यूपीएससी crack करने के लिए नैतिकता कितनी महत्वपूर्ण है?


नैतिकता एक ऐसा गुण है जो बचपन से हम सब में डाला जाता है। अब कौन इसे कितना ग्रहण करता है और बचा कर रख पाता है यह तो व्यक्ति - व्यक्ति पर निर्भर करता है। लेकिन कुछ professions ऐसे भी होते हैं जिनमे सफल होने के लिए और अपनी duty को पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता से निभाने के लिए इंसान में नैतिक मूल्यों का होना बेहद जरूरी है। ऐसा ही profession है सिविल services। एक सिविल servant के लिए नैतिक मूल्यों का कितना महत्व है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में इसका एक पेपर होता है। लेकिन क्या एक यूपीएससी aspirant के लिए नैतिकता का महत्व सिर्फ किताबों तक ही सीमित है? आइए जानते हैं


क्या आपने कभी notice किया है कि private sector में काम करने वाले लोग कहते हैं कि वे जॉब करते हैं जबकि पब्लिक सैक्टर में कम करने वाले लोग कहते हैं कि वे सर्विस करते हैं। यह जो जॉब और सर्विस का फर्क है न यही नैतिकता के महत्व को दर्शाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि प्राइवेट सैक्टर में काम करने वाले लोगों में नैतिकता यानि integrity नहीं होती, बल्कि इसका मतलब यह है कि public sector में काम करने वाले लोग service यानि सेवा करते हैं और इसके लिए इंसान में integrity quotient हाइ होना अनिवार्य है।


नैतिकता का तात्पर्य नियमों की उस व्यवस्था से है जिसके द्वारा व्यक्ति का अंतःकरण अच्छे और बुरे का बोध प्राप्त करता है। नैतिकता का संदर्भ समाज में रहने वाले किसी सामान्य व्यक्ति के आचरण, समाज की परंपराओं या किसी राष्ट्र की नीतियों के विशेष अर्थ में मूल्यांकन से है। सभी विषयों में मूल्यांकन उपरांत उचित-अनुचित, अच्छा-बुरा, शुभ-अशुभ आदि नैतिकता के प्रत्ययों का प्रयोग किया जाता है। सामान्य जीवन में नैतिकता के लिये प्रायः मोरैलिटी शब्द का प्रयोग किया जाता है जबकि अध्ययन के क्षेत्र में एथिक्स का।


अब एक आईएएस या आईपीएस अधिकारी भले ही किसी जिले के प्रशासन या पुलिस का मुखिया होता है लेकिन इसके बावजूद उसके अंदर हमेशा जनता की सेवा का ही भाव रहना चाहिए। उसे कभी भी यह नहीं मान लेना चाहिए कि वह जनता का मालिक है और सभी लोगों को उसके आदेश का पालन करना चाहिए। बल्कि उसे अपना आदेश पारित करने से पहले आम जनता को भरोसे में लेना चाहिए और उन्हें यह समझाना चाहिए कि उसका निर्णय किस तरह से आम जन की भलाई के लिए है। लेकिन कभी कभी ऐसा भी होता है कि कुछ लोग कानून और प्रशासन को ताक पर रख कर मनमानी करने लगते हैं और आम जन को परेशानी का सामना करना पड़ता है। असि परिस्थिति में उस आईएएस या आईपीएस अधिकारी का यह नैतिक कर्तव्य होता है कि वह अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अपने इलाके में कानून व्यवस्था लागू करे। तो नैतिकता को किसी खास परिस्थिति या समूह में बांधा नहीं जा सकता।


देखा जाए तो ईमानदारी, करुणा, साहस, धैर्य, आदर, क्षमा, विनम्रता इत्यादि को नैतिक मूल्य कहा जा सकता है। अब हो सकता है कि आपको यह लगता हो कि आपके अंदर यह सब qualities मौजूद हैं लेकिन फिर भी समय समय पर खुद को इन qualities के लिए टेस्ट भी करते रहें। उदाहरण के लिए मान लीजिये आप दुकान से कोई समान खरीदते हैं और दुकानदार गलती आपको 100 की बजाय 500 का नोट वापस करता है। यदि आपके मन में फौरन उसे वह नोट वापस करने का ख्याल नहीं आता तो इसका मतलब है कि आपकी ईमानदारी पूरी तरह दृढ़ नहीं है। हो सकता है कि कल यदि कोई आपको 5 लाख की रिश्वत की पेशकश करेगा तो शायद आप उसे स्वीकार लेंगे। तो बेहतर होगा कि अपने आपको पैसों के मोह से विमुख करें। खुद को बार बार यह समझाएँ कि आपका ध्येय पैसा नहीं बल्कि समाज का कल्याण है और आपकी सबसे बड़ी कमाई समज में आपके लिए आदर ही है।


यह तो सिर्फ एक उदाहरण भर था लेकिन आपको खुद को अलग अलग परिस्थितियों में अपने integral values कोचेक्क अकर्ते रहना चाहिए ताकि जब आप आईएएस अधिकारी बन जाएँ तब भी कोई आपकी integrity को challenge नहीं कर सके।