UPSC में सफलता के लिए 'विद्वान' नहीं 'बुद्धिमान' बनना है।
यूपीएससी के विषय में कई प्रकार के myths famous हैं। इनमे से सबसे प्रचलित myth यह है कि इस परीक्षा में सफल होने के लिए candidates को ढेर सारी किताबें पढ़नी पड़ती हैं और उसे हर विषय क scholar या एक्सपेर्ट होना चाहिए वरना सफलता मुश्किल है। अब इस बात को सुन कर सिर्फ हंसा जा सकता है क्योंकि यह practically possible ही नहीं है कि कोई एक आदमी हर विषय का scholar बन जाए। अब यह कोई टीवी debate तो है नहीं जहां एक ही व्यक्ति अलग अलग दिन अलग अलग क्षेत्रों क expert बन कर आ जाए तो जो भी चाहे बोल कर निकल जाए। बल्कि देख जाए तो इस परीक्षा क डिज़ाइन व्यावहारिकता को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है और यही कारण है कि यूपीएससी अपने candidates से हर subject की एक basic नॉलेज की अपेक्षा तो करता है लेकिन साथ ही वह यह भी देखता है कि candidate में wisdom कितनी है क्योंकि ग्राउंड पर situations को tackle करने के लिए knowledge से ज्यादा wisdom की जरूरत होती है।
इसमे कोई दोराय नहीं है कि यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे मुश्किल परीक्षा है और इस परीक्षा में सफल होने के लिए ज्ञान के साथ साथ strategic planning, time management, effective communication, and mental agility जैसी qualities भी होनी चाहिए। और यह सब qualities सिर्फ पढ़ाई से नहीं आती। इसके लिए किसी व्यक्ति के अंदर व्यावहारिकता का भी विकास होना चाहिए।
यूपीएससी के परीक्षा में सफलता सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करती कि कोई व्यक्ति कितना knowledgeable है बल्कि इस बात पर भी निर्भर करता है कि वह व्यक्ति कितना wise और स्मार्ट है। अपने मस्तिष्क में ज्ञान और सूचनाओं का अथाह समादर भर लेना ही पर्याप्त नहीं है लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि अलग अलग परिस्थितियों में उस ज्ञान और सूचना का इस्तेमाल किस प्रकार से करना है। यूपीएससी तो कैंडिडैट के इस बात का टेस्ट लेती है कि उसकी critical thinking ability कितनी है, वह complex issues को किस तरह समझता और उसका निपटारा करता है और वह अपने सोच और विचार को लेकर कितना आश्वस्त है।
Vast नॉलेज होना तो यूपीएससी के लिए सिर्फ एक starting point है जो आपको कुछ अन्य candidates के मुक़ाबले थोड़ी सी वरीयता दे सकता है लें इस परीक्षा में सफल होने के लिए यह जरूरी है कि आप अपने अंदर एक growth mindset डिवैलप करें जो आपको निरंतर सीखने के लिए प्रेरित करता रहे। इस परीक्षा के लिए आपको खुद को नए विचारों को accept करने के लिए तैयार करना पड़ेगा और साथ ही नयी परिस्थित्यों के अनुसार खुद को ढालना और अपने स्किल्स को समय और परीस्थिति के अनुसार बदलना या विकसित करना भी सीखना होगा।
यूपीएससी की परीक्षा में टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है, यह तो आप जानते ही होंगे। candidates से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने समय का सही और भर[उर इस्तेमाल अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए करेंगे। यह एक ऐसी क्वालिटी है जो ना सिर्फ परीक्षा बल्कि परीक्षा के बाद वर्किंग लाइफ में भी अहमियत रखती है। उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे कम समय में भी बेहतरीन निर्णय ले सकेंगे, जो भी जानकारी उनके पास है उसको अच्छी तरह प्रोसैस कर उसमे से महत्वपूर्ण हिस्सों को वरीयता देंगे।
यूपीएससी परीक्षा का एक और महत्वपूर्ण पहलू है - Effective communication skills। परीक्षा में अपने जवाबों में और इंटरव्यू में आयोग यह देखता है कि कोई कैंडिडैट अपने thought process को कितनी अच्छी तरह से process कर पा रहा है। उनके अंदर सवालों को पूरी तरह सुनने की, उसे समझने की और उसके बाद अपने विचारों को एकत्रित कर उनका जवाब देने की क्षमता होनी चाहिए।
अंत में आपसे यही कहना है की यूपीएससी को सिर्फ ज्ञान या जानकारी की परीक्षा समझने की भूल मत कीजिये। यह आपके ज्ञान से ज्यादा उस ज्ञान को process करने, और फिर उसे प्रदर्शित करने की ability को टेस्ट करता है। तो हम यह कह सकते हैं कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा knowledge और wisdom के समागम की परीक्षा है।