सफलता और संघर्ष एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं, हाँ यह अलग बात है कि यह दोनों पहलू ना सिर्फ एक दूसरे को पूरा करते हैं बल्कि एक दूसरे से directly proportional भी होते हैं यानि जितना संघर्ष होगा सफलता भी उतनी ही ऊंची होगी। यह बात सदियों से मनुष्य की प्रगति को निर्धारित करती आ रही है, तभी तो गीता में भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा है कि कर्म करो, फल की चिंता मत करो, इसे अन्य शब्दों में समझा जाए तो भगवान ने यह समझाने की कोशिश की है कि कर्म मनुष्य के हाथ में है और उस कर्म के अनुसार उचित फल उसे जरूर मिलेगा।
दोस्तों, आप सब ने थॉमस अल्वा एडिसन का नाम तो जरूर सुना होगा। उनके नाम पर एक हज़ार से भी अधिक आविष्कारों के patent दर्ज है। एक बार जब किसी ने उनसे उनकी गलतियों के बारे में पूछा तो उनका जवाब कुछ ऐसा था जो हर व्यक्ति को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होने कहा कि मैं यह नहीं मानता कि मैं असफल हुआ बल्कि मैंने ऐसे कई तरीके ढूंढ निकाले जिनसे यह काम पूरा नहीं हो सकता। दरअसल यह उनके संघर्ष करते रहने की प्रवित्ति को दर्शाता है जिसने उन्हें दुनिया में एक अमर नाम बना दिया।
आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं तो संघर्ष के लिए कमर कस लीजिये क्योंकि आपने जो लक्ष्य चुना है वो साधारण नहीं है और असाधारण को हासिल करने के लिए असाधारण और अथक संघर्ष की जरूरत होती है। यह संघर्ष ही है जो हमें अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर और उसे पाने के लिए प्रेरित करता है। संघर्ष की सबसे अच्छी बात यह है कि यह एक अद्भत शिक्षक है। व्यक्ति जीवन में संघर्ष करने से बहुत कुछ सीखता है। संघर्ष उसे धैर्यवान,मजबूत और शक्तिशाली व्यक्ति बनाता है। संघर्ष से हम यह सीखते है कि दु:खों से भरे संसार में सुख और सफलता को पाने के विकल्प भी मौजूद हैं। हमें कभी भी जीवन में आए हुए संघर्ष करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
देखा जाए तो हमारा पूरा जीवन एक संघर्ष है और जब तक हम जीवित हैं तब तक हमें अपने सपनों को साकार करने के लिए हर पल किसी न किसी चीज के लिए संघर्ष करना पड़ता है। संघर्ष के बगैर जीवन में कभी भी सफलता नहीं मिलती है। इसे ऐसे समझें कि आम आदमी को ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी को अपना पेट भरने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। जीवन में तमाम तरह की बाधाओं और चुनौतियों के बाद भी परिस्थितियों से जूझते जाना ही संघर्ष कहलाता है। दअरसल, यह संघर्ष ही है जो हमें अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर और उसे पाने के लिए प्रेरित करता है. इतिहास के पन्नों पर जितने भी महान लोगों के नाम दर्ज हैं, वे सभी संघर्ष के दम पर ही दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना पाए हैं।
आचार्या चाणक्य ने भी कहा है कि जीवन में सफलता उसी के हिस्से में आती है, जो संघर्ष से नहीं घबराता है। संघर्ष में सफलता छिपी होती है। इसलिए संघर्ष से भयभीत नहीं होना चाहिए। संघर्ष से प्राप्त सफलता लंबे समय तक कायम रहती है. ऐसी सफलता दूसरों को प्रेरणा प्रदान करती है। संघर्ष व्यक्ति को कुशल बनाता है. संघर्ष के दिनों में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए –
1. असफलताओं से निराश ना हों
2. तनाव से दूर रहें
3. लक्ष्य तक पहुँचने का एक हू तरीका है – परिश्रम
जीवन संघर्ष के दो पहलू हैं - एक नकारात्मक अनुभव और एक सकारात्मक अनुभव। जब मनुष्य जीवन संघर्ष के दौर में गुजर रहा होता है तब जीवन संघर्ष उसके लिए एक नकारात्मक अनुभव ले आती है ओर यही उसके लिए नकारात्मक अनुभव साबित होती है, लेकिन संघर्ष के दौर को जब मनुष्य पार कर जाता है तब संघर्ष के सकारात्मक पक्ष का अनुभव होने लगती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि संघर्ष चाहे कितने भी कष्ट पूर्ण हो फिर भी वह एक उज्ज्वल भविष्य के लिए सर्वदा मार्ग प्रशस्त करती रहती हैं।
जीवन संघर्ष के दो पहलू हैं - एक नकारात्मक अनुभव और एक सकारात्मक अनुभव। जब मनुष्य जीवन संघर्ष के दौर में गुजर रहा होता है तब जीवन संघर्ष उसके लिए एक नकारात्मक अनुभव ले आती है ओर यही उसके लिए नकारात्मक अनुभव साबित होती है, लेकिन संघर्ष के दौर को जब मनुष्य पार कर जाता है तब संघर्ष के सकारात्मक पक्ष का अनुभव होने लगती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि संघर्ष चाहे कितने भी कष्ट पूर्ण हो फिर भी वह एक उज्ज्वल भविष्य के लिए सर्वदा मार्ग प्रशस्त करती रहती हैं।
दोस्तों, जीवन एक बार मिलता है बार-बार नहीं। कई लोग अपने इस जीवन में सफलता की झंडे गाड़ देते है और कइयों को अपना वजूद ही पता नहीं चलता। ये आपको स्वयं तय करना है की आप एक सफल व्यक्ति बनेगे या फिर चलती भीड़ का हिस्सा बनेगे। ये जिंदगी आपकी और मंजिल भी आपकी और उसे तय करने और चुनाव करने का फैसला भी आपका है। सपने आपके होंगे ख़ुशी आपकी होगी और संघर्ष भी आपका ही होगा।