आज की तारीख है 8 फरवरी

बात  है साल 1931 की , जब  मास्टर सूर्यसेन और उनके क्रांतिकारी साथियों ने चटगांव शस्त्रागार लूट को अंजाम दिया। उसके बाद से अंग्रेजों ने उस संगठन की  एक क्रांतिकारी महिला पर निगरानी को बढ़ा दिया था। जिसके  कारण वो महिला अपनी पढ़ाई छोड़कर अपने  गांव वापस लौट गईं लेकिन उन्होंने मास्टर सूर्यसेन के संगठन का दामन नहीं छोड़ा। इस दौरान संगठन के अनेक क्रांतिकारी नेता गिरफ्तार हुए और उस महिला ने संगठन के लोगों को अंग्रेजी पुलिस से रिहा करवाने के लिए जेल को उड़ाने की योजना बनाई। उस महिला ने चटगांव के यूरोपियन क्लब पर हमले की योजना बनाई। हमले को अंजाम देने के लिए उन्होंने  अपना वेश बदलकर रखा था। हालांकि, पुलिस को इस योजना की भनक लगी और उनको गिरफ्तार कर लिया गया।


लेकिन वो महिला  पुलिस को चकमा देकर भागने में पूरी तरह से सफल रहीं। क्रांतिकारी साथी सूर्यसेन के साथ मिलकर दो सालों तक वो महिला  विभिन्न आंदोलनों को अंजाम देती रहीं। बाद में उस महिला  के क्रांतिकारी साथी सूर्यसेन को गिरफ्तार किया गया और उनके साथियों सहित उनको फांसी की सजा और उस महिला  को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अब उस महिला को उम्रकैद की सजा मिल चुकी थी, वह किसी स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा नहीं बन सकती थी। लेकिन उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था। वह महिला कोई और नही कल्पना दत्त थी.


कल्पना दत्त का जन्म बंगाल के चटगांव में 27 जुलाई 1913 को हुआ था। छात्र जीवन में छात्र संघ की गतिविधियों में शामिल रहीं। इस दौरान उनकी मुलाकात बीना दास और प्रीतिलता जैसी क्रांतिकारी महिलाओं से हुई। उसके बाद क्रांतिकारी गतिविधियों में वह लगातार शामिल होने लगीं।  वह  पार्टी ‘इंडियन रिपब्लिकन आर्मी’ में शामिल हो गईं और आज़ादी की मुहिम का हिस्सा बन गईं।


साल 1937(सैंतीस) में प्रदेशों में मंत्री मंडल बनाए गए। तब देश के महात्मा गांधी और रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि द्वारा क्रांतिकारियों को छुड़ाने की मुहीम शुरू की गई थी। इस आंदोलन उग्र होने पर अंग्रेजों को बंगाल के कुछ क्रांतिकारियों को रिहा करना पड़ा था। उन्हीं क्रांतिकारियों में कल्पना दत्त भी थीं। जेल से बाहर आने के बाद कल्पना ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। बाद में उनका झुकाव कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ भी हुआ। साल 1943(तैंतालीस) में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव पूरन चंद जोशी के साथ विवाह किया और अब कल्पना दत्त कल्पना जोशी बन गयी थी। इस समय बंगाल भी अकाल और विभाजन से जूझ रहा था। तब कल्पना जोशी ने यहां लोगों के लिए कई राहत कार्य भी किए।


इसके बाद कल्पना  दत्त राजनीति में भी सक्रिय भूमिका में रहीं। साल 1943(तैंतालीस) में उनको कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार भी बनाया गया लेकिन वह विधानसभा चुनाव जीतने में सफल नहीं हो पाई। हालांकि, पार्टी में मतभेदों के वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ दी। कल्पना ने सक्रिय राजनीति से दूरी बना लेने के बाद चटगाँव लूट केस पर आधारित अपनी आत्मकथा को लिखा और उसके बाद वह एक सांख्यकी संस्थान में नौकरी करने लगीं। इसके बाद वह बंगाल से दिल्ली आ गईं। यहां वह इंडो सोवियत सांस्कृतिक सोसायटी का हिस्सा बनीं।


उनका निधन आज के ही दिन 8 फरवरी 1995(पंचानबे) को पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में हुआ। उनके निधन के बाद साल 2010 में उन पर एक फिल्म भी बनाई  गई। फ़िल्म का नाम ‘खेले हम जी जान से’ था। अपने महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए कल्पना दत्त को 'वीर महिला' की उपाधि से सम्मानित किया गया था।


दोस्तों आइए अब आखिर में जानते है देश और दुनिया की आज की तारीख यानि 8  फरवरी की अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में :


आज के ही दिन साल 1872(बहत्तर) में अंडमान-निकोबार में कालापानी की सजा काट रहे शेर अली ने वायसराय लॉर्ड मेयो की हत्या कर दी थी. 

वही साल 1897(सत्तानबे) में देश के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति जाकिर हुसैन का जन्म हुआ था. 

साल 1941(इकतालीस) में  गजल गायक जगजीत सिंह का जन्म हुआ था साथ ही साल 1943(तैंतालीस) में  सुभाष चंद्र बोस जर्मनी के एक नौका के जरिए जापान रवाना हुए थे . 

वही साल 1971(इकहत्तर) में  दुनिया के पहले इलेक्ट्रॉनिक शेयर बाजार नैस्डैक की शुरुआत हुई थी साल 1986(छियासी) में  दिल्ली एयरपोर्ट पर पहली बार प्रीपेड टैक्सी सर्विस शुरू हुई थी. 

साथ ही साल 1994 में  क्रिकेटर कपिल देव ने टेस्ट क्रिकेट में 432 विकेट लेकर न्यूजीलैंड के रिचर्ड हैडली का रिकॉर्ड तोड़ा था.. 

आज के ही दिन साल 2005में  इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी. 

वही साल 2008 में  ओडिशा के शिशुपालगढ़ में खुदाई के दौरान ढाई हजार साल पुराना शहर मिला था.