UPSC में सफलता के लिए किसे बनाएं अपना MENTOR ?

आज कल के बदलते दौर में यूपीएससी की तैयारी का अंदाज़ भी बदल गया है। एक जमाना था जब स्टूडेंट्स coaching संस्थान से पढ़ाई करते थे और teachers की guidance में अपनी तैयारी करते थे। धीरे धीरे जमाना बदला और आज teachers के साथ साथ mentors की भी भूमिका अहम हो गयी है। आपने कई सफल लोगों को यह कहते सुना होगा कि अमुक व्यक्ति मेरा मैंटर है और मेरी सफलता में मेरे मैंटर का बहुत बड़ा योगदान है। mentors का रोल आज इतना इंपोर्टेंट हो गया है कि कई लोग आज teachers की बजाय mentors ढूँढने में ज्यादा विश्वास करते हैं। तो यूपीएससी crack करने के लिए क्या आपको भी mentor की जरूरत है, और यदि हाँ तो आपका mentor कैसा होना चाहिए।


Mentor कैसा होना चाहिए यह समझने के लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर मैंटर कौन होता है? मेंटर वह है, जो हमसे अपने अनुभवों से प्राप्त ज्ञान और शिक्षाएं साझा करता है। हमारी लक्ष्य प्राप्त करने वाले रास्ते की मुश्किलों को दूर करने के उपाय बताता है, और इसके अलावा हमें सफल बनाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित भी करता है। मेंटर वह है, जिसका आप जितना अनुसरण करते हैं, उतना ही आगे बढ़ते हैं। जीवन और कॅरिअर में हमें बड़ी सफलता हासिल करने के लिए मेंटर या संरक्षक की आवश्यकता होती है। जब हमें किसी भी विषय के बारे में बहुत ज़्यादा जानकारी और ज्ञान नहीं होता है। तब कॅरिअर और जीवन की सलाह देने का महत्वपूर्ण स्रोत मेंटर ही बनता है। वह लक्ष्य प्राप्ति के लिए हमें प्रेरित और प्रोत्साहित भी करता है।


अब दूसरा सवाल यह उठता है कि क्या आपको mentor की जरूरत है? तो इसका जवाब है हाँ। दोस्तों, हम चाहे कितना भी मेहनत कर लें लेकिन यदि उस मेहनत को सही दिशा ना मिले तो वो बेकार हो जाती है। एक mentor आपके लिए तैयारी की राह को आसान बनाता है, वह आपको आगे आने वाली मुश्किलों से आगाह करता है और यदि आप कसी समस्या में फंस जाएँ तो आपको उस समस्या को सुलझाने के उपाय बताता है।


तो अब आप इतना तो समझ गए होंगे कि एक मैंटर वही होगा जो आपको सही मार्गदर्शन दे सके और साथ ही विषय आधारित ज्ञान भी आपके साथ साझा कर सके। तो अपने mentor में आपको सबसे पहले यह दो qualities ढूंढनी चाहिए। इसके अलावा किसी भी मेंटर में आपको यह भी देखना चाहिए कि वह व्यक्तिगत तौर पर कितना सकारात्मक है। वह अपने ज्ञान, बुद्धि और विशेषज्ञता को दूसरों से कितना साझा करता है। उसके मानवीय लक्षणों के कारण सहकर्मी उसका कितना सम्मान करते हैं। वह जो प्रतिक्रिया और नए सुझाव देने में सक्षम हो। मेंटर में एक महत्वपूर्ण विशेषता यह भी होनी चाहिए कि वह इस बात में दिलचस्पी रखता हो कि उसके शिष्य को सफलता कैसे मिलेगी, न कि उसे यह चिंता हो कि कहीं उसका शिष्य उसके लिए खतरा न बन जाए। एक अच्छा mentor आपके लिए opportunities को ढूंढ कर निकालेगा और आपको आपके capabilities के अनुसार उनका फायदा उठाने में मदद भी करेगा।


अब आप सोच रहे होंगे कि आप अपना मैंटर कैसे ढूंढ सकते हैं तो इसका जवाब है कि आपको mentor ढूँढने  के लिए अलग से मेहनत करने की जरूरत नहीं है। आपका मैंटर कौन होगा, वह कहाँ मिलेगा इसका कोई तय जवाब नहीं हो सकता। आपको मेंटर ढूंढने की जरूरत नहीं है क्योंकि कई बार मेंटर हमें सामान्यत: काम करते समय, संस्थान में या रोजमर्रा की जिंदगी में कभी भी कहीं भी मिल सकते हैं। उदाहरण के तौर पर स्टीव जॉब्स को उनके मेंटर तब मिले जब वे टाइपराइटर बेचने जा रहे थे। वहीं बिल गेट्स को अपना मेंटर नौकरी के दौरान मिला।


अगर आपको इतनी सहजता और सरलता से मेंटर नहीं मिल रहे हैं तो आपको मेंटर ढूंढने की आवश्यकता है। आपका मेंटर कोई भी हो सकता है वह आपका क्लांइट, बॉस या कोई परिचित भी हो सकता है, लेकिन ऐसा तभी मुमकिन होगा जब आप अपने आंख और कान खुले रखेंगे। आप जिन लोगों की प्रशंसा करते हैं या जिनकी कुछ खूबियों और आदतों को अपनाना चाहते हैं वे भी आपके मेंटर हो सकते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है नेल्सन मंडेला जिन्हें कभी भी गांधीजी ने सीधे तौर पर मेंटर नहीं किया, लेकिन वे गांधी जी के बताए रास्तों का पालन करते रहे और उन्हें अपने मेंटर के रूप में स्वीकार किया।


तो आप भी आज से अपने आँख और कान खुले रखिए। लोगों की intrinsic qualities को देखने समझने की कोशिश कीजिए और उसके बाद ही किसी को अपना mentor बनाइए।