हम सब के जीवन में कोई न कोई लक्ष्य जरूर होता है और हम सब उसे पाने के लिए अपने अपने तरीके से मेहनत भी करते हैं। मगर क्या हो जब आपका लक्ष्य कुछ ऐसा हो जिसके लिए आपको लाखों लोगों से compete करना पड़े और वो भी ऐसे लोगों से जिन्हें आप जानते भी नहीं? ऐसे में खुद को motivated रख पाना ही सबसे मुश्किल हो सकता है और एक बार आपका self motivation डगमगाने लगे तो फिर गलतियाँ होने लगती है जो निराशा का कारण बनती है और फिर गलतियों और निराशा का एक vicious circle बन जाता है जिसके मकड़ जाल से खुद को निकालना आसान नहीं होता। इस मकड़ जाल में फँसने से बचने का सबसे बेहतर उपाय यही है कि आप खुद को हर समय motivated रखें। कैसे? आइए जानते हैं |


जिंदगी में कई बार हम ऐसे लक्ष्य तय कर लेते हैं जिनको पाने में हमें खूब मेहनत करनी पड़ती है और खुद को भूलना पड़ता है. दिन-रात एक करके, सही दिशा और मार्गदर्शन के साथ हम सरहद पर तैनात किसी सैनिक से कम प्रतीत नहीं होते।  और सच कहिये तो ऐसा होना भी चाहिए. लक्ष्य-प्राप्ति करना कभी भी छोटा या बड़ा नहीं होता. लक्ष्य, लक्ष्य होता है।


अक्सर यह देखा गया है कि IAS उम्मीदवार अपने लक्ष्य की प्राप्ति के सपने अधिक देखते हैं जबकि उन्हें कड़ी मेहनत और लगन पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। IAS अधिकारी बनने के सपने बार-बार देखने से लक्ष्य की प्राप्ति का रास्ता आसान नहीं हो जाता है बल्कि IAS जैसी कठिन परीक्षा को पास करने के लिए उचित योजना एवं उसके निष्पादन के लिए प्रभावशाली रणनीति का होना बहुत हीं आवश्यक है। उदाहरण के लिए, यदि किसी IAS उम्मीदवार ने अपना लक्ष्य 100 से कम या नीचे के रैंक हासिल करना तय किया है तो उनके पास प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग रणनीति होना चाहिए। अपनी क्षमताओं एवं कमजोरियों के आधार पर, विभिन्न विषयों जैसे - सामान्य अध्ययन, वैकल्पिक विषय एवं साक्षात्कार के लिए अपने लक्ष्यों को निर्धरित करें। इसके अलावा विभिन्न विषयों के अनुसार अपने लक्ष्य के खण्डों में विभाजित करें। यह आपको न केवल परीक्षा की तैयारी के प्रबंधन में मदद करेगा बल्कि लंबे समय तक प्रेरित रहने के लिए भी मदद करेगा।


आप सभी हर दिन बहुत मेहनत से तैयारी करते हैं. अपनी सीमाओं को maximum level की ओर धकेलें। आप तब तक बेहतर प्रदर्शन करते हैं जब तक आप खुद से सवाल नहीं करते। अगर मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगा तो क्या होगा, क्या होगा अगर मैं उतना अच्छा नहीं हूँ, और जो कोई मुझसे बेहतर है, वह अंत में मुझसे आगे निकल जाएगा। जिस क्षण आप तय करते हैं कि कोई आपसे बेहतर है और तब आप असफलता की ओर बढ़ते हैं, इस समय आप अपना एक कदम पीछे खीचते हैं। भविष्य में क्या होगा यह हमेशा एक रहस्य है, लेकिन उस पर नज़र टिकाये रहना और इसके लिए काम करना ही एकमात्र ऐसी चीज है जो आपको दूसरों से अलग बनाती है।


केवल कुछ ही लोगों को ही पहली बार में सफलता प्राप्त होती है। लेकिन यह भी याद रखिए कि विफलताएं आपको आकार देती हैं, परंतु वे आपको कभी परिभाषित नहीं करते हैं।  एक से अधिक व्यक्ति एक निश्चित लक्ष्य को साझा कर सकते हैं, और अन्य व्यक्ति भी इस दौड़ में आपके साथ शामिल हो सकते हैं, लेकिन आपके द्वारा लिया गया रास्ता ही आपको अन्य से अलग बनाता है. वे व्यक्ति जो खुद पर कभी शक न करके बस अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहते हैं वह ही अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।


IAS उम्मीदवारों को अतीत के विफलताओं को पीछे छोड़कर वर्तमान पर अधिक बल देना चाहिए। अतीत की विफलताओं के बारे में सोचकर स्वयं को निराश करने के बजाय भविष्य में सुधार करने का प्रयत्न करना चाहिए। यदि IAS उम्मीदवार ऐसा प्रयास निरंतर रुप से करते हैं तो निश्चित हीं उनके लिए प्रेरणा का श्रोत बन जाएगा और IAS की तैयारी का परिणाम उनके लिए सुखद रहेगा।