तैयारी के दौरान कैसे बनाएं प्री और मेंस की तैयारी का संतुलन
आपने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला कर लिया। उसके लिए किताबें भी जुटा लीं, टाइम टेबल भी बना लिया और जैसे ही पढ़ने बैठे, दिमाग में एक सवाल उठा – तैयारी शुरू कहाँ से की जाए? यानि पहले mains के लिए पढ़ा जाए या प्री के लिए? अब मन में सवाल उठा है तो जवाब भी तो ढूँढना पड़ेगा। तो आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब आज एक वीडियो में।
दोस्तों, यूपीएससी की तैयारी करने वाले कई लोग अपनी पढ़ाई प्री को ध्यान में रखते हुए शुरू करते हैं। कुछ हद तक उनकी सोच सही भी होती है कि यदि प्री ही नहीं हुआ तो mains में तो बैठने का मौका वैसे भी नहीं मिलेगा और यदि प्री qualify कर गए तो mains के लिए तीन महीने का समय तो मिलता ही है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो यह सोचते हैं कि mains का syllabus बहुत बड़ा है और इसलिए यूपीएससी की तैयारी mains की पढ़ाई के साथ शुरू करनी चाहिए और mains के syllabus में प्री का syllabus भी कवर हो जाएगा। अब इन दोनों में से कौन सा तरीका सही है, यह समझने के लिए पहले प्री और मेन्स के बीच का फर्क समझना होगा।
प्री objective नेचर की परीक्षा है जबकि मेन्स subjective। प्री में दो papers होते हैं और paper II qualifying होता है। वहीं मेन्स में language और essay को मिलाकर 9 papers होते हैं। अब चूंकि दोनों परीक्षाओं का नेचर एक दूसरे से बिल्कुल अलग है इसीलिए बेहतर यही होगा कि आप इन दोनों परीक्षाओं की तैयारी एक साथ करें।
अब यहाँ दूसरा सवाल यह उठता है कि दोनों की तैयारी एक साथ करने के लिए इन दोनों में बैलेन्स कैसे बनाए? इसके लिए आपको सबसे पहले दोनों exams की syllabus को अलग अलग पढ़ना चाहिए और फिर उन दोनों में से कॉमन टोपिक्स को मार्क कर लेना चाहिए। इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, राजव्यवस्था जैसे ऐसे कई विषय हैं जिनका सिलैबस दोनों परीक्षाओं के लिए कमोबेश एक ही है। तो आप चाहे तो इन subjects से अपनी तैयारी शुरू कर सकते हैं। इसके बाद आपको शुरुआत में अपना ध्यान mains की ओर थोड़ा ज्यादा देना चाहिए, यहाँ यह क्लियर कर देना जरूरी है कि हम यह मान कर चल रहे हैं कि आपके पास तैयारी के लिए एक साल या उससे ज्यादा का समय है।
जब आप इन कॉमन टोपिक्स को अच्छी तरह पढ़ लें तो आपको मेन्स के subjects की तैयारी करनी चाहिए। दोस्तों, मेन्स में आपको सवालों के जवाब लिखने पड़ते हैं और इसके लिए यदि आप शुरुआत से answer writing और एनालिटिकल स्किल्स develop नहीं करेंगे तो परीक्षा के दिन मुश्किल हो सकती है। इसके अलावा मेन्स में आपको अपने ऑप्शनल पेपर की भी परीक्षा देनी होती है और इसकी तैयारी के लिए आपको समय चाहिए। इस समय आपको प्री की ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं। कोशिश कीजिये कि आप मेन्स के सभी subjects इंक्लुडिंग essay, ethics और आपके ऑप्शनल पेपर को प्री exam के चार महीने पहले पूरा कर लें। परीक्षा के आखिरी 100 दिन आपको सिर्फ प्री को dedicate करना चाहिए। इस दौरान आपको बचे हुए syllabus को कंप्लीट करने के अलावा mock tests भी लेने चाहिए। जब परीक्षा में 100 या उससे भी कम दिन बचे हों, आपको मेन्स के बारे में बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए और सिर्फ प्री की तैयारी करना चाहिए क्योंकि यदि प्री में qualify नहीं कर पाये तो मेन्स में बैठने का मौका ही नहीं मिलेगा और सारी टाइरी धारी की धारी रह जाएगी और वैसे भी प्री और मेन्स के बीच आपको लगभग 100 दिन का समय मिलेगा जिसमे आप मेन्स के portion को अच्छी तरह cover कर सकते हैं।
इसे एक बार फिर से समझ लेते हैं - आपकी शुरुआत उन subjects और topics से होनी चाहिए जो प्री और मेन्स दोनों के लिए कॉमन हैं, इसके बाद प्री से तीन -चार महीने पहले तक मेन्स पर ज्यादा फोकस रखना चाहिए और आखिरी के 100 दिन सिर्फ प्री पर फोकस करना चाहिए। यहाँ एक बात आपको ध्यान रखनी चाहिए कि आप जिस भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हों, तो आपको दूसरी परीक्षा की चिंता नहीं करनी चाहिए वरना आपका ध्यान बंट सकता है और दोनों में से किसी भी परीक्षा की तैयारी ढंग से नहीं हो पाएगी।