UPSC की तैयारी और किताबों का समुद्र
यूपीएससी की तैयारी की बात होते ही सबसे पहला चित्र जो हमारे दिमाग में आता है वह है ढेर सारी किताबें। किसी यूपीएससी aspirant के कमरे को देखिये तो आपको चारों तरफ सिर्फ किताबें ही नज़र आएँगी। लेकिन क्या आपने गौर किया है कि इनमे से अधिकांश किताबें इतिहास, भूगोल, विज्ञान, अर्थव्यवस्था इत्यादि की होती हैं जबकि ऐसे और भी कई विषय हैं जो यूपीएससी की अच्छी तैयारी करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। और इन विषयों के लिए छात्रों को अक्सर notes या unassorted study material पर निर्भर रहना पड़ता है। students की इसी जरूरत को ध्यान में रख कर Prabhat exam आपके लिए लेकर आया है कुछ ऐसी किताबें जो आपको जटिल विषयों की तैयारी करने में काफी मददगार साबित होंगी।
भारतीय संविधान एवं राज्यव्यवस्था – वैसे तो polity के विषय पर कई किताबें बाज़ार में उपलब्ध हैं और उनमे से एम लक्ष्मीकान्त की किताब को बाइबल माना जाता है लेकिन एक सच यह भी है कि एम लक्ष्मीकान्त की polity prelims की तैयारी के लिए अच्छी है मगर mains की तैयारी के लिए यह किताब पर्याप्त नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है कि आपको mains की तैयारी के लिए आपको ढेर सारी किताबें पढ़नी पड़ेंगी। आप चाहें तो Prabhat exam की भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था से mains की तैयारी बेहतरीन ढंग से कार सकते हैं। इसमे आपको हर टॉपिक का detailed explanation मिलेगा और साथ ही यह पुस्तक भारतीय संविधान एवं भारतीय राजव्यवस्था से सम्बद्ध समस्त अवधारणाओं का निष्पक्ष एवं सरल भाषा में विवरण प्रस्तुत करती है। इसमें संवैधानिक संरचना, संवैधानिक विकास, कार्यपालिका: संघ एवं राज्य, व्यवस्थापिका: केंद्रीय एवं राज्य, न्यायपालिका, स्थानीय शासन, नगरीय शासन, केंद्र-राज्य संबंध, आपातकालीन प्रावधान, कुछ राज्यों के लिए विशेष प्रावधान, संविधान संशोधन, संवैधानिक स्थँ, राष्ट्रीय एवं राज्य मानवाधिकार आयोग, नीति आयोग, भारत में राजनीतिक दल, दबाव समूह, स्वैच्छिक संगठन, लोकपाल एवं लोकायुक्त, भारत में खुफिया तंत्र, ई-शासन, कॉर्पोरेट गवर्नेस इत्यादि महत्वपूर्ण विषयों पर विश्लेषणात्मक सामग्री प्रस्तुत की गई है।
भारतीय कला एवं संस्कृति – कला एवं संस्कृति यूपीएससी की परीक्षा में एक महत्वपूर्ण पक्ष है। अक्सर देखा गया है कि इस विषय के सवाल इतिहास, भूगोल और संविधान के तत्वों को साथ में जोड़ का जाते हैं और यही कारण है कि इस विषय की तैयारी करने के लिए इसकी detailed understanding बहुत जरूरी है। इस पुस्तक में तथ्यात्मक ज्ञान के साथ-साथ विकास अनुक्रम, अद्यतन सूचना, आंकड़ों पर आधारित पिक्टोग्राफिकल प्रस्तुति की गयी है। इसके अलावा इसमे विगत वर्षों के प्रश्नों का प्रवृत्ति विश्लेषण एवं अध्ययन रणनीति दी गयी है और साथ ही प्रत्येक अध्याय के अंत में सार संचिका तथा अभ्यास प्रश्न दिए गए हैं ताकि आप अपनी तैयारी के स्तर को समय समय पर जांच सकें।
भारत की आंतरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन – आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन एक व्यावहारिक मुद्दा है जिसकी अच्छी समझ एक यूपीएससी candidate में होना वांछित है। इस विषय की महत्ता को Prabhat exam अच्छी तरह समझता है और इसीलिए आपकी अवश्यकतों को ध्यान में रखते हुए इस किताब की रचना की गयी है। इसमें भारत की आतंरिक सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है I तीन भागों में विभाजित इस पुस्तक में आतंकवाद, साइबर अपराध, तटीय सुरक्षा , नक्सलवाद, कालाधन, मनी लांड्रिंग, हवाला कारोबार, कश्मीर समस्या, सांप्रदायिकता इत्यादि प्रमुख विषयों पर विश्लेषणात्मक सामग्री प्रस्तुत की गई है।
अंतरराष्ट्रीय संगठन – हमारी आज की दुनिया को चलाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन एक निर्णायक भूमिका निभाते हैं। विगत कुछ वर्षों में यूपीएससी ने भी इसके महत्व को समझा है और इनसे कई सवाल परीक्षा में पूछे हैं। अब स्टूडेंट्स के साथ समस्या यह है कि उन्हें इन सगठनों के बारे में जानकारी एक जगह नहीं मिल पाती और यदि मिलती भी है तो इंग्लिश में। अत: इसी अभाव की पूर्ति हेतु इस ग्रंथ ‘अंतरराष्ट्रीय संगठन विश्वकोश’ का सृजन किया गया है। इस पुस्तक में सौ से अधिक अंतरराष्ट्रीय संगठनों का सांगोपांग वर्णन है। प्रत्येक संगठन के अंत में उससे संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्यों को कोष्ठक में दिया गया है। पुस्तक की विषयवस्तु को उपयोगी बनाने हेतु अंतरराष्ट्रीय संगठनों से संबंधित कई पुस्तकों से संदर्भ भी लिये गए हैं।
भारतीय विदेशी नीति - किसी भी देश की विदेश नीति विश्व में उसके महत्व और स्थान को निर्धारित करती है और यही कारण है कि यूपीएससी candidates से यह अपेक्षा रखता है कि वे विदेश नीति को अच्छी तरह से समझें और उस पर अपना मन्तव्य तैयार करें। वैसे तो विदेश नीति पर कई किताबें आपको बाज़ार में मिलेंगी लेकिन उनको exam को ध्यान में रख कर नहीं किया गया है। Prabhat exam ने इसी कमी को ध्यान में रख कर भारतीय विदेश नीति की यह पुस्तक तैयार की है। इस पुस्तक में भारत के पूर्व विदेश सचिव श्री जे.एन. दीक्षित द्वारा पचास वर्षों की अवधि के विस्तृत फलक पर भारतीय विदेश नीति के विभिन्न चित्र सशक्त तथा प्रभावशाली ढंग से उकेरे गए हैं। इस पुस्तक में विश्व के विभिन्न देशों—विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ, चीन तथा पाकिस्तान आदि के साथ भारत के संबंधों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करते हुए घटनाओं के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय संबंधों का विशद् विवेचन किया गया है। भारतीय विदेश नीति को आधार बनाकर लिखी गई यह पुस्तक निस्संदेह एक उत्कृष्ट कृति है।
UPSC प्रसिद्ध पुस्तकें :-