूसरी तरफ भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को किसी तरह की चिंता नहीं थी | ब्रिटिश सरकार को आशंका थी कि तय वक्त पर सजा देने के समय किसी तरह का विद्रोह पैदा न हो जाए इसलिए उन्होंने 24 मार्च की जगह आज ही के दिन यानि 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी देने का फैसला किया | जैसे ही तीनों फांसी के तख्ते पर पहुंचे तो जेल "सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है | 'इंक़लाब जिंदाबाद' और 'हिंदुस्तान आजाद हो' के नारों से गूंजने लगा और अन्य कैदी भी जोर-जोर से नारे लगाने लगे |  जिसके बाद से हर साल 23 मार्च का दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता हैं |


1910: मशहूर जापानी फिल्म डायरेक्टर अकीरा कुरोसावा का जन्म हुआ। 

1910: समाजवादी नेता और स्वतंत्रता सेनानी डॉक्टर राम मनोहर लोहिया का जन्म हुआ। 

1953: बायो फार्मास्यूटिकल कंपनी बायोकॉन की अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ का जन्म हुआ।

1956: पाकिस्तान दुनिया का पहला इस्लामिक रिपब्लिक देश बना। 

1976: केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी का जन्म हुआ। 

1998: जेम्स कैमरून की हॉलीवुड फिल्म टाइटैनिक को रिकॉर्ड 11 ऑस्कर अवॉर्ड मिले। 

2011: हॉलीवुड एक्ट्रेस एलिजाबेथ टेलर का निधन हुआ।